www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

राजधानी में दिव्यांग बच्चों ने बोर्ड परीक्षाओं में लिया शत प्रतिशत परिणाम

‘मोर रायपुर स्वच्छ रायपुर‘ थीम सांग गाने वाली दृष्टिबाधित सुमन 12वीं परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास

Ad 1

पॉजिटिव इंडिया:रायपुर, 24 जून 2020

Gatiman Ad Inside News Ad

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आज मंगलवार को जारी परीक्षा परिणामों में दिव्यांग बच्चों ने फिर से अपनी प्रतिभा साबित की है। समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित स्कूलों में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों ने बोर्ड परिक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन किया है और कई स्कूलों ने शत-प्रतिशत परिणाम दिया है। समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंड़िया ने बोर्ड परीक्षाओं में सफलता के लिए सभी छात्र-छात्राओं को बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी है। परीक्षा में सफल न होने वाले बच्चों से उन्होंने निराश न होते हुए आगे बढ़ने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि सफलता और असफलता जीवन का हिस्सा है। असफलताओं से सीख हमारे लिए बड़ी सफलताओं का मार्ग प्रशस्त करती है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा निःशक्त बच्चों की शिक्षा के लिए अवासीय संस्थाओं का संचालन किया जाता है। यहां निःशक्त बच्चों को निःशुल्क छात्रावास, शिक्षण-प्रशिक्षण, भोजन, वस्त्र की सुविधा उपलब्ध कराकर उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है। दिव्यांग बच्चे सामान्य बच्चों के साथ ही परीक्षा देते हैं लेकिन इन बच्चों के लिए कठिनाई दोगुनी होती है क्योंकि दृष्टिबाधित बच्चे सुनकर या ब्रेल पुस्तकों में उकेरे गए अक्षरों को पढ़कर परीक्षा देते हैं। परीक्षार्थी से एक कक्षा नीचे के विद्यार्थी को उनकी ओर से परीक्षा में लिखनेे की अनुमति दी जाती है,इसके लिए उन्हें डेढ़ घण्टा अतिरिक्त समय दिया जाता है। मूकबधिर बच्चे सुनने में असमर्थ होने के कारण साइन लैंग्वेज से समझते हैं। इन सभी बाधाओं के होते हुए भी अपनी मेहनत से दिव्यांग बच्चों ने मुख्यधारा में अपनी जगह बना ली है।
राजधानी के मठपुरैना स्थित दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यालय में दिव्यांग बच्चों का बोर्ड परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत परिणाम रहा है। यहां कक्षा 10वीं में अध्ययनरत 26 और कक्षा 12 वीं कक्षा में अध्ययनरत सभी 34 मूकबधिर और दृष्टिबाधित बच्चों ने प्रथम और द्वितीय क्षेणी में परीक्षा पास कर ली है। कक्षा दसवीं के 18 दृष्टिबाधित बच्चों में से 15 ने प्रथम श्रेणी और 8 मूकबधिर बच्चों में से 4 बच्चों ने प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की है। इसी तरह कक्षा 12वीं में 19 दृष्टिबाधित बच्चों में से 4 ने प्रथम श्रेणी और 15 मूक बधिर बच्चों में से 4 बच्चों ने प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की है। ‘मोर रायपुर स्वच्छ रायपुर‘ थीम सांग गाकर अपने सुरों से पहचान बनाने वाली दिव्यांग सुश्री सुमन दीवान ने भी कक्षा 12 वीं की परीक्षा 63.8 प्रतिशत के साथ प्रथम श्रेणी में पास कर अभिभावकों के साथ ही स्कूल को गौरवान्वित किया है। यह परिणाम दिव्यांग बच्चों के हुनर और मेहनत के साथ हौसले को बताता है। सुश्री सुमन ने बताया कि उनके पिता पुलिस में हैं और बस्तर में पदस्थ हैं। मां हाउसवाइफ हैं। उसके परीक्षा परिणाम से सभी बहुत खुश हैं। उसने मार्गदर्शन के लिए अध्यापकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी मदद से वह अच्छे नंबरों से पास हो सकी। ब्रेल पुस्तकों के साथ उन्हें कोर्स के ऑडियो भी पढ़ाई के लिए दिए जाते हैं। उसने संगीत के क्षेत्र में कैरियर बनाने की बात कही है।
इसी तरह कोरिया जिले के मनेन्द्रगण स्थित नेत्रहीन और दिव्यांग शिक्षण-प्रशिक्षण विद्यालय,आमाखेरवा में 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम भी शत-प्रतिशत रहा। यहां 8 दृष्टिबाधित बच्चों ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा दी थी, इनमें से 4 बच्चों ने प्रथम श्रेणी और 4 बच्चों ने द्वितीय श्रेणी से परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। बिलासपुर के तिफरा स्थित शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय में 12 वीं बोर्ड परीक्षा में 18 विद्यार्थी शामिल हुए इनमें से 17 छात्र उत्तीर्ण और एक पूरक है। इसी तरह स्कूल में 10 वीं बोर्ड परीक्षा में 17 विद्यार्थी शामिल हुए इनमें से 11 उत्तीर्ण, 5 पूरक रहे। धमतरी स्थित शासकीय श्रवणबाधित बालिका विशेष विद्यालय का परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से अधिक रहा। यहां 18 बच्चों ने 10 वीं बोर्ड की परीक्षा दी थी जिसमें से 5 बच्चे प्रथम श्रेणी और 5 बच्चे द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं। यहां की अधीक्षिका ने बताया कि बच्चों को वीडियो कॉलिंग कर परीक्षा में सफलता के लिए बधाई दी गई, इससे वे बहुत खुश हैं। इन बच्चों की सफलता ने साबित कर दिया है कि मेहनत और हौसलों हो तो शारीरिक अक्षमता को भी हराकर आगे बढ़ा जा सकता है।

Naryana Health Ad
Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.