www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की दुर्दशा भाग 2

laxmi narayan hospital 2025 ad

Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
आयुर्वेद महाविद्यालय को जो तरक्की करनी चाहिए थी वो नही हुआ । इसके भी बहुत कारण है । पहले तो यह विद्यालय किसी न किसी कारण से चर्चित रहा है । यहाँ के छात्रो की राजनीतिक गतिविधियों के लिए भी यह चर्चा मे रहा । वहीं छात्रसंघ के गतिविधियों में भी यहां के विद्यार्थी बढचढ कर भाग लेते थे । हमारे समय मे विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव मे शुरू के दो विश्वविद्यालय अध्यक्ष यहीं से बने थे । जिसमेँ स्व. डा. प्रकाश शुक्ला का आपातकाल के बाद के चुनाव मे जनता पार्टी के लिए, छात्रो के सहयोग के लिए,उनका बहुत बड़ा योगदान था । छात्र भी मेडिकल कॉलेज से पढाने आने वाले से गंभीरता से, रूचि के साथ क्लास अटैंड करते थे।

पर यह कटु सत्य है कि मूल विषय आयुर्वेद के विषयो मे इंटरेस्ट पैदा करने मे शिक्षक लोग भी कामयाब नही रहे । वहीं महाविद्यालय मे प्रशासन की कमी एक आम बात रही है । कोई भी प्राचार्य रहा हो, आज तक कोई उल्लेखनीय काम महाविद्यालय के लिए नही दिखता, जिसे याद रखा जा सके । अभी का तो मेरे को नही मालूम पर हमारे समय मे किताब देखकर पढाना आम बात थी । इसलिए छात्रो मे वो रूचि जागृत ही नही हो पाई । छात्रो का आंदोलन एक आम बात थी । किसी न किसी मांग को लेकर छात्रो ने बड़े बड़े आंदोलन किये, कई बार तो कुछ छात्र गंभीर रूप से घायल भी हुए । मांगो की लड़ाई आज तक चल रही है । सन 1978 के प्रदेश व्यापी आंदोलन के चलते चार पांच दिन मै भी भोपाल जेल मे था । पहले तो वेतन की असमानता सबसे बड़ा कारण रहा है । वही इंटीग्रेटेड चिकित्सक के साथ शुरू से ही अन्याय हुआ है, जो आज तक चल रहा है । इस पाठ्यक्रम को क्यो चलाया जा रहा है यह भी समझ से परे है । ये लेख आगे भी जारी रहेगा।

लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Leave A Reply

Your email address will not be published.