Positive India:25 November 2020:
कांग्रेस को यह पता लग गया था कि यदि 2012 का विधानसभा चुनाव नरेंद्र मोदी जीत गए तब वह प्रधानमंत्री पद के तगड़े दावेदार बन जाएंगे और राहुल गांधी का प्रधानमंत्री बनने का सपना अधूरा रह जाएगा
उसके बाद कांग्रेस ने एक ऑपरेशन नरेंद्र मोदी अभियान चलाया, जिसकी पूरी कमान अहमद पटेल के हाथों में थी।
अहमद पटेल ने एक साथ लगभग 8 मोर्चे पर काम किया।
पहला मोर्चा था नरेंद्र मोदी का चरित्र हनन करना उनके चरित्र पर कीचड़ उछालना… उसके लिए अहमद पटेल ने प्रदीप शर्मा नामक आईएएस ऑफिसर को मोहरा बनाकर एक फर्जी कहानी मीडिया में प्लांट करवाया कि नरेंद्र मोदी एक लड़की को बार-बार फोन करते हैं उसकी जासूसी करवाते हैं।
दूसरा मोर्चा था 2012 विधानसभा चुनाव में गुजरात की मीडिया को खरीद कर नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल बनाना और उसके लिए अहमद पटेल ने न्यूजप्रिंट कागज को मोहरा बनाया।
दरअसल मान्यता प्राप्त अखबारों को भारत सरकार न्यूज़ प्रिंट कागज पर सब्सिडी देती है, यह पेपर कनाडा से आता है और यदि सरकार सब्सिडी ना दे तो अखबार इतना महंगा हो जाएगा कि कोई अखबार खरीदेगा ही नहीं, इसीलिए भारत सरकार हर एक न्यूज़पेपर हाउस को न्यूज़ प्रिंट कोटा देती है, जिसमें उन्हें भारी भरकम सब्सिडी मिलती है।
अहमद पटेल ने गुजरात के 3 बड़े अखबार दिव्य भास्कर गुजरात समाचार और संदेश से कहा मैं तुम्हारा सब्सिडी कोटा बढ़ा दूंगा बल्कि तुम बैक डोर से भी हर महीने तीन-चार कंटेनर सब्सिडी लेकर इम्पोर्ट करो उसकी सब्सिडी भी लो और उसे खुले बाजार में मार्केट रेट पर बेचकर पैसे कमाओ, लेकिन शर्त यही है कि तुम्हें मोदी के खिलाफ गुजरात सरकार के खिलाफ खबरें खूब छापनी है।
इतना ही नहीं गुजरात समाचार के मालिक शांतिलाल शाह को पद्म विभूषण भी दिया गया।
संदेश अखबार के मालिकों को रियल एस्टेट बिजनेस के लिए बहुत बड़ी जमीन जो एनजीटी के अंतर्गत थी उसे केंद्र की मनमोहन सरकार ने क्लियर करवा दिया और संदेश ग्रुप ने रिंग रोड पर विशाल टाउनशिप बनाई।
इन तीनों अखबारों ने खतरनाक मोदी विरोध का बवंडर चला दिया था ।
मुझे याद है उस वक्त मैं नरेंद्र मोदी से मिला था और मैंने यह सवाल किया था कि सर स्टार न्यूज़ एनडीटीवी से लेकर गुजराती मीडिया भी आप के खिलाफ इतना कुछ लिख रही है तो मोदी जी ने मुस्कुराते हुए कहा था कि जेपी मेरी सबसे बड़ी ताकत सोशल मीडिया है, तुम जैसे लोग हो जो इनके झूठ का अगले ही पल खुलासा कर देते हो और वह तेजी से वायरल भी होता है।
अहमद पटेल ने तीसरा मोर्चा नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों में फंसाने के लिए रचा और उसके लिए उसने संजीव भट्ट को अपना मोहरा बनाया।
संजीव भट्ट की बेटी का दाखिला महाराष्ट्र के d.y. पाटील मेडिकल कॉलेज में मुख्यमंत्री कोटे से करवा दिया गया, उसकी वाइफ को राज्यसभा में भेजने का लालच दिया गया और संजीव भट्ट मीडिया में झूठी बातें प्रचारित करने लगा। उसकी सारी बातें सुप्रीम कोर्ट में झूठ साबित हुई। खैर, गुजरात सरकार ने भी संजीव भट्ट को उसकी औकात बता दी उसकी सारी पुरानी फाइल खोलकर उसे सलाखों में डाल दिया।
आज उसकी पत्नी कहती है कि हमें कांग्रेस ने बलि का बकरा बना दिया।
चौथा मोर्चा अहमद पटेल ने नरेंद्र मोदी को फर्जी एनकाउंटर केस में खोला। गुजरात में जितने भी आतंकवादियों का इनकाउंटर हुआ, केंद्र में मनमोहन सरकार थी। कई एनजीओ को खुद पैसे दिए गए, उसमें शबनम हाशमी, तीस्ता सीतलवाड़, मुकुल सिन्हा जैसे लोग थे। यह लोग किसी भी तरह से यह चाहते थे कि फर्जी एनकाउंटर केस में नरेंद्र मोदी फंसे, उनको जेल हो, यहां तक कि इन्होंने अमित शाह को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन नरेंद्र मोदी के ऊपर बाबा महाकाल की कृपा थी, लाख कोशिश करने के बाद भी यह नरेंद्र मोदी पर हाथ नहीं डाल सके।
इतना ही नहीं इन्होंने पार्टी के भीतर भी बहुत गहरी साजिश रची। केशुभाई पटेल को बगावत के लिए अहमद पटेल ने ही उकसाया था।
पांचवा मोर्चा अहमद पटेल ने सरदार सरोवर नर्मदा परियोजना की फाइल रुकवा कर कर दिया ताकि गुजरात में अकाल पड़ता रहे, गुजरात सरकार बदनाम हो। नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी 5 दिनों तक आमरण अनशन किया, मनमोहन सरकार बैकफुट पर आई और उसने बांध की ऊंचाई बढ़ाने का परमिशन दिया।
छठा मोर्चा अहमद पटेल ने सीबीआई और ईडी को लेकर किया। तमाम बीजेपी नेताओं के घर पर छापे पड़ते थे, चाहे वह नितिन गडकरी हो चाहे वह दूसरे नेता हो.. गुजरात में सीबीआई बहुत से नेताओं को परेशान करती रही थी।
खैर जिसके ऊपर बाबा महाकाल की कृपा हो अहमद पटेल तो क्या कायनात की कोई ताकत कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकती है !!
साभार:जेपी वाया सुजीत तिवारी-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)