Positive India:Rajesh Jain Rahi:
राम के प्रभाव पर, राम के स्वभाव पर,
लिखने को सदियाँ भी, कम पड़ जाएंगी।
राम सबके हैं प्यारे, कितने मैं लिखूँ नाम,
दुनिया की कॉपियाँ भी, कम पड़ जाएंगी।
गीत, छंद, दोहे और, सोरठे लिखूँ मैं कई,
अरबों चौपाइयाँ भी, कम पड़ जाएंगी।
राम आसमां से ऊँचे, गहरे हैं सागरों से,
खरबों कहानियाँ भी, कम पड़ जाएंगी
लेखक:कवि राजेश जैन राही, रायपुर