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सामाजिक, आर्थिक सुधार के संदर्भ में उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका : राष्ट्रपति कोविंद

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Positive India ,शिलांग, चार नवंबर
(भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान मानव विकास सूचकांक में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने के लिए बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
कोविंद ने मेघालय के शिलांग में नॉर्थ ईस्टर्न हिल विश्वविद्यालय (एनईएचयू) के 26 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान विश्वविद्यालय और करीब 75 संबद्ध कॉलेजों के 14,500 छात्र-छात्राओं को विभिन्न डिग्रियां प्रदान की गयीं।
राष्ट्रपति ने कहा कि एनईएचयू जैसे उच्च शैक्षिक संस्थान सामाजिक और आर्थिक सुधार के संदर्भ में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। मानव विकास सूचकांकों में मेघालय के दर्जे को बेहतर बनाने में एनईएचयू मददगार साबित हो सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मेघालय की 80 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या खेती पर निर्भर है। कृषि उत्पादकता में सुधार लाने में मदद करके, एनईएचयू मेघालय और पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकता है। एनईएचयू के “ग्रामीण विकास एवं कृषि उत्पादन”, “कृषि व्यवसाय और खाद्य प्रौद्योगिकी” और “उद्यान” विभागों के शिक्षक और छात्र किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने रोजगार और स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऐसे प्रयासों को अत्यधिक प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है।
स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों यू टिरोट सिंग, यू किआंग नांगबा और पा तोगन संगमा के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश, मेघालय में प्रगतिशील समाज से काफी कुछ सीख सकता है, जहां महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है ।
कोविंद ने कहा कि वह पूर्व में सांसद के तौर मेघालय आए थे और एशिया में साफ-स्वच्छ गांव बनने के लिए मावलिनोंग की सराहना की थी ।
राष्ट्रपति ने दिव्‍यांगों के उत्‍थान में योगदान और ‘डिसेबल वेलफेयर ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ की स्थापना में मदद करने वाले कनुभाई हसमुखभाई टेलर को डी लिट प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की ।
उन्होंने हितधारकों से सामाजिक दायित्व पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया। विश्वविद्यालय के छात्रों को गांवों में समय गुजारने, ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने और शिक्षा की महत्ता, सफाई, बच्चों के टीकाकरण और पोषण के बारे में जागरूक बनाने को कहा।

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