प्रधानमंत्री जन धन योजना – वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन सफलतापूर्वक लागू होने के छह साल पूरे
मोदी सरकार के जन केंद्रित आर्थिक कार्यक्रमों की बुनियाद रही है पीएमजेडीवाई - वित्त मंत्री
Positive India :Delhi; Aug 28, 2020.
वित्त मंत्रालय सामाजिक-आर्थिक रूप से उपेक्षित वर्गों और हाशिए पर मौजूद लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्तीय समावेशन सरकार की एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है क्योंकि यह समावेशी विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गरीबों को उनकी बचत को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाने के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। साथ ही यह उन्हें गांवों में रहने वाले उनके परिवारों को आसानी से धन भेजने की सुविधा उपलब्ध कराता है जिससे उन्हें अपने परिवारों को अधिक ब्याज लेने वाले सूदखोरों के चंगुल से निकालने में मदद मिलती है। इसी प्रतिबद्धता के साथ शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) एक महत्वपूर्ण पहल है जो दुनिया में सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक है।पीएमजेडीवाई के तहत अब तक 40.35 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को बैंकिंग से जोड़ा गया, कुल रकम 1.31 लाख करोड़ रुपये
63.6 प्रतिशत ग्रामीण पीएमजेडीवाई खाते, 55.2 प्रतिशत महिला पीएमजेडीवाई खाते
पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल से जून 2020 के दौरान महिला पीएमजेडीवाई खाताधारकों के खातों में कुल 30,705 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं
लगभग 8 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारक सरकार से विभिन्न योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्राप्त करते हैं
पृधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएमजेडीवाई की घोषणा की थी। 28 अगस्त को इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने इस अवसर को एक दुष्चक्र से गरीबों की मुक्ति के एक जश्न के रूप में निरूपित किया था।
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने पीएमजेडीवाई की छठी वर्षगांठ पर इस योजना के महत्व को दोहराया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जन धन योजना मोदी सरकार के जन केंद्रित आर्थिक कार्यक्रमों की बुनियाद रही है। चाहे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हो अथवा कोविड-19 संबंधी वित्तीय सहायता, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत मजदूरी में वृद्धि, जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा कवर, प्रत्येक वयस्क को बैंक खाता प्रदान करने के लिए उठाया गया पहला कदम था जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है।”वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस अवसर पर पीएमजेडीवाई के लिए अपने विचार व्यक्त किए।