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टाइम के कवर पेज पर नरेंद्र मोदी: दो छवियों की सच्चाई

आरोप तो यह भी लग रहे हैं कि टाइम के रिपोर्टर आतिश ने अंदरखाते कांग्रेस के पी आर का जिम्मा संभाल रखा है ।

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Aatish Taseer-Son of Ex Pakistani Governor, who wrote article on Modi.Image Credit:Twitter
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
टाईम मैग्जीन मे जो छपा है उसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दो छवियों का उल्लेख है । इसमें एक लेखक ने तो मोदीजी के द्वारा किये गये विकास कार्य के बारे मे सविस्तार इसकी खूबिया गिनाई हैं । लोगों के जीवन स्तर मे जमीन आसमान का फर्क आया है । चाहे टायलेट हो,चाहे गैस हो,चाहे आयुष्मान भारत योजना हो, ये सब मौलिक सुविधाएं उपलब्ध करा कर मोदी जी ने इस देश को,आधुनिक व इक्कीसवी सदी के भारत को, एक कदम आगे बढ़ाया है । वही आर्थिक रूप से भी जनधन योजना के तहत गरीबो को बैंक की सुविधाओं से परिचित कराया। बिजली जो ग्रामीण क्षेत्र के लिए अनुपलब्ध थी,उसको ऐजेंडा मे लेकर घर घर बिजली उपलब्ध कराई। वहीं रोड का जाल पूरे देश मे फैला दिया। गांव की सड़क को नेशनल हाईवे से जोड़ दिया। इसके कारण आवागमन सुलभ हो गया है। मोबाइल की कनेक्टिविटी भी पहले से ज्यादा सुलभ व सस्ती हो गई है। वही स्वच्छता पर राष्ट्रीय स्तर पर काम हुआ है, जागरूकता फैली है। विपक्ष कितने भी हमले कर ले,रोजगार का सृजन हुआ है। वही देश को आतंकवाद से निजातदिलाने के लिए, पाकिस्तान जैसे देश की लगाम कसने के लिए मोदी जी जैसे मजबूत प्रधानमंत्री के ही बस की बात थी। यही कारण है कि अंततः चीन को भी मसूद अजहर के मामले मे भी झुकना पड़ा। वहीं, डोकलाम के मामले मे भी चीन को अंततः पीछे हटना पड़ा। यह सब एक राष्ट्रवाद से परिपूर्ण नेता ही यह कर सकता है।
दूसरे आलेख मे प्रधानमंत्री जी की जिस बात पर उनकी आलोचना की गई, दुर्भाग्य से उक्त लेखक आतिश तासीर पूर्वाग्रह से ग्रसित है। आतिश तासीर भारत की तवलीन सिंह तथा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर के पुत्र है।
सलमान तासीर 2008 से 2011 तक गवर्नर रहे । गवर्नर रहते ही उनकी हत्या कर दी गयी थी। कुल
मिला कर आतिश तासीर आइडेंटिटी क्राइसिस से ग्रसित एक पाकिस्तानी हैं। आरोप तो यह भी लग रहे हैं कि टाइम के रिपोर्टर आतिश ने अंदरखाते कांग्रेस के पी.आर का जिम्मा संभाल रखा है।पुनः मुद्दे पर, आतिश तासीर ने प्रथम प्रधानमंत्री स्वः नेहरू जी के धर्मनिरपेक्षता पर मोदी जी के कदम को उनके खिलाफ बताया। सच तो यह है कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति को धर्मनिरपेक्षता का चोला पहनाकर खुलकर अपने राजनीतिक फायदे उठाये। इस तरह का सेक्यूलर खेल दुर्भाग्य से सन 2014 तक चलता रहा। मोदी जी ने बहुसंख्यक वर्ग की, उसके हितो की रक्षा की तो इनकी तथाकथित धर्म निरपेक्षता खतरे मे आ गई। वही वामपंथीयो और कांग्रेस का तथाकथित सेक्यूलर खेल जब उजागर होने लगा तो इन्होंने इस देश को बदनाम करने के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए। गौ मांस के मुद्दे पर दुर्भाग्य से पहलू खान की जान चली गई, जो जायज नही है, पर यह भी इतना सच है कि यह मुद्दा उतना ही ज्यादा संवेदनशील भी है । केरल में गोमांस सार्वजनिक रूप से काटकर पार्टी की जाती है तो यह सेक्यूलर जमात चुप्पी साध जाता है। जब गोधरा मे पूरी बोगी मे आग झोंक दी जाती है तो एक बंदे के मुंह से विरोध नही निकलता। जब यह लोग गुजरात दंगे की बात करते है तो सिक्ख दंगो पर मुँह क्यो सिल जाता है ? इसके दोषी आज भी माननीय बने बैठे है। दुर्भाग्य से इस देश मे तथाकथित भीरू कलाकारो की बाढ़ सी आई हुई है । जब से मोदी जी आए हैं तब से ये देश इनके रहने लायक नही रह गया है । फिर भी यहीं रहकर, यहीं का खाकर इस देश के साथ गद्दारी करने से बाज नही आ रहे है । अगर कोई अपने धर्म का सम्मान बढ़ाये, उसको अपने अतीत से परिचित कराये तो उसमे कौन सी सांप्रदायिकता है? अगर मैं जिल्लेईलाही अकबर को महान बोलू तो धर्मनिरपेक्ष, पर राणा प्रताप के शौर्य के बारे मे, घासफूस खाकर लड़ाई लड़ने की बात करू तो मैं सांप्रदायिक हो गया। दुर्भाग्य से टाईम मैग्जीन के लेखक आतिश तासीर ने इस देश की सांस्कृतिक विरासत से अंजान और पूर्वाग्रह से ग्रसित होने के कारण मोदी जी की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया है । एक आम हिंदुस्तानी के नाते, इस मैग्जीन के इस लेख का कड़ा विरोध करते है और मांग करते है कि टाइम मेगजिन श्री नरेंद्र मोदी जी से माफी मांगे और एक बार पुनः सच्चाई जानने की कोशिश करे । वैसे भी तेईस मई को किसके पक्ष मे जनादेश है यह स्थिति भी साफ हो जाएगी। इसके बाद भी टाईम मैग्जीन जैसे बड़े पत्रो को विश्वसनीयता के बारे मे सजग रहना चाहिए। इससे कोई विशेष फर्क पड़ेगा, ऐसा लगता नही है।आज मोदी जी स्वतंत्रता के बाद से जितने भी प्रधानमंत्री बने है उसमे सबसे ज्यादा लोकप्रिय व विश्वनीय प्रधानमंत्री है। यही विपक्ष के लिए सबसे बड़ा चिंता का कारण है। पर उनका दुर्भाग्य है कि इस लेख से उतना फायदा नही पहुंच सका, जिसकी उन्हे उम्मीद थी; क्योंकि अंदरूनी राजनीति के चलते यह लेख हासिये पर आ गया और इसकी जगह कांग्रेस के एक नेता ने ली। पर यह भी इतना ही सत्य है कि मोदी जी की विशाल छवि और नेतृत्व क्षमता ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर इस देश को मजबूत स्थिति मे लाकर खड़ा कर दिया है। आने वाले पांच साल मे पूरे विश्व की निगाहे भारत पर ही रहेंगी। इतना तय है कि यह देश अपने स्वर्णिम इतिहास की तरफ आगे बढ़ रहा है ,जो कुछ लोगो को खटक रहा है। पर इसके बाद भी मोदी जी कामयाब होंगे । देश कामयाब होगा।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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