कारगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने की मन की बात
मन की बात 2.0’ की 14वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्बोधन का मूल पाठ ।
Positive India:New Delhi:करगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने की मन की बात। पॉजिटिव इंडिया मन की बात 2.0’ की 14वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्बोधन का मूल पाठ अक्षरस पेश कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,”मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आज 26 जुलाई है, और, आज का दिन बहुत खास है । आज, ‘कारगिल विजय दिवस’ है । 21 साल पहले आज के ही दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था । साथियो, कारगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ था, वो, भारत कभी नहीं भूल सकता । पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मनसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहाँ चल रहे आन्तरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था । भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था, लेकिन, कहा जाता है ना
“बयरू अकारण सब काहू सों । जो कर हित अनहित ताहू सों ।।
यानी, दुष्ट का स्वभाव ही होता है, हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना । ऐसे स्वभाव के लोग, जो हित करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं इसीलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान द्वारा पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश हुई थी, लेकिन, उसके बाद भारत की वीर सेना ने जो पराक्रम दिखाया, भारत ने अपनी जो ताकत दिखाई, उसे पूरी दुनिया ने देखा । आप कल्पना कर सकते हैं – ऊचें पहाडों पर बैठा हुआ दुश्मन और नीचे से लड़ रही हमारी सेनाएँ, हमारे वीर जवान, लेकिन, जीत पहाड़ की ऊँचाई की नहीं – भारत की सेनाओं के ऊँचे हौंसले और सच्ची वीरता की हुई । साथियो, उस समय, मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला, वो दिन, मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है । मैं, देख रहा हूँ कि, आज देश भर में लोग कारगिल विजय को याद कर रहे है । Social Media पर एक hashtag #courageinkargil के साथ लोग अपने वीरों को नमन कर रहें हैं, जो शहीद हुए हैं उन्हें श्रद्धांजलि दे रहें हैं । मैं, आज, सभी देशवासियों की तरफ से, हमारे इन वीर जवानों के साथ-साथ, उन वीर माताओं को भी नमन करता हूँ, जिन्होंने, माँ-भारती के सच्चे सपूतों को जन्म दिया । मेरा, देश के नौजवानों से आग्रह है, कि, आज दिन-भर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियाँ, वीर-माताओं के त्याग के बारे में, एक-दूसरे को बताएँ, share करें । मैं, साथियो, आपसे एक आग्रह करता हूँ – आज, एक Website है www.gallantryawards.gov.in आप उसको ज़रूर Visit करें । वहां आपको, हमारे वीर पराक्रमी योद्धाओं के बारे में, उनके पराक्रम के बारे में, बहुत सारी जानकारियां प्राप्त होगी, और वो जानकारियां, जब, आप, अपने साथियों के साथ चर्चा करेंगे – उनके लिए भी प्रेरणा का कारण बनेगी । आप ज़रूर इस Website को Visit कीजिये, और मैं तो कहूँगा, बार-बार कीजिये ।
साथियो, कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने लालकिले से जो कहा था, वो, आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रासंगिक है । अटल जी ने, तब, देश को, गाँधी जी के एक मंत्र की याद दिलायी थी | महात्मा गाँधी का मंत्र था, कि, यदि किसी को कभी कोई दुविधा हो, कि, उसे क्या करना, क्या न करना, तो, उसे भारत के सबसे गरीब और असहाय व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए । उसे ये सोचना चाहिए कि जो वो करने जा रहा है, उससे, उस व्यक्ति की भलाई होगी या नहीं होगी । गाँधी जी के इस विचार से आगे बढ़कर अटल जी ने कहा था, कि, कारगिल युद्ध ने, हमें एक दूसरा मंत्र दिया है – ये मंत्र था, कि, कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले, हम ये सोचें, कि, क्या हमारा ये कदम, उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी । आइए अटल जी की आवाज़ में ही, उनकी इस भावना को, हम सुनें, समझें और समय की मांग है, कि, उसे स्वीकार करें ।
“हम सभी को याद है कि गाँधी जी ने हमें एक मंत्र दिया था । उन्होंने कहा था कि यदि कोई दुविधा हो कि तुम्हें क्या करना है, तो तुम भारत के उस सबसे असहाय व्यक्ति के बारे में सोचो और स्वयं से पूछो कि क्या तुम जो करने जा रहे हो उससे उस व्यक्ति की भलाई होगी । कारगिल ने हमें दूसरा मंत्र दिया है – कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम ये सोचें कि क्या हमारा ये कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है, जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी ।”
साथियो, युद्ध की परिस्थिति में, हम जो बात कहते हैं, करते हैं, उसका सीमा पर डटे सैनिक के मनोबल पर उसके परिवार के मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ता है । ये बात हमें कभी भूलनी नहीं चाहिए और इसीलिए हमारा आचार, हमारा व्यवहार, हमारी वाणी, हमारे बयान, हमारी मर्यादा, हमारे लक्ष्य, सभी, कसौटी में ये जरूर रहना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं, कह रहे हैं, उससे सैनिकों का मनोबल बढ़े, उनका सम्मान बढ़े । राष्ट्र सर्वोपरी का मंत्र लिए, एकता के सूत्र में बंधे देशवासी, हमारे सैनिकों की ताक़त को कई हज़ार गुणा बढ़ा देते हैं । हमारे यहाँ तो कहा गया है न ‘संघे शक्ति कलौ युगे’
कभी-कभी हम इस बात को समझे बिना Social Media पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुक्सान करती हैं । कभी-कभी जिज्ञासावश forward करते रहते हैं । पता है गलत है ये – करते रहते हैं । आजकल, युद्ध, केवल सीमाओं पर ही नहीं लड़े जाते हैं, देश में भी कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा जाता है, और, हर एक देशवासी को उसमें अपनी भूमिका तय करनी होती है । हमें भी अपनी भूमिका, देश की सीमा पर, दुर्गम परिस्तिथियों में लड़ रहे सैनिकों को याद करते हुए तय करनी होगी ।
मेरे प्यारे देशवासियो, पिछले कुछ महीनों से पूरे देश ने एकजुट होकर जिस तरह कोरोना से मुकाबला किया है, उसने, अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है । आज, हमारे देश में recovery rate अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, साथ ही, हमारे देश में कोरोना से मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफ़ी कम है । निश्चित रूप से एक भी व्यक्ति को खोना दुखद है, लेकिन भारत, अपने लाखों देशवासियों का जीवन बचाने में सफल भी रहा है । लेकिन साथियो, कोरोना का खतरा टला नहीं है । कई स्थानों पर यह तेजी से फैल रहा है । हमें बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है । हमें यह ध्यान रखना है कि कोरोना अब भी उतना ही घातक है, जितना, शुरू में था, इसीलिए, हमें पूरी सावधानी बरतनी है । चेहरे पर mask लगाना या गमछे का उपयोग करना, दो गज की दूरी, लगातार हाथ धोना, कहीं पर भी थूकना नहीं, साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखना – यही हमारे हथियार हैं जो हमें कोरोना से बचा सकते हैं । कभी-कभी हमें mask से तकलीफ होती है और मन करता है कि चेहरे पर से mask हटा दें । बातचीत करना शुरू करते हैं । जब mask की जरूरत होती है ज्यादा, उसी समय, mask हटा देते हैं । ऐसे समय, मैं, आप से आग्रह करूँगा जब भी आपको mask के कारण परेशानी feel होती हो, मन करता हो उतार देना है, तो, पल-भर के लिए उन Doctors का स्मरण कीजिये, उन नर्सों का स्मरण कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिये, आप देखिये, वो, mask पहनकर के घंटो तक लगातार, हम सबके जीवन को, बचाने के लिए जुटे रहते हैं । आठ-आठ, दस-दस घंटे तक mask पहने रखते हैं । क्या उनको तकलीफ नहीं होती होगी! थोड़ा सा उनका स्मरण कीजिये, आपको भी लगेगा कि हमें एक नागरिक के नाते इसमें जरा भी कोताही ना बरतनी है और न किसी को बरतने देनी है । एक तरफ हमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई को पूरी सजगता और सतर्कता के साथ लड़ना है, तो दूसरी ओर, कठोर मेहनत से, व्यवसाय, नौकरी, पढाई, जो भी, कर्तव्य हम निभाते हैं, उसमें गति लानी है, उसको भी नई ऊँचाई पर ले जाना है । साथियो, कोरोना काल में तो हमारे ग्रामीण क्षेत्रों ने पूरे देश को दिशा दिखाई है । गांवो से स्थानीय नागरिकों के, ग्राम पंचायतों के, अनेक अच्छे प्रयास लगातार सामने आ रहे हैं । जम्मू में एक ग्राम त्रेवा ग्राम पंचायत है | वहाँ की सरपंच हैं बलबीर कौर जी । मुझे बताया गया कि बलबीर कौर जी ने अपनी पंचायत में 30 bed का एक Quarantine Centre बनवाया । पंचायत आने वाले रास्तों पर, पानी की व्यवस्था की । लोगों को हाथ धोने में कोई दिक्कत न हो – इसका इंतजाम करवाया । इतना ही नहीं, ये बलबीर कौर जी, खुद, अपने कन्धे पर spray pump टांगकर, Volunteers के साथ मिलकर, पूरी पंचायत में, आस-पास क्षेत्र में, sanitization का काम भी करती हैं । ऐसी ही एक और कश्मीरी महिला सरपंच हैं गान्दरबल के चौंटलीवार की जैतूना बेगम । जैतूना बेगम जी ने तय किया कि उनकी पंचायत कोरोना के खिलाफ जंग लड़ेगी और कमाई के लिए अवसर भी पैदा करेगी । उन्होंने, पूरे इलाके में free mask बांटे, free राशन(ration) बांटा, साथ ही उन्होंने लोगों को फसलों के बीज और सेब के पौधे भी दिए, ताकि, लोगों को खेती में, बागवानी में, दिक्कत न आये । साथियो, कश्मीर से एक और प्रेरक घटना है, यहाँ, अनंतनाग में municipal president हैं – श्रीमान मोहम्मद इकबाल, उन्हें, अपने इलाके में sanitization के लिए sprayer की जरूरत थी । उन्होंने, जानकारी जुटाई, तो पता चला कि मशीन, दूसरे शहर से लानी पड़ेगी और कीमत भी होगी छ: लाख रूपये, तो, श्रीमान इकबाल जी ने खुद ही प्रयास करके अपने आप sprayer मशीन बना ली और वो भी केवल पचास हज़ार रूपये में – ऐसे, कितने ही और उदाहरण हैं । पूरे देश में, कोने-कोने में, ऐसी कई प्रेरक घटनाएँ रोज सामने आती हैं, ये सभी, अभिनंदन के अधिकारी हैं । चुनौती आई, लेकिन लोगों ने, उतनी ही ताकत से, उसका सामना भी किया ।
मेरे प्यारे देश्वासियो, सही approach से सकारात्मक approach से हमेशा आपदा को अवसर में, विपत्ति को विकास में बदलने में, बहुत मदद मिलती है । अभी, हम कोरोना के समय भी देख रहे हैं, कि, कैसे हमारे देश के युवाओं-महिलाओं ने, अपने talent और skill के दम पर कुछ नये प्रयोग शुरू किये हैं । बिहार में कई women self help groups ने मधुबनी painting वाले mask बनाना शुरू किया है, और देखते-ही-देखते, ये खूब popular हो गये हैं । ये मधुबनी mask एक तरह से अपनी परम्परा का प्रचार तो करते ही हैं, लोगों को, स्वास्थ्य के साथ, रोजगारी भी दे रहे हैं । आप जानते ही हैं North East में bamboo यानी, बाँस, कितनी बड़ी मात्रा में होता है, अब, इसी बाँस से त्रिपुरा, मणिपुर, असम के कारीगरों ने high quality की पानी की बोतल और Tiffin Box बनाना शुरू किया है । bamboo से, आप, अगर, इनकी quality देखेंगे तो भरोसा नहीं होगा कि बाँस की बोतलें भी इतनी शानदार हो सकती हैं, और, फिर ये बोतलें eco-friendly भी हैं ।इन्हें, जब बनाते हैं, तो, बाँस को पहले नीम और दूसरे औषधीय पौधों के साथ उबाला जाता है, इससे, इनमें औषधीय गुण भी आते हैं । छोटे-छोटे स्थानीय products से कैसे बड़ी सफलता मिलती है, इसका, एक उदहारण झारखंड से भी मिलता है । झारखंड के बिशुनपुर में इन दिनों 30 से ज्यादा समूह मिलकर के lemon grass की खेती कर रहे हैं । lemon grass चार महीनों में तैयार हो जाती है, और, उसका तेल बाज़ार में अच्छे दामों में बिकता है । इसकी आजकल काफी माँग भी है । मैं, देश के दो इलाकों के बारे में भी बात करना चाहता हूँ, दोनों ही, एक-दूसरे से सैकड़ों किलोमीटर दूर हैं, और, अपने-अपने तरीक़े से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ हटकर के काम कर रहे हैं – एक है लद्दाख, और दूसरा है कच्छ । लेह और लद्दाख का नाम सामने आते ही खुबसूरत वादियाँ और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों के दृश्य हमारे सामने आ जाते हैं, ताज़ी हवा के झोंके महसूस होने लगते हैं । वहीँ कच्छ का ज़िक्र होते ही रेगिस्तान, दूर-दूर तक रेगिस्तान, कहीं पेड़-पौधा भी नज़र ना आये, ये सब, हमारे सामने आ जाता है । लद्दाख में एक विशिष्ट फल होता है जिसका नाम चूली या apricot यानी खुबानी है । ये फसल, इस क्षेत्र की economy को बदलने की क्षमता रखती है, परन्तु, अफ़सोस की बात ये है, supply chain, मौसम की मार, जैसे, अनेक चुनौतियों से ये जूझता रहता है । इसकी कम-से-कम बर्बादी हो, इसके लिए, आजकल, एक नए innovation का इस्तेमाल शुरू हुआ है – एक Dual system है, जिसका नाम है, solar apricot dryer and space heater । ये, खुबानी और दूसरे अन्य फलों एवं सब्जियों को जरुरत के अनुसार सुखा सकता है, और वो भी hygienic तरीक़े से । पहले, जब खुबानी को खेतों के पास सुखाते थे, तो, इससे बर्बादी तो होती ही थी, साथ ही, धूल और बारिश के पानी की वजह से फलों की quality भी प्रभावित होती थी । दूसरी ओर, आजकल, कच्छ में किसान Dragon Fruits की खेती के लिए सराहनीय प्रयास कर रहे हैं | बहुत से लोग जब सुनते हैं, तो, उन्हें आश्चर्य होता है – कच्छ और Dragon Fruits । लेकिन, वहाँ, आज कई किसान इस कार्य में जुटे हैं । फल की गुणवत्ता और कम ज़मीन में ज्यादा उत्पाद को लेकर काफी innovation किये जा रहे हैं | मुझे बताया गया है कि Dragon Fruits की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, विशेषकर, नाश्ते में इस्तेमाल काफी बढ़ा है । कच्छ के किसानों का संकल्प है, कि, देश को Dragon Fruits का आयात ना करना पड़े – यही तो आत्मनिर्भरता की बात है ।
साथियो, जब हम कुछ नया करने का सोचते हैं, Innovative सोचते हैं, तो, ऐसे काम भी संभव हो जाते हैं, जिनकी आम-तौर पर, कोई कल्पना नहीं करता, जैसे कि, बिहार के कुछ युवाओं को ही लीजिये । पहले ये सामान्य नौकरी करते थे । एक दिन, उन्होंने, तय किया कि वो मोती यानी pearls की खेती करेंगे । उनके क्षेत्र में, लोगों को इस बारे में बहुत पता नहीं था, लेकिन, इन लोगों ने, पहले, सारी जानकारी जुटाई, जयपुर और भुवनेश्वर जाकर training ली और अपने गाँव में ही मोती की खेती शुरू कर दी । आज, ये, स्वयं तो इससे काफ़ी कमाई कर ही रहे हैं, उन्होंने, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और पटना में अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को इसकी training देनी भी शुरू कर दी है । कितने ही लोगों के लिए, इससे, आत्मनिर्भरता के रास्ते खुल गए हैं।
साथियो, अभी कुछ दिन बाद रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है । मैं, इन दिनों देख रहा हूँ कि कई लोग और संस्थायें इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहें हैं । कई लोग इसे Vocal for local से भी जोड़ रहे हैं, और, बात भी सही है । हमारे पर्व, हमारे समाज के, हमारे घर के पास ही किसी व्यक्ति का व्यापार बढ़े, उसका भी पर्व खुशहाल हो, तब, पर्व का आनंद, कुछ और ही हो जाता है । सभी देशवासियों को रक्षाबंधन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
साथियो, 7 अगस्त को National Handloom Day है । भारत का Handloom, हमारा Handicraft, अपने आप में सैकड़ो वर्षों का गौरवमयी इतिहास समेटे हुए है । हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि न सिर्फ भारतीय Handloom और Handicraft का ज्यादा-से-ज्यादा उपयोग करें, बल्कि, इसके बारे में, हमें, ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को बताना भी चाहिए । भारत का Handloom और Handicraft कितना rich है, इसमें कितनी विविधता है, ये दुनिया जितना ज्यादा जानेगी, उतना ही, हमारे Local कारीगरों और बुनकरों को लाभ होगा ।
साथियो, विशेषकर मेरे युवा साथियो, हमारा देश बदल रहा है । कैसे बदल रहा है? कितनी तेज़ी से बदल रहा है ? कैसे-कैसे क्षेत्रों में बदल रहा है ? एक सकारात्मक सोच के साथ अगर निगाह डालें तो हम खुद अचंभित रह जायेंगे । एक समय था, जब, खेल-कूद से लेकर के अन्य sectors में अधिकतर लोग या तो बड़े-बड़े शहरों से होते थे या बड़े-बड़े परिवार से या फिर नामी-गिरामी स्कूल या कॉलेज से होते थे । अब, देश बदल रहा है । गांवों से, छोटे शहरों से, सामान्य परिवार से हमारे युवा आगे आ रहे हैं । सफलता के नए शिखर चूम रहे हैं । ये लोग संकटों के बीच भी नए-नए सपने संजोते हुए आगे बढ़ रहे हैं । कुछ ऐसा ही हमें अभी हाल ही में जो Board exams के result आये, उसमें भी दिखता है । आज ‘मन की बात’ में हम कुछ ऐसे ही प्रतिभाशाली बेटे-बेटियों से बात करते हैं । ऐसी ही एक प्रतिभाशाली बेटी है कृतिका नांदल । कृतिका जी हरियाणा में पानीपत से हैं ।
मोदी जी – हेलो, कृतिका जी नमस्ते ।
कृतिका – नमस्ते सर ।
मोदी जी – इतने अच्छे परिणाम के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई।
कृतिका – धन्यवाद सर।
मोदी जी – और आपको तो इन दिनों टेलिफोन लेते-लेते भी आप थक गयी होंगी । इतने सारे लोगों के फ़ोन आते होंगे।
कृतिका – जी सर ।
मोदी जी – और जो लोग बधाई देते हैं, वो भी गर्व महसूस करते होंगे कि वो आपको जानते हैं । आपको कैसा लग रहा है ।
कृतिका – सर बहुत अच्छा लग रहा है । parents को proud feel करा के खुद को भी इतना proud feel हो रहा है ।
मोदी जी – अच्छा ये बताइये कि आपकी सबसे बड़ी प्रेरणा कौन है।
कृतिका – सर, मेरे मम्मी है सबसे बड़ी प्रेरणा तो मेरी ।
मोदी जी – वाह । अच्छा, आप मम्मी से क्या सीख रही हो।
कृतिका – सर, उन्होंने अपनी ज़िंदगी में इतनी मुश्किलें देखी हैं,फिर भी वो इतनी bold और इतनी strong हैं, सर , उन्हें देख-देख के इतनी प्रेरणा मिलती है कि मैं भी उन्हीं की तरह बनूँ ।
मोदी जी – माँ कितनी पढ़ी-लिखी हैं ?
कृतिका – सर, BA किया हुआ है उन्होंने ।
मोदी जी – BA किया हुआ है।
कृतिका – जी सर।
मोदी जी – अच्छा । तो, माँ आपको सिखाती भी होगी?
कृतिका – जी सर । सिखाती हैं, दुनिया-दारी के बारे में हर बात बताती हैं ।
मोदी जी – वो, डांटती भी होगी?
कृतिका – जी सर, डांटती भी हैं ।
मोदी जी – अच्छा बेटा, आप आगे क्या करना चाहती हैं ?
कृतिका – सर, हम डॉक्टर बनना चाहते हैं।
मोदी जी – अरे वाह !
कृतिका – MBBS
मोदी जी – देखिये डॉक्टर बनना आसान काम नहीं है !
कृतिका – जी सर ।
मोदी जी – Degree तो प्राप्त कर लेगी, क्योंकि आप बड़ी तेजस्वी हो बेटा, लेकिन, डॉक्टर का जीवन जो है, वो, समाज के लिये बहुत समर्पित होता है।
कृतिका – जी सर।
मोदी जी – उसको कभी रात को,चैन से कभी सो भी नहीं सकता है । कभी patient का फ़ोन आ जाता है, अस्पताल से फ़ोन आ जाता है तो फिर दौड़ना पड़ता है । यानी एक प्रकार से 24×7, Three Sixty Five Days. डॉक्टर की ज़िंदगी लोगों की सेवा में लगी रहती है ।
कृतिका – Yes Sir.
मोदी जी – और ख़तरा भी रहता है, क्योंकि, कभी पता नहीं,आजकल के जिस प्रकार की बीमारियाँ हैं तो डॉक्टर के सामने भी बहुत बड़ा संकट रहता है।
कृतिका – जी सर,
मोदी जी – अच्छा कृतिका, हरियाणा तो खेल-कूद में पूरे हिन्दुस्तान के लिये हमेशा ही प्रेरणा देने वाला, प्रोत्साहन देने वाला राज्य रहा है ।
कृतिका – हाँजी सर ।
मोदी जी – तो आप भी तो कोई खेल-कूद में भाग लेती हैं क्या,कुछ खेल-कूद पसंद है क्या आपको ?
कृतिका – सर, बास्केटबाल खेलते थे, स्कूल में
मोदी जी – अच्छा, आपकी ऊंचाई कितनी है, ज्यादा है ऊंचाई।
कृतिका – नहीं सर, पांच दो की है ।
मोदी जी – अच्छा, तो फिर तुम्हारे खेल में पसंद करते हैं ?
कृतिका – सर वो तो बस passion है, खेल लेते हैं।
मोदी जी – अच्छा-अच्छा। चलिये कृतिका जी, आपके माताजी को मेरी तरफ से प्रणाम कहिये, उन्होंने, आपको इस प्रकार के योग्य बनाया । आपके जीवन को बनाया । आपकी माताजी को प्रणाम और आपको बहुत-बहुत बधाई, बहुत-बहुत शुभकामनाएं |
कृतिका – धन्यवाद सर ।
आइये ! अब हम चलते हैं केरला, एर्नाकुलम (Ernakulam) । केरला के नौजवान से बात करेंगे।
मोदी जी – हेलो
विनायक – हेलो सर नमस्कार ।
मोदी जी – So विनायक,congratulation!
विनायक – हाँ, Thank you sir,
मोदी जी – शाबाश विनायक, शाबाश!
विनायक – हाँ, Thank you sir,
मोदी जी – How is the जोश?
विनायक – High sir
मोदी जी – Do you play any sport?
विनायक – Badminton.
मोदी जी – Badminton!
विनायक – हाँ yes.
मोदी जी – In a school or you have any chance to take a training?
विनायक – No, In school we have already get some training.
मोदी जी – हूँ, हूँ।
विनायक – from our teachers.
मोदी जी – हूँ, हूँ।
विनायक – So that we get opportunity to participate outside.
मोदी जी – Wow!
विनायक – From the school itself
मोदी जी – How many states you have visited ?
विनायक – I have visited only Kerala and Tamilnadu.
मोदी जी – Only Kerala and Tamilnadu!
विनायक – Oh! yes.
मोदी जी – So, would you like to visit Delhi ?
विनायक – हाँ Sir, now, I am applying in Delhi University for my
Higher Studies.
मोदी जी – Wah! so you are coming to Delhi.
विनायक – हाँ yes sir.
मोदी जी – tell me, do you have any message for fellow students, who will give Board Exams in future?
विनायक – hard work and proper time utilization .
मोदी जी – So perfect time management.
विनायक – हाँ, sir
मोदी जी – Vinayak, I would like to know your hobbies.
विनायक – Badminton and than rowing.
मोदी जी – So, you are active on social media.
विनायक – Not, we are not allowed to use any electronic items or gadgets in the school
मोदी जी – So, you are lucky!
विनायक – Yes Sir,
मोदी जी – Well, Vinayak, congratulations again and wish you all the best.
विनायक – Thank you sir.
आइये ! हम उत्तर प्रदेश चलते हैं | उत्तर प्रदेश में अमरोहा के श्रीमान् उस्मान सैफी से बात करेंगे |
मोदी जी – हेलो उस्मान, बहुत-बहुत बधाई, आपको ढेरों-ढेरों बधाई!
उस्मान – Thank you sir.
मोदी जी – अच्छा आप उस्मान बताइये, कि आपने जो चाहा था वही result मिला कि कुछ कम आया?
उस्मान – नहीं, जो चाहा था वही मिला है । मेरे parents भी बहुत खुश हैं ।
मोदी जी – वाह, अच्छा परिवार में और भाई भी, बहुत इतने ही तेजस्वी हैं कि घर में आप ही हैं जो इतने तेजस्वी हैं ।
उस्मान – सिर्फ मैं ही हूँ, मेरा भाई वो थोड़ा सा शरारती है।
मोदी जी – हाँ, हाँ
उस्मान – बाकी मुझे लेकर बहुत खुश रहता है ।
मोदी जी – अच्छा, अच्छा । अच्छा आप जब पढ़ रहे थे, तो उस्मान आपका पसंदीदा विषय क्या था ?
उस्मान – Mathematics
मोदी जी – अरे वाह ! तो क्या mathematic में क्या रूचि रहती थी? कैसे हुआ ? किस teacher ने आपको प्रेरित किया?
उस्मान – जी हमारे एक subject teacher रजत सर । उन्होंने मुझे प्रेरणा दी और वो बहुत अच्छा पढ़ाते हैं और mathematics शुरू से ही मेरा अच्छा रहा है और वो काफी interesting subject भी।
मोदी जी – हूँ, हूँ
उस्मान – तो जितना ज्यादा करते हैं, उतना ज्यादा interest आता है तो इसलिए मेरा favourite subject ।
मोदी जी – हूँ, हूँ, । आपको मालूम है एक online vedic mathematics के classes चलते हैं।
उस्मान – Yes sir.
मोदी जी – कभी try किया है इसका ?
उस्मान – नहीं सर, अभी नहीं किया।
मोदी जी – आप देखिये, आप बहुत सारे आपके दोस्तों को लगेगा जैसे आप जादूगर हैं, क्योंकि कंप्यूटर की speed से आप गिनती कर सकते हैं Vedic mathematics की । बहुत सरल techniques हैं और आजकल वो online पर भी available होते हैं ।
उस्मान – जी सर
मोदी जी – क्योंकि आपकी mathematics में interest है, तो बहुत सी नई-नई चीज़ें भी आप दे सकते हैं ।
उस्मान – जी सर ।
मोदी जी – अच्छा उस्मान, आप खाली समय में क्या करते हैं ?
उस्मान – खाली समय में सर, कुछ-न-कुछ लिखता रहता हूँ मैं । मुझे लिखने में बहुत interest आता है ।
मोदी जी – अरे वाह ! मतलब आप mathematics में भी रूचि लेते हैं literature में भी रूचि लेते हैं ।
उस्मान – yes sir.
मोदी जी – क्या लिखते हैं? कविताएँ लिखते हैं, शायरियाँ लिखते हैं ?
उस्मान – कुछ भी current affairs से related कोई भी topic हो उस पर लिखता रहता हूँ .
मोदी जी – हाँ, हाँ
उस्मान – नयी-नयी जानकारियाँ मिलती रहती हैं जैसे GST चला था और हमारा नोटबंदी – सब चीज़ ।
मोदी जी – अरे वाह ! तो आप कॉलेज की पढाई करने के लिए आगे का क्या plan बना रहे हैं ?
उस्मान – कॉलेज की पढाई, सर मेरा, JEE Mains का first attempt clear हो चुका है और अब मैं september के लिए second attempt में अब बैठूंगा । मेरा main aim है कि, मैं पहले IIT से पहले Bachelor Degree लूं और उसके बाद Civil Services में जाऊँ और एक IAS बनूँ ।
मोदी जी – अरे वाह ! अच्छा आप technology में भी रूचि लेते हैं?
उस्मान – Yes sir. इसलिए मैंने IT opt किया है first time best IIT का।
मोदी जी – अच्छा चलिए उस्मान, मेरी तरफ से बहुत शुभकामनाएं हैं और आपका भाई शरारती है, तो आपका समय भी अच्छा जाता होगा और आपके माताजी-पिताजी को भी मेरी तरफ से प्रणाम कहिये । उन्होंने आपको इस प्रकार से अवसर दिया, हौसला बुलन्द किया, और ये मुझे अच्छा लगा कि आप पढाई के साथ-साथ current issues पर अध्ययन भी करते हैं और लिखते भी हैं | देखिये लिखने का फायदा ये होता है कि आपके विचार में sharpness आती है । बहुत-बहुत अच्छा फायदा होता है लिखने से | तो, बहुत-बहुत बधाई, मेरी तरफ से ।
उस्मान – Thank you sir.
आइये ! चलिए फिर एकदम से नीचे South में चले जाते हैं | तमिलनाडु, नामाक्कल से बेटी कनिग्गा से बात करेंगे और कनिग्गा की बात तो बहुत ही inspirational है।
मोदी जी : कनिग्गा जी, वडक्कम (Vadakam)
कनिग्गा: वडक्कम (Vadakam) Sir.
मोदी जी : How are you?
कनिग्गा: Fine sir.
मोदी जी : First of all, I would like to congratulate you for your great success!
कनिग्गा: Thank you sir.
मोदी जी : When I hear of Namakkal I think of the Anjaneyar temple
कनिग्गा: Yes sir.
मोदी जी : Now I will also remember my interaction with you.
कनिग्गा: Yes sir.
मोदी जी : So, Congratulations again!
कनिग्गा: Thank you sir.
मोदी जी : You would have worked very hard for exams, how was
your experience while preparing?
कनिग्गा: Sir, we are working hard from the start so, I didn’t
expect this result but I have written well so I get a good result.
मोदी जी : What were your expectation ?
कनिग्गा: 485 or 486 like that, I thought so.
मोदी जी : And now?
कनिग्गा: 490.
मोदी जी : So what is the reaction of your family members & your teachers?
कनिग्गा: They were so happy and they were so proud sir.
मोदी जी : Which one is your favorite subject.
कनिग्गा : Mathematics
मोदी जी : Ohh! And what are your future plans?
कनिग्गा: I’m going to become a Doctor if possible in AFMC sir.
मोदी जी : And your family members are also in a medical profession or somewhere else ?
कनिग्गा: No sir, my father is a driver but my sister is studying in MBBS sir.
मोदी जी : अरे वाह ! so first of all I will do the प्रणाम to your
father who is taking lot of care your sister and yourself. It’s great service he is doing.
कनिग्गा: Yes sir
मोदी जी : And he is inspiration for all.
कनिग्गा: Yes sir.
मोदी जी : So, my congratulations to you, your sister and your father and your family.
कनिग्गा: Thank you sir.
साथियो, ऐसे और भी कितने युवा दोस्त हैं, कठिन परिस्थितियों में भी जिनके हौसलें की, जिनकी सफलता की कहानियाँ हमें प्रेरित करती हैं | मेरा मन था कि ज्यादा-से-ज्यादा युवा साथियों से बात करने का मौका मिले, लेकिन, समय की भी कुछ मर्यादाएं रहती हैं । मैं सभी युवा साथियों को यह आग्रह करूँगा कि वो अपनी कहानी, अपनी जुबानी जो देश को प्रेरित कर सके, वो हम सब के साथ, जरुर साझा करें ।
मेरे प्यारे देशवासियो, सात समुन्द्र पार, भारत से हजारों मील दूर एक छोटा सा देश है जिसका नाम है ‘सूरीनाम’ । भारत के ‘सूरीनाम’ के साथ बहुत ही करीबी सम्बन्ध हैं । सौ-साल से भी ज्यादा समय पहले, भारत से लोग वहाँ गए, और, उसे ही अपना घर बना लिया । आज, चौथी-पांचवी पीढ़ी वहाँ पर है । आज, सूरीनाम में एक चौथाई से अधिक लोग भारतीय मूल के हैं । क्या आप जानते हैं, वहाँ की आम भाषाओँ में से एक ‘सरनामी’ भी, ‘भोजपुरी’ की ही एक बोली है । इन सांस्कृतिक संबंधों को लेकर हम भारतीय काफ़ी गर्व महसूस करते हैं ।
हाल ही में, श्री चन्द्रिका प्रसाद संतोखी, ‘सूरीनाम’ के नये राष्ट्रपति बने हैं । वे, भारत के मित्र हैं, और, उन्होंने साल 2018 में आयोजित Person of Indian Origin (PIO) Parliamentary conference में भी हिस्सा लिया था । श्री चन्द्रिका प्रसाद संतोखी जी ने शपथ की शुरुआत वेद मन्त्रों के साथ की, वे संस्कृत में बोले | उन्होंने, वेदों का उल्लेख किया और “ॐ शांति: शांति: शांति:” के साथ अपनी शपथ पूर्ण करी । अपने हाथ में वेद लेकर वे बोले – मैं, चन्द्रिका प्रसाद संतोखी और, आगे, उन्होंने शपथ में क्या कहा ? उन्होंने वेद का ही एक मंत्र का उच्चारण किया । उन्होंने कहा –
ॐ अग्ने व्रतपते व्रतं चरिष्यामि तच्छकेयम तन्मे राध्यताम |
इदमहमनृतात सत्यमुपैमि ||
यानी, हे अग्नि, संकल्प के देवता, मैं एक प्रतिज्ञा कर रहा हूँ । मुझे इसके लिए शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करें । मुझे असत्य से दूर रहने और सत्य की ओर जाने का आशीर्वाद प्रदान करें । सच में, ये, हम सभी के लिए, गौरवान्वित होने वाली बात है ।
मैं श्री चंद्रिका प्रसाद संतोखी को बधाई देता हूँ, और, अपने राष्ट्र की सेवा करने के लिए, 130 करोड़ भारतीयों की ओर से, उन्हें, शुभकामनायें देता हूँ ।
मेरे प्यारे देशवासियो, इस समय बारिश का मौसम भी है । पिछली बार भी मैंने आप से कहा था, कि, बरसात में गन्दगी और उनसे होने वाली बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, अस्पतालों में भीड़ भी बढ़ जाती है, इसलिए, आप, साफ़-सफ़ाई पर बहुत ज्यादा ध्यान दें । Immunity बढ़ाने वाली चीजें, आयुर्वेदिक काढ़ा वगैरह लेते रहें । कोरोना संक्रमण के समय में, हम, अन्य बीमारियों से दूर रहें । हमें, अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़ें, इसका पूरा ख्याल रखना होगा ।
साथियो, बारिश के मौसम में, देश का एक बड़ा हिस्सा, बाढ़ से भी जूझ रहा है । बिहार, असम जैसे राज्यों के कई क्षेत्रों में तो बाढ़ ने काफी मुश्किलें पैदा की हुई हैं, यानी, एक तरफ कोरोना है, तो दूसरी तरफ ये एक और चुनौती है, ऐसे में, सभी सरकारें, NDRF की टीमें, राज्य की आपदा नियंत्रण टीमें, स्वयं सेवी संस्थाएं, सब एक-साथ मिलकर, जुटे हुए हैं, हर तरह से, राहत और बचाव के काम कर रहे हैं । इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरा देश खड़ा है ।
साथियो, अगली बार, जब हम, ‘मन की बात’ में मिलेंगे, उसके पहले ही, 15 अगस्त भी आने वाला है । इस बार 15 अगस्त भी, अलग परिस्थितियों में होगा – कोरोना महामारी की इस आपदा के बीच होगा ।
मेरा, अपने युवाओं से, सभी देशवासियों से, अनुरोध है, कि, हम स्वतंत्रता दिवस पर, महामारी से आजादी का संकल्प लें, आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लें, कुछ नया सीखने, और सिखाने का, संकल्प लें, अपने कर्त्तव्यों के पालन का संकल्प लें । हमारा देश आज जिस ऊँचाई पर है, वो, कई ऐसी महान विभूतियों की तपस्या की वजह से है, जिन्होंने, राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं ‘लोकमान्य तिलक’ । 1 अगस्त 2020 को लोकमान्य तिलक जी की 100वीं पुण्यतिथि है । लोकमान्य तिलक जी का जीवन हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है | हम सभी को बहुत कुछ सिखाता है ।
अगली बार जब हम मिलेंगें, तो, फिर ढ़ेर सारी बातें करेंगे, मिलकर कुछ नया सीखेंगे, और सबके साथ साझा करेंगें । आप सब, अपना ख्याल रखिये, अपने परिवार का ख्याल रखिये, और स्वस्थ रहिए । सभी देशवासियों को आने वाले सभी पर्वों की बहुत-बहुत शुभकामनायें । बहुत-बहुत धन्यवाद ।