Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
मै आप लोगो को रायपुर के बहुचर्चित स्वाद के दुनिया से परिचित कराता हू । मुझे बचपन का याद है उस समय रायपुर, जो छोटा तो था, उसके बाद भी यहाँ के खाने का मजा ही कुछ और था ।
चलिए इस दुनिया की सैर मे पहले मैं आपको हमारे मिडिल स्कूल के समय कालीबाड़ी स्कूल के बाहर “होरीलाल की चाट”,जो मुझे बहुत पसंद थी, उसके बारे में बताता हूँ । ज्यादा कुछ नही रहता था, चना और आलू के साथ ही बनाता था । होरीलाल की चाट का वो टेस्ट मैं आज भी नही भूला हूं। वहीं आर डी तिवारी स्कूल के बाहर “तुलसी की चाट” का ठेला लगता था । उसका आलूचाप का कोई सानी नही था । कम पैसे से और उस समय कभी कभार ही इसका मजा लूट पाते थे । पर अब इसके मुख्य धारा में लाता हू । मुझे गुपचुप बहुत पसंद है या ये कहा जाए कि ये मेरी कमजोरी है तो कोई बड़ी बात नही । पिछले दिनो मुझे एक दुकान मे एक व्यक्ति ने शिद्दत से नमस्कार किया तो मिसेस को भी आश्चर्य हुआ कि यह बंदा कौन है। तो उसने पूछा तो मैने बताया यह कोई नही कटोरा तालाब मे रेणुका थ्रेड के सामने गुपचुप की दुकान लगाता है ।
खैर, इसे कहां से शुरू करू, चलिये आपको ले कर चलते है आर.डी.ए बिल्डिंग जहां देवा की गुपचुप की दुकान है । मिनरल वाटर से बना हुआ पानी और गर्मी के मौसम मे बर्फ डला हुआ गुपचुप पानी, उसके स्वाद के क्या कहने! बाकी के सब गुपचुप आप भी भूल जाओगे। दही गुपचुप व गटपट उसकी विशेषता है । इसके बाद बाजू मे ही “मथुरा चाट भंडार” है, उसकी चाट बगैर लहसुन प्याज के रहती है । शुद्ध घी से बनी आलू की टिक्की और छोले दिल को मस्त कर देते है । उसके यहां का दही भल्ला और गरम गरम गुलाब जामुन आपको आपके खाने का मजा बढ़ा देगा । वहाँ से निकलकर आप “भगवती” के दुकान की लवंग लता का मजा लीजिये । फिर वहां से निकलकर एम जी रोड आए, यहां पर आप “श्रीनाथ” पाव भाजी का आनन्द ले सकते है । एक ही प्लेट मे आप का पेट भर जायेगा । जब आप वहां तक पहुंचे ही है तो मोहन बेकरी के आटे के बिस्कुट लेना न भूले । वहां से थोड़ा आगे बढे, आपको मिलेगा रायपुर की खास पहचान “भगता होटल” यहां के छोले भटूरे व लस्सी आज भी पुराने लोगो के बातो मे जिक्र होता है । थोड़ा रामसागर पारा के “रामजी” हलवाई के दुकान की बालूशाही व सेव के लिए हर समय इस दुकान मे कम से कम दस मिनट रूकना पड़ता है, तब स्वाद मिल पाता है । अब पुराने बस स्टैंड के सामने के “मधु स्वीट” का फेमस समोसे और उसकी स्पेशल चटनी और फिर वहां की खीर कदम खाना मत भूलिएगा । “गोविंद” से बस एक ही शिकायत है वहां बैठकर खाने पर से पाबंदी लगाने से समोसे चटनी के साथ खाने नही मिलता । अब आप मोती बाग के बाहर खड़े होने वाले मटर पापडी चाट का स्वाद जरूर ले । सही में ये पापड़ी चाट बहुत ही लजीज है!
अगर आप रायपुर के गोलबाजार मे शापिंग कर रहे हो तो “अलका रेस्टोरेंट” का डोसा और अब निवेदन के साथ की गई भेल जरूर खाइए । बाजार की थकान खत्म हो जाएगी । चलिए वहां से घर जाने से पहले सौ साल से ज्यादा पुरानी रायपुर के गोलबाजार थाने से लगी हुई “भान जी भाई” के इस दुकान से कौन नही परिचित होगा । यहां का फरसाण रायपुर ही नही बल्कि जो यहां से बाहर गए हुए है वो भी इसके दीवाने है । जब भी कोई आने वाला रहता है या आते है, तो इन मेहमानों को यहां जरूर ले जाते है । “भान जी भाई” ने अपने क्वालिटी के साथ कभी भी समझौता नही किया । यार बहुत लंबा हो रहा है, चलो थोड़ा मुह व पेट को आराम दे। कल इसके आगे मेरी खोजी हुई दूकान के स्वाद का मजा ले पाएंगे । क्रमशः
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ