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प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का आरोप तथा राजीव गांधी का सत्य

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राजीव गांधी पर आई एन एस विराट के दुरूपयोग का सत्य ।

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Positive India:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के ‘ चौकीदार चोर है’ के जवाब में एक बड़ा हमला बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी बताया है, इतना ही नहीं नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने पारिवारिक छुट्टियां बिताने के लिए भारतीय नेवी के आई एन एस विराट का दुरुपयोग किया । आरोप लगते ही इस चुनावी माहौल में गर्मी अपने उफान पर आ गई। यह तूफान आना लाजमी था, क्योंकि राहुल गांधी ने तथ्यों के बिना ही ‘चौकीदार चोर है’ का नारा बुलंद करते हुए यह नहीं सोचा था कि पलटवार में नरेंद्र मोदी उन्हें ही नहीं बल्कि पूरे परिवार को अपनेे लपेटे में ले लेंगे; और हुआ भी ठीक ऐसे ही। आजतक में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक राजीव गांधी ने 1987 में पारिवारिक छुट्टियां बिताने के लिए भारतीय जंगी युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल किया था । 31 जनवरी 1988 को इंडिया टुडे की अनीता प्रताप ने सिलसिलेवार तरीके से छुट्टी मनाने का ब्योरा प्रस्तुत किया है। इस पारिवारिक पिकनिक में राजीव गांधी के परिवार में राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गांधी की बहन और बहनोई उनकी मां आर.माइनों उनके भाई और मामा शामिल थे। अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, उनकी बेटा, बेटी तथा अमिताभ के भाई अजीताभ की बेटी शामिल थी; जिस पर फेरा के उल्लंघन के मामले में केस चल रहा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण सिंह के भाई बिजेंद्र सिंह तथा दो अन्य विदेशी मेहमान भी शामिल थे ।
इस परिवारिक हॉलिडे में अजीताभ की बेटी के शामिल होने पर विपक्ष ने आवाज उठाई थी कि आखिर राजीव गांधी उन अधिकारियों को क्या संदेश देना चाहते हैं जो फेरा के तहत स्विटजरलैण्ड में बेनामी संपत्ति की जांच कर रहा था।
यह पारिवारिक पिकनिक लक्षद्वीप के बंगाराम द्वीप पर आयोजित किया गया था । बंगाराम कोचीन से 465 किलोमीटर दूर लक्षद्वीप के पास एक बेहद खूबसूरत आईलैंड है। विपक्ष ने उस दौरान भी इस मुद्दे को उठाया था कि एक जंगी जहाज विराट को ले जाने तथा ले आने के लिए इस्तेमाल क्यों किया गया? इस दौरान आईएनएस विराट 10 दिनों तक अरब सागर में तैनात था । इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा विशेषज्ञों ने राजीव गांधी द्वारा छुट्टियों के लिए नौसेना के इस्तेमाल पर आपत्ति उठाई थी।
खबर के मुताबिक इस पारिवारिक पिकनिक को छुपाने की भरसक कोशिश की गई थी परंतु बंगाराम पर अमिताभ बच्चन के आने से बात बिगड़ गई। हुआ यूं कि 31 दिसंबर को अमिताभ का हेलीकॉप्टर इंधन लेने के लिए कावारत्ती आईलैंड पर उतरा, इसमें लगभग 50 मिनट का समय लग गया और यह बात जगजाहिर हो गई । इतना ही नहीं इंडियन एक्सप्रेस के एक फोटोग्राफर अमिताभ का फोटो भी कैप्चर कर लिया था।
देखना यह है कि राजनीति का यह तूफान कब और कैसे शांत होता है। फैसला जनता के हाथ में है 23 तारीख को जनता अपना फैसला दे देगी।

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