कोरोना को खत्म करने प्रधान मंत्री मोदी ने किया लाकॅडाउन 2.0 का ऐलान
#Lockdown 2.0 to #FightAgainstCorona
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
आज प्रधानमंत्री के उद्बोधन का देश के लोगो को बहुत ही इंतजार था, क्योंकि इससे देश के लोगो का भविष्य निर्भर था । हालांकि कुछ राज्यो ने लाकॅडाउन 2.0 अपने तरफ से बढ़ा दिया था । पर देश व्यापी क्या निर्णय होता है, उसकी उत्सुकता ज्यादा थी । प्रधानमंत्री जी ने इस घोषणा के पहले बहुत ज्यादा होमवर्क किया होगा । किसी देश का सवा महीने या डेढ महीने लाॅकडाउन मे रहना कोई मामूली बात नही है । पूरे देश मे लाॅकडाउन 2.0 कर मोदीजी ने कोरोना को घेरने की पूरी कोशिश की है । वहीं कोरोना (Corona) को हराने के लिए सोशल डिसटेंसिंग का पालन भी महत्वपूर्ण बात है ।
आज मीडिया के हर चैनल इसकी जानकारी लोगो को दे रहे है । वैसे इक्कीस दिन के लाॅकडाउन से आम लोगो को इसके बारे मे अच्छी जानकारी हो गई है । इतना बड़ा देश, इतनी बड़ी जनसंख्या मे कोरोना से बचने के लिये एक रोडमैप तैयार करना, बहुत बड़ी बात है । इसलिए बीस अप्रैल के बाद स्थिति देखकर छोटे मोटे काम की इजाजत देकर मजदूरो को राहत देने की योजना है । कोरोना से लड़ने के लिए हाॅटसपाॅट जैसे जगहो को सील कर पूर्ण रूप से वही खत्म करने की योजना भी बहुत प्रभावशाली है । इससे कोरोना फैल नही पायेगा ।
इतिहास मे सबसे बड़े देश भारत मे रेलगाड़ी का बंद करना कोई मामूली बात नही है । मोदी जी ने विमान की घरेलू व वैदेशिक उड़ान को बंद कर अपनी कोरोना से लड़ने की मंशा उजागर कर दी है । निम्नवर्ग को परेशानी न हो, उनके खाते मे पैसे डाल दिए गए है और उन्हे राशन भी मुहैया करा दिया है जिससे वे भूखे न रहे । प्रधानमंत्री ने कुछ जिम्मेदारी सामाजिक संस्थाओ पर भी डाला है ।
कोरोना से लड़ने के लिए हर जिले मे कवाराइंटाइन सेंटर बना दिया गया है । कोरोना जांच की किट हर जिला हास्पिटल मे उपलब्ध करा दिया गया है । जांच सुविधा के होने से इस बिमारी से लड़ने मे सुविधा होगी । जिला चिकित्सालय मे सुविधा उपलब्ध करा दी गई है । मोदीजी ने एक लाख वेंटिलेटर की उपलब्धता की बात की है । जिस अमेरिका मे लाॅकडाउन करने की हिम्मत नही थी, जिसके परिणाम आज अमेरिका भुगत भी रहा है । वहां बाईस हजार मौत इस बिमारी के भयावहता को दिखाता है ।
दुर्भाग्य से इस बिमारी के लिए लड़ने के लिए जो मंशा शासन की दिखती है; पर कुछ कारणो से सहयोग नही मिला, जिसके कारण यह स्थिति हुई । शासन को इलाज से ज्यादा ध्यान छुपे हुए मरीजो को निकालने मे लगानी पड़ी । स्वास्थ्य विभाग के अमले, जो ग्राउंड मे अपनी ड्यूटी निभा रहे है, और पुलिस पर आक्रमण होने से उनका भी मनोबल गिरता है और इस बिमारी से लड़ने मे बाधा भी उत्पन्न होती है । दुर्भाग्य से ये घटनाऐ जहां भी हुई है वहा आगे चलकर कोरोना पाजिटिव मरीज मिले है । आज वही इंदौर हाॅटसपाॅट(Hotspot)बना हुआ है । अगर यह पहले सामने आ जाते तो यह हालात नही होते ।
फिर से तीन मई तक लाकॅडाउन 2.0 से फिर नये मरीज सामने आने की भी संभावना है । तीन मई तक कवाराइंटाइन वाले जहां ठीक होंगे, वही कोरोना मरीज भी ठीक हो जाऐंगे । शायद दूसरे लाकॅडाउन 2.0(#Lockdown 2.0)के बाद स्थिति नियंत्रण मे होगी, इसकी पूरी संभावना है ।
मोदीजी ने जो सात वचन की बात की है, उसे भी आत्मसात करने की आवश्यकता है । विशेषकर घर मे रहे और सोशल डिसटेंसिंग(Social Distancing) पालन करे; यह दोनो बात लोगो को गांठ बांधकर रख लेनी चाहिए । इससे हम जहां इससे बचेंगे वही दूसरे को भी बचाऐंगे । आज के समय मीडिया की भी अहम भूमिका है । हर समय नई जानकारियो के साथ देश को अवगत कराते रहते है । कहीं कोई नया केस आता है, तो शासन के संज्ञान मे भी लाते है । आज देश के सभी विभाग मिलकर काम करे, तो इसे रोकने मे हम लोग कामयाब होंगे ।
निश्चित ही मोदीजी ने राष्ट्र के नाम संदेश मे अपनी कोरोना से लड़ने के दिशा-निर्देश के बारे मे राष्ट्र को अवगत करा दिया है । अभी हमे अपने राष्ट्रीय दायित्व का कर्तव्य निभाने का समय है । पर यह बात तय है कि इस देश मे कोरोना की लड़ाई मे हम सबसे बेहतर लड़ रहे और सामना कर रहे है; हमारी इस लड़ाई को पूरा विश्व टकटकी लगाकर देख रहा है । “हम होंगे कामयाब” यह हमारा मूलमंत्र है, जो हमें कोविड-19(COVID-19) पर विजय दिलाएगा ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ-रायपुर
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