Positive India:
व्हाट्सएप में सक्रिय ‘दूरदर्शी’ नाम के एक ग्रुप ने मुझे अपना सदस्य बनाया।
सदस्य बनाते ही नियमों से आवगत कराया-
यह एक साहित्यिक ग्रुप है, इसे सोच समझ कर बनाया गया है।
बधाई हो,आपको भी विवेकशील, विचारवान पाया गया है।
रविवार से सोमवार तक का खाका तैयार है,
आपके पास भी सभी पोस्ट पढ़ने का अधिकार है।ध्यान रहे
आपके द्वारा प्रेषित सामग्री नियमाकूल होनी चाहिये,
एक भी गलती से आपका नाम ब्लैक लिस्ट में लिखा सकता है,
एडमिन आप को तत्काल बाहर का रास्ता दिखा सकता है।
मैंने कहा- मुझे सदस्यता के योग्य समझने के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूँ,
अपनी धुन में रहता हूँ, अक्सर गलती कर देता हूँ।
महोदय मुझ अज्ञानी का आपने मान बढ़ाया है,
लेकिन क्या करूँ घर में श्रीमती के निर्धारित कानून,
ऑफिस में बॉस का खौफनाक साया है,
आप के नियम सुन मेरा मन घबराया है।
बेशक साहित्यिक ग्रुप के बहाने आपने साहित्य सेवा का बीड़ा उठाया है,
आपका अनुपम योगदान, ऊँचा मुकाम है।
क्षमा करें विद्वानों के बीच, मुझ जैसे अनाड़ी का क्या काम है।
लेखक:राजेश जैन राही, रायपुर