राही की फुलझड़ी-चुनावी समर पर व्यंग
चोर चोर चिल्लाते चिल्लाते, चोली और दामन तक आ गए।
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
जैसे ही पार्षद चुनाव में हारे, एक छुटभैया नेता ने,
प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग किया,
उसकी पार्टी ने उसे,
अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता घोषित किया।
नियुक्ति पत्र में साफ-साफ लिखा था –
आपके ज्ञान के आगे सब कुछ गौण है,
आपको सचमुच पता है,
यहाँ चोर कौन है?
अपने भाषण में और तल्खी लाइए,
अपशब्द जरा और बढ़ाइए,
यकीनन आप ऊर्जावान हैं,
यह लोकसभा चुनाव है और जोर लगाइए।
आपका भविष्य उज्जवल है,
यह आपकी सेवाओं का प्रतिफल है।
नेताजी पद पाकर गदगदा गए,
गालियों से लदलदा गए,
चोर चोर चिल्लाते चिल्लाते,
चोली और दामन तक आ गए।
दोस्तों कीचड़ उछालना आसान है,
पत्थरों से लैस वही है,
जिसका अपना शीशे का मकान है।
राजेश जैन राही, रायपुर(ये लेखक के अपने विचार है)