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PM Modi Condoles The Death of Mathematician Dr. Vashishtha Narayan Singh

वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टीन के सापेक्ष सिद्धांत को चुनौती दी थी।

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Positive India: Delhi
The Prime Minister Narendra Modi has condoled the passing away of Mathematician Dr. Vashishtha Narayan Singh.

“गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ। उनके जाने से देश ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपनी एक विलक्षण प्रतिभा को खो दिया है। विनम्र श्रद्धांजलि”, the Prime Minister said.

अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक वशिष्ठ नारायण सिंह… युवावस्था में वह ‘वैज्ञानिक जी’ के नाम से मशहूर थे। करीब 40 साल से वह मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थे। बिहार के पटना स्थित एक अपार्टमेंट में गुमनामी का जीवन बिता रहे थे। किताबें, कॉपियां और पेंसिल ही उनके सबसे अच्छे दोस्त रहे।

पटना साइंस कॉलेज में पढ़ने के दौरान ही वशिष्ठ नारायण कैलिफोर्निया विवि के प्रो. जॉन कैली की नजरों में आए। कैली वशिष्ठ की प्रतिभा पहचान गए और फिर 1965 में वशिष्ठ नारायण अमेरिका चले गए। 1969 में उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की और फिर वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर बने।

उन्होंने नासा (NASA) में भी काम किया। लेकिन मन न लगने पर 1971 में वापस भारत लौट आए।
यहां आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे और आईएसआई कोलकाता में नौकरी की।

वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टीन के सापेक्ष सिद्धांत को चुनौती दी थी।

उनके बारे में एक और कहानी बड़ी मशहूर है। जब नासा अपोलो की लॉन्चिंग कर रहा था, तब वशिष्ठ नारायण भी वहां मौजूद थे। लॉन्चिंग से ठीक पहले 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए थे। इस बीच वशिष्ठ नारायण ने अपना कैलकुलेशन जारी रखा। जब कंप्यूटर ठीक हुए, तो वशिष्ठ और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक जैसा ही था।

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