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दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के 77वें स्थापना दिवस समारोह में कुरुक्षेत्र के सांसद और देश के अग्रणी उद्योगपति नवीन जिन्दल को महात्मा हंसराज गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के लिए लंबा कानूनी संघर्ष करने और उसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए नवीन जिन्दल के अथक प्रयासों की उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंच से भरपूर तारीफ की।
राजनीति, उद्योग, शिक्षा जगत और पोलो, निशानेबाजी जैसे खेलों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाले कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिन्दल को हंसराज कॉलेज ने दो दिन पूर्व अपने 77वें स्थापना दिवस पर खास मेहमान के रूप में आमंत्रित किया था। जिन्दल ने इसी कॉलेज से कॉमर्स में डिग्री हासिल की है। अपने इस होनहार छात्र की उपलब्धियों को देखते हुए हंसराज कॉलेज ने नवीन जिन्दल को महात्मा हंसराज गौरव सम्मान से अलंकृत किया। यह सम्मान उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह और हंसराज कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रमा ने प्रदान किया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जगदीप धनखड़ ने तिरंगा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नवीन जिन्दल के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नवीन जिन्दल अपने उद्देश्य के प्रति इतने समर्पित थे कि वे नागरिकों को साल के 365 दिन तिरंगा फहराने का अधिकार दिलाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गए।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि वे सैनिक स्कूल-चित्तौड़गढ़ के विद्यार्थी हैं, जहां के पूर्व छात्रसंघ ने उनसे अनुरोध किया है कि उनके स्कूल में भी नवीन जिन्दल विशाल राष्ट्रीय ध्वज लगाएं। उन्होंने पूर्व छात्रसंघ को भरोसा दिलाया कि जब वे नवीन जिन्दल के कॉलेज जाएंगे, जहां से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की है, वहां वे निवेदन करेंगे कि सैनिक स्कूल-चितौड़गढ़ में भी विशाल ध्वज फहराएं।
उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि नवीन जिन्दल जैसे विद्यार्थी सिद्ध करते हैं कि हंसराज कॉलेज की महत्ता क्या है। उन्होंने देश के उद्यमिता और रोजगार सृजन के लिए नवीन जिन्दल के प्रयासों की भी सराहना की।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. प्रभांशु ओझा ने बताया कि नवीन जिन्दल हंसराज कॉलेज को लेकर अत्यंत भावुक हैं और सदैव कॉलेज के सहयोग के लिए तत्पर रहते हैं।
गौरतलब है कि नवीन जिन्दल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उपराष्ट्रपति द्वारा तिरंगे के लिए उनके प्रयासों और संघर्षों की सराहना उनके लिए गर्व का विषय है। तिरंगा हमें न सिर्फ एकजुट करता है बल्कि राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए प्रेरित भी करता है।