Positive India:Raipur: उद्योग मंत्री कवासी लखमा की पहल पर उद्योग विभाग ने उद्योग संघों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। इस बैठक में उद्योग संघों के पदाधिकारियों ने अपने सुझाव उद्योग मंत्री के समक्ष रखें ताकि उन्हें छत्तीसगढ़ की इंडस्ट्रियल पॉलिसी के फाइनल ड्राफ्ट में शामिल किया जा सके। पीएचडी चैंबर के प्रतिनिधि कपिल अग्रवाल ने उद्योग मंत्री कवासी लखमा द्वारा बुलाई गई व्यापारियों की अहम बैठक में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इन सुझावों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि जो किसान खुद की जमीन पर एग्रो से संबंधित कोई कारखाना लगाना चाहते हैं उन्हें जमीन की डायवर्शन में दिक्कत आ रही है । सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जमीन की लीज सिर्फ 1 वर्ष के लिए मिलती है जो किसी भी एग्रो उद्योगपति के लिए काम नहीं आ सकती।
कपिल अग्रवाल का सुझाव था कि जो किसान स्वयं की जमीन पर एग्रो इंडस्ट्री डालना चाहते हैं कम से कम उन्हे 50 वर्ष की लीज मिलनी चाहिए। उद्योग मंत्री कवासी लखमा तथा उद्योग विभाग के डायरेक्टर अनिल टुटेजा ने ध्यान से इस सुझाव को सुना तथा आश्वासन दिया कि इसे इंडस्ट्रियल पॉलिसी में शामिल किया जाएगा।
ऐसा पहली बार हुआ कि इस तरह की मीटिंग उद्योग विभाग द्वारा आहूत की गई जिसमें सभी बड़े उद्योगपतियों तथा उद्योग संस्थाओं को शामिल किया ताकि वे अपने अपने सुझाव उद्योग मंत्री को दे सकें तथा आने वाले 1 नवंबर को जो नई उद्योग पॉलिसी रिलीज होने वाली है उसमें इन सुझावों को शामिल किया जा सके।
इस मीटिंग में शामिल सभी उद्योग संघों के पदाधिकारियों ने एक सुर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा उद्योग मंत्री कवासी लखमा का धन्यवाद दिया, क्योंकि लगभग सभी मांगे मान ली गई है और जो जो सुझाव उद्योग संघों ने दिया उस पर विचार करते हुए उद्योग विभाग ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया है।
भूपेश बघेल सरकार द्वारा जारी किया जाने वाली उद्योग नीति बहुआयामी साबित होने वाली है और आने वाले समय में इसके अपेक्षित रिजल्ट छत्तीसगढ़ में देखने को मिलेंगे।
उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने एक एक उद्योगपति से उनके सुझाव लिए तथा उन्हें आश्वस्त किया कि इन सुझावों को इंडस्ट्रियल पॉलिसी के फाइनल ड्राफ्ट में शामिल किया जाएगा।
इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ से जितेंद्र बरलोटा, पीएचडी कॉमर्स की तरफ से कपिल अग्रवाल ,सीसीआई, लघु उद्योग भारती की तरफ तरफ से पुरुषोत्तम पटेल, कलिंगा यूनिवर्सिटी तथा बहुत से संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे।