Positive India :Delhi; Aug 28, 2020.
मंत्रिमंडल मे मेरे सहयोगी राजनाथ , Chief of Defence Staff जनरल बिपिन रावत, सेना के तीनों अंगों के प्रमुख, भारत सरकार के सभी उपस्थित उच्चाधिकारी, उद्योग जगत के सभी साथी, नमस्कार।
मुझे खुशी है कि भारत में रक्षा उत्पादन से जुड़े हुए सभी अहम stakeholders आज यहां मौजूद हैं। इस सेमिनार के आयोजन के लिए रक्षामंत्री राजनाथ और उनकी पूरी टीम को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज यहां हो रहे इस मंथन से जो परिणाम मिलेंगे, उनसे रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के हमारे प्रयासों को अवश्य बल मिलेगा, गति मिलेगी और आप सबने जो सुझाव दिए हैं, आज आपने एक सामूहिक मंथन किया है, वो अपने-आप में आने वाले दिनों के लिए बहुत उपकारक होगा।
मुझे इस बात की भी खुशी है कि रक्षामंत्री राजनाथ इस काम के लिए mission mode में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। मुझे विश्वास है कि उनके इन अथक प्रयासों के कारण बहुत ही अच्छे परिणाम मिलना निश्चित है।
साथियो, ये किसी से छिपा नहीं है कि भारत कई सालों से दुनिया के सबसे बड़े Defence Importers में एक प्रमुख देश रहा है। जब भारत आजाद हुआ था तो उस समय रक्षा उत्पादन के लिए भारत में बहुत सामर्थ्य था। उस समय भारत में 100 साल से अधिक समय से स्थापित रक्षा उत्पादन का Ecosystem था। और भारत जैसा सामर्थ्य और potential बहुत कम देशों के पास था। लेकिन भारत का दुर्भाग्य रहा कि दशकों तक इस विषय पर उतना ध्यान नहीं दिया गया जितना देना चाहिए था। एक प्रकार से ये routine exercise बन गया, कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए थे। और हमारे बाद में शुरूआत करने वाले अनेक देश भी पिछले 50 साल में हमसे बहुत आगे निकल गए। लेकिन अब स्थिति बदल रही है।
पिछले कुछ वर्षों में आपने अनुभव किया होगा कि हमारा प्रयास इस सेक्टर से जुड़ी सभी बेड़ियां तोड़ने का एक निरंतर प्रयास है। हमारा उद्देश्य है कि भारत में manufacturing बढ़े, नई technologies का भारत में ही विकास हो और प्राइवेट सेक्टर का इस विशेष क्षेत्र में अधिकतम विस्तार हो। और इसके लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया में सुधार, level playing field की तैयारी, export की प्रक्रिया का सरलीकरण, offset के प्रावधानों में सुधार; ऐसे अनेक कदम उठाए गए हैं।
साथियो, मेरा मानना है कि इन कदमों से भी अधिक महत्वपूर्ण है रक्षा क्षेत्र में देश में एक नई मानसिकता हम सब अनुभव कर रहे हैं, एक नई मानसिकता का जन्म हुआ है। आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मविश्वास की भावना अनिवार्य है। बहुत लंबे समय से देश में Chief of Defence Staff की नियुक्ति पर विचार किया जा रहा था, लेकिन निर्णय नहीं हो पा रहा था। ये निर्णय नए भारत के आत्मविश्वास का प्रतीक है।
बहुत लंबे समय तक रक्षा उत्पादन में विदेशी निवेश की अनुमति नहीं थी। श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल की सरकार के समय ये नई पहल की शुरूआत हुई थी। हमारी सरकार आने के बाद इसमें और सुधार किए गए और अब पहली बार इस सेक्टर में 74 पर्सेंट तक एफडीआई ऑटोमेटिक रूप से आने का रास्ता खोला जा रहा है। ये नए भारत के आत्मविश्वास का परिणाम है।
दशकों से Ordnance कारखानों को सरकारी विभागों की तरह ही चलाया जा रहा था। एक सीमित vision के कारण देश का नुकसान तो हुआ ही, वहां जो काम करने वाले लोग थे, जिनके पास talent थे, commitment था, मेहनती थे, ये हमार बहुत ही अनुभव से संपन्न हमारा जो मेहनत करने वाला श्रमिक वर्ग वहां जो है, उनका तो बहुत नुकसान हुआ।
जिस सेक्टर में करोड़ों लोगों के रोजगार के अवसर बन सकते थे, उसका ecosystem बहुत ही सीमित रहा। अब Ordnance कारखानों का corporatization करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। इस प्रक्रिया के पूरा होने पर श्रमिकों और सेना, दोनों को बल मिलेगा। यह नए भारत के आत्मविश्वास का प्रमाण है।