पॉजिटिव इंडिया: नई दिल्ली;
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को बताया कि ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ के तहत सभी स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं से युक्त दो कंटेनर स्थापित किया जाएंगे, जिन्हें आपात स्थिति में किसी भी स्थान पर ले जाया जा सकेगा।
मांडविया ने बताया कि हर कंटेनर में 200 बिस्तरों की क्षमता होगी और इन्हें दिल्ली एवं चेन्नई में स्थापित किया जाएगा। इन कंटेनर को आपात स्थिति में हवाई मार्ग से या ट्रेन के जरिए ले जाया जा सकता है।
उन्होंने कहा,केंद्र सरकार ने स्वास्थ्यसेवा के क्षेत्र के प्रति ‘प्रतीकात्मक’ नहीं, बल्कि ‘समग्र’ दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार करने का अवसर दिया है और इसके लिए 64,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ की शुरुआत की गई।
मंत्री ने कोवैक्सीन को आपातकाल में इस्तेमाल के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा स्वीकृत सूची (ईयूएल) में शामिल किए जाने के मामले पर कहा कि डब्ल्यूएचओ की एक प्रणाली है, जिसमें एक तकनीकी समिति होती है, जिसने कोवैक्सीन को मंजूरी दी है और अब इसके आकलन के लिए इसे एक अन्य समिति के पास भेजा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी समिति की बैठक मंगलवार को होगी। इस बैठक के आधार पर कोवैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी।’’
मांडविया ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि देश में लगभग 79,415 स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र संचालित किए जा रहे है और इस प्रकार के कुल 1.5 लाख केंद्र संचालित करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि हर स्तर पर अच्छी प्रयोगशालाएं होनी चाहिए, भले ही वह जिला स्तर हो या राष्ट्रीय स्तर।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन एक ऐसी ‘‘महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत एक जिले में औसतन 90 से 100 करोड़ रुपये का खर्च स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाएगा जिसकी मदद से हम आने वाले समय में किसी भी आपदा से लड़ने में सक्षम होंगे।’’
उन्होंने कहा,इस योजना के तहत जिला स्तर पर 134 प्रकार की जांच नि:शुल्क की जाएंगी, जो एक बड़ा कदम है।
‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना’ मिशन देश भर में स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सबसे बड़ी अखिल भारतीय योजनाओं में से एक है।
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