Positive India:मंत्री महोदय की धर्मपत्नी ने अपनी मांगों का पुलिंदा पति को थमाया।
मंत्री जी ने पढ़कर, सर्वप्रथम सरकारी गाड़ी से श्रीमती के पिकनिक जाने के प्लान को हटाया। चपरासी और माली के घर पर काम करने के सुझाव पर भी ना का निशान लगाया।
आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण इन मांगों को पूरा करने में खुद को असमर्थ बताया।
यह देख श्रीमती तनिक तुनकी और बोली- आप तो कहते थे आपकी बड़ी चलती है मगर चुनाव सामने हो तो आपकी भी दाल नहीं गलती है।
अब समझ में आया क्यों इतना परिवर्तन है,
न होठों पर गाली है, न गुस्सा है।
न शराब की बोतल है, न कोई अभिमानी किस्सा है।
आपके हजारों रंग हैं मगर इस रंग को देखकर मैं भी दंग हूँ,
मैंने अपना कागज वापस रख लिया है,
इस नामुराद आम चुनाव ने,
आपको कितना बदल दिया है।।
लेखक:राजेश जैन राही,रायपुर