कोरोना वायरस के विरुद्ध प्रधानमंत्री मोदी की मुहिम ला रही है रंग
सड़को का सूनापन कोरोना के बारे मे जन जागृति की कहानी कह रहा है ।
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
कोरोना वायरस के विरुद्ध प्रधानमंत्री मोदी की मुहिम ला रही है रंग। कोरोना अब ऐसा विषय हो गया है जितना उस पर लिखो उतना ही कम होते जा रहा है । मोदीजी के आव्हान पर जनता कर्फ्यू को देश से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है । धीरे-धीरे लोग भी इस बिमारी की गंभीरता से परिचित हो रहे है । अपने तरफ से पूरी सावधानी बरत रहे है । केंद्र सरकार हो, राज्य सरकार हो या स्थानीय निकाय की संस्थाये हो; काफी सजगता से अपना कर्तव्य निभा रहे है ।
सड़को पर सूनापन कोरोना के बारे मे जन जागृति की कहानी कह रही है । छत्तीसगढ के स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय निकाय द्वारा जैसे मैंने अपने अभनपुर मे देखा जहां पूरे सड़को मे डीडीटी का छिड़काव, जिसके लिए नगर पंचायत अभनपुर और स्वास्थ्य विभाग अभनपुर साधुवाद के पात्र है । इससे ज्यादा कोई और क्या कर सकता है । अभी जिस तरह से समाचार आ रहे है, उस तरह से सरकार कदम उठा रहे है ।
अब ट्रेन और पैसेंजर ट्रेन 31 मार्च तक बंद कर दी गई है । निश्चित ही यह कदम कठोर और कडवा है, पर देश हित के लिए संजीवनी का काम करेगा । इस लड़ाई मे पुलिस कर्मियों का योगदान, मीडिया के समस्त लोगो का ग्राउंड रिपोर्ट और स्वास्थ्य विभाग की अनवरत सेवा कोरोना को थामने मे अपने तरफ से एक लड़ाई का संकेत है ।
कुछ कुछ जगह जैसे अभनपुर में,अपने वार्ड मे प्रवीण बजाज जैसे नेताओ ने अपनी जागरूकता के तहत वार्ड मे मास्क बांटकर अपने कर्तव्यो का निर्वाह किया है । ऐसे ही पहल दूसरे जगह मे भी होनी चाहिए । यह समय ऐसा है कि जिसको यह लगे कि वह समाज के लिए यह नेक काम कर सकता है उसे देश हित मे कर लेना चाहिए ।
हमारे छोटे छोटे सहयोग ही इस महामारी को रोकने मे लाकॅ डाउन का काम करेंगे । हमे चाईना, इटली, अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस जैसे विकसित देशो के तरफ देखना चाहिए, जिन्होंने इसे हल्के मे लिया आज इसके सामने घुटने टेकते दिख रहे है ।
हमारे देश के मोदीजी की सरकार ने विदेशो मे फंसे कोरोना प्रभावितो को लाकर अपने राष्ट्रीय दायित्व का निर्वाह किया । वहीं जनता कर्फ्यू के माध्यम से कोरोना को तीसरे स्टेज मे जाने से रोकने का पूरा प्रयास किया जा रहा है । इस समय सभी नागरिको के साथ सभी दलो ने और उनके मुखियाओं ने जो कदम उठाए है वो सराहनीय है । अंत मे “हम होंगे कामयाब”
लेखक:डा. चंद्रकांत वाघ-अभनपूर