रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ने आईसीयू में भर्ती कोरोना संदिग्ध महिला को बाहर निकाला
एपिडेमिक एक्ट तथा नर्सिंग होम अधिनियम की धज्जियां उड़ाता रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल।
Poditive India:Raipur:19 March2020:
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल(Ramkrishn Care Hospital)ने आईसीयू में भर्ती करोना संदिग्ध(Corona Suspect) महिला को जबरिया अस्पताल से बाहर निकाल दिया। खबरों के मुताबिक भिलाई की महिला गंभीर बीमारी से पीड़ित थी तथा रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में आईसीयू(ICU) में वेंटीलेटर पर थी तथा जिंदगी और मौत से लड़ रही थी। कोरोना वायरस(#CORONAVIRUS)के लक्षणों के संदेह के आधार पर उक्त महिला का सैंपल टेस्ट करने के लिए एम्स भेजा गया। इसी बीच 18 तारीख की रात 9:00 बजे रामकृष्ण केयर अस्पताल के प्रबंधन ने वेंटीलेटर पर चल रही आईसीयू में भर्ती उक्त महिला को जबरदस्ती अस्पताल से बाहर कर दिया।
कोरोना(CORONA) मेडिकल इमरजेंसी के दौरान रामकृष्ण केयर अस्पताल द्वारा जबरजस्ती मरीज को बाहर कर देने के बाद सदमे में आए हुए पीड़ित के परिजनों ने उक्त मरीज को आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया तथा इस मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग को की। स्वास्थ विभाग ने इस गंभीर मामले को तुरंत संज्ञान में लेते हुए रामकृष्ण केयर अस्पताल को नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर इसका जवाब तलब किया है। ज्ञात हो पूरे देश में एपिडेमिक रेगुलेशन एक्ट 1897 लागू हो चुका है जिसके तहत इस तरह के गैर जिम्मेदाराना हरकत के लिए किसी भी अस्पताल पर कठोर कार्रवाही का प्रावधान है।
#COVID-19 को रोकने के लिए भारत सरकार तथा सभी राज्य सरकारों ने 31 मार्च तक स्कूल, कॉलेज मॉल, मल्टीप्लेक्स तथा सभी मीटिंग व कॉन्फ्रेंसेस को रद्द किया हुआ है। इसे रोकने के लिए रेल मंत्रालय ने 200 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया हैं। इतना होने के बावजूद रामकृष्ण केयर अस्पताल का करोना संदिग्ध को जबरिया डिस्चार्ज करना मेडिकल एथिक्स के खिलाफ है तथा इस अस्पताल के विरुद्ध स्वास्थ्य मंत्रालय तथा छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
अंबेडकर अस्पताल के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ रवींद्र पंडा के अनुसार उक्त पीड़ित महिला को आइसोलेशन में रखा गया है। कोरोना वायरस की जांच के लिए मरीज का सैंपल AIIMS में गया हुआ है जिसकी अभी रिपोर्ट नहीं आई है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने रामकृष्ण केयर अस्पताल को पत्र जारी कर एपिडेमिक डिजीज एक्ट तथा नर्सिंग होम अधिनियम के तहत जवाब तलब किया है। पर क्या इतने बड़े रसूखदार अस्पताल पर कोई कार्रवाई होगी, इसका संशय बना हुआ है।