राहुल गांधी बताए कि भारत के कृषि बाजार पर कब्जे के लिए अडानी अम्बानी को पैसा किस का बाप देगा?
राहुल गांधी और उसकी कांग्रेसी फौज से उपरोक्त सवाल ना देश का मीडिया पूछ रहा है ना ही भाजपाई प्रवक्ताओं की फौज।
Positive India:Satish Chandra Mishra:
प्रसंगवश…
राहुल गांधी बताए कि… भारत के कृषि बाजार पर कब्जे के लिए अडानी अम्बानी को पैसा किस का बाप देगा.?
2021 में भारत की GDP 2.8 ट्रिलियन डॉलर है। इसमें कृषि की हिस्सेदारी है 19.90%, अर्थात लगभग 00.557 ट्रिलियन डॉलर। रूपये में यह राशि लगभग 41 लाख करोड़ होती है।
अब यह भी जानिए कि मुकेश अम्बानी की रिलायंस की कुल बाजार पूंजी है लगभग 12 लाख करोड़ और गौतम अडानी के अडानी समूह की कुल बाजार पूंजी है लगभग 6 लाख करोड़। दोनों की मिलाकर कुल बाजार पूंजी होती है लगभग 18-19 लाख करोड़। यह पूरी पूंजी उनकी नहीं है। इसमें लगभग 60% पूंजी के मालिक उनकी कम्पनियों के शेयर धारक हैं।
व्यक्तिगत रूप से अम्बानी लगभग 6 लाख करोड़ और गौतम अडानी लगभग 1.7 लाख करोड़ की बाजार पूंजी के मालिक है, अर्थात लगभग 7-8 लाख करोड़ रूपये के।
अतः यदि ये दोनों उद्योगपति अपने सारे काम धंधे बंद कर दें और अपनी सारी बाजार पूंजी समेट कर उस पूंजी को केवल कृषि क्षेत्र में झोंक दें तो भी वो देश के कृषि बाजार के केवल 19.5% हिस्से पर कब्जा कर पाएंगे।
यदि उनकी कम्पनियों के सारे शेयर होल्डर्स भी उनके कहने पर अपनी सारी पूंजी कृषि क्षेत्र में झोंक दें तो भी ये दोनों उद्योगपति भारत के कृषि बाजार के केवल 44% हिस्से पर कब्जा कर पाएंगे।
पहली बात तो यह कि क्या ये दोनों उद्योगपति भारी लाभ वाले अपने सारे उद्योग धंधे बंद कर के खेती किसानी में कूद जाएंगे.? ऐसा सोचने वाले को अपने दिमाग का इलाज किसी अच्छे और बड़े डॉक्टर से कराना चाहिए।
अतः नए कृषि कानूनों के विरोध में भारत की कृषि पर अडानी अम्बानी के कब्जे का राग अलाप रहे राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दल यह बताएं कि भारत के कृषि बाजार पर कब्जे के लिए अडानी अम्बानी को पैसा किस का बाप देगा.?
मुझे दुःख और कष्ट केवल इस बात का है कि राहुल गांधी और उसकी कांग्रेसी फौज से उपरोक्त सवाल ना देश का मीडिया पूछ रहा है ना ही भाजपाई प्रवक्ताओं की फौज।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)