जादूगर सीएम अशोक गहलोत को 7 मिनट तक पता ही नहीं चला कि वे पुराने वर्ष का बजट पढ़ रहे हैं!!
-विशाल झा की कलम से-
Positive India:Vishal Jha:
राजस्थन वालों! मालूम? आज बिहार वाले बहुत खुश हैं। बल्कि कहना ठीक होगा राजस्थानियों से ज्यादा खुश हैं। क्योंकि बिहार ने ऐसा अपना नेता चुना जो हर प्रश्न पर पूछता है, कब हुआ? कहां हुआ? कैसे हुआ? मुझे तो पता ही नहीं! केंद्र में बजट पास हो गया और बिहार के नेता ने मीडिया प्रश्न पर उत्तर दिया- बजट पास हो गया?
आज बिहारियों के लिए खुशी का दिन है। गहलोत साहब को 7:00 मिनट तक पता नहीं चला, विधानसभा में पढ़ा जाने वाला बजट पिछले वर्ष का है। जबकि स्वयं गहलोत साहब ही पढ़ रहे थे। कितनी दिलचस्प बात है, बढ़िया नेता चुना है आपने भी। अब बिहारी अपने ऊपर बिल्कुल भी लज्जा महसूस ना करें। राजस्थानी बिहारी दोनों गहरी भाईचारा फील कर सकते हैं।
चाहें तो महफिल भी सजा सकते हैं। जाम से जाम टकरा सकते हैं। जाम लिए अपना एक हाथ इधर बढ़ाओ राजस्थानियों। हम भी अपना एक हाथ जाम लिए तुम्हारी तरफ बढ़ा रहे हैं- बोलो चियर्स! गहलोत साहब को बजट पढ़ते हुए पीछे से जब सचेतक ने सचेत किया कि सीएम साहब पुराना बजट पढ़ रहे हैं, बड़ा दिलचस्प जवाब नीतीश कुमार की तरह ही गहलोत साहब ने कहा, “करा दी।” सोचिए विधानसभा जैसी लोकतंत्र की प्रतिष्ठित सदन में ऐसी सड़क छाप मनोरंजन वाले शब्द सुनने को कहां मिलते?
अब तो मैं इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं होना चाहता, लोग कहते हैं बिहारियों ने ऐसा नेता चुना है जो दिन रात फूंकता रहता है। आज मन हलका लग रहा। बिहारियों के साथ बिरहा गाने के लिए राजस्थान वालों का साथ मिला है। चलिए गाएं लोकतंत्र का बिरहा।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)