रोहिंगया मुसलमान बनाम बंगाल में राजनैतिक हिंसा
अशांति का मूल कारण रोहिंगया मुसलमान है
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
पश्चिम बंगाल की आज की हालत गंभीर है । आज लोकतंत्र के नाम से सिर्फ गुंडागर्दी खुलकर हो रही है । अभी यहां जितनी राजनीतिक हत्याएँ हो रही है, वो चिंता की बात है । आज बंगाल मे कानून व्यवस्था चरमरा सी गई है । वहीं सत्ताधारी दल खुलकर सत्ता का संरक्षण प्राप्त कर रहे है । अवैध बांग्लादेशी तथा रोहिंगया मुसलमानों ने यहां के भ्रष्टाचार और राजनीतिक वोट के चलते अपनी नागरिकता बना ली है; वो भी यही चाह रहे है कि ममता की सरकार बनी रहे, जिससे उनकी नागरिकता बरकरार रहे । इसलिए उनके तरफ से भी जो बयान आ रहे है वो भी चिंताजनक है । जब यहाँ के राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए इनके बसे रहने मे अपनी भलाई समझते है तो ऐसे पार्टियों को शर्म महसूस होनी चाहिए कि ये अपना राजनीतिक धर्म नही निभा रहे है । उन्हे सत्ता के लोभ मे यह भी चिंता नही कि यहाँ के संसाधन का ये लोग फायदा उठा रहे है और जो असल हकदार है वो इससे प्रभावित हो रहे है । दुर्भाग्य से ये राजनीतिक दल अपने सियासी फायदे के लिए इस मुद्दे को साम्प्रदायिक रूप देने की कोशिश कर रहे है ताकि इसका पूरा लाभ बांग्लादेशी मुसलमानों को मिले । वैसे भी पिछले दो साल से वहा की मुख्यमंत्री ने जिस तरह तुष्टिकरण के चलते, दुर्गा पूजा मे भी जिस तरह व्यवधान डाला गया वह कदापि स्वीकार्य नहीं है । अंत मे वहा के हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और अनुमति वहां से ली गई । पश्चिम बंगाल मे राजनीतिक हालात ऐसे हैं कि राजनीतिक दुश्मनी खुलकर चल रही है, जिसमें पूरा प्रश्रय नेताओं से मिल रहा है । तृणमूल कांग्रेस को पहले बार कड़ी चुनौती भाजपा से मिली है । लोकसभा के चुनाव मे भाजपा की सफलता ने उसके हौसले बुलंद कर दिए है और अब भाजपा राज्य मे भी सत्ता पर काबिज होना चाहती है । वहीं टीएमसी को सत्ताच्युत होने का डर सता रहा है । पश्चिम बंगाल मे जो दिख रहा है, खुलकर सत्ता के लिए गंदा खेल ही माना जाएगा । अवैध बांग्लादेशी और
रोहिंगया मुसलमान घुसपैठियो को बाहर निकालने की बात भी बहुत संवेदनशील मामला है । ये रोहिंगया मुसलमान भी नही चाहते कि यहाँ से निर्वासित हो और यहाँ कोई ऐसी राष्ट्रवादी सरकार बने जिससे उन्हे बंगाल छोड़कर जाना पड़े । इसीलिए वो ऐसे हालात बनाकर रखने मे अपना हित समझ रहे है । यहां के मूल निवासियों को बांग्लादेशी घुसपैठियो को बाहर करने के लिए, जो इनका हक मार रहे है, बीजेपी के रूप मे एक मजबूत कंधा मिल गया है; जिसके कारण भाजपा और मजबूत हो रही है । जब तक विधानसभा चुनाव नही हो जाते ऐसे स्थिति मे हालात ऐसी ही बने रहेंगे । कुल मिलाकर राजनीतिक ये खेल है जिसमे गेंद एक दूसरे के पाले मे डालते रहेंगे, जिससे जनता ही प्रभावित होती रहेगी । विश्व मे यही गजब देश होगा जहां राजनीतिक प्रचार के लिए बांग्लादेशी कलाकार को बुला रहे है । वहीं रोहिंगया मुसलमान को भी बसाया जा रहा है । अशांति का मूल कारण यही लोग है । जहा तक केंद्र सरकार की बात है, ये गृहमंत्री अमितशाह की भी अग्नि परीक्षा है ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)