ज़ाकिर नायक की तक़रीरों से पाकिस्तानी अवाम हैरान ओ परेशान
-राजकमल गोस्वामी की कलम से-
Positive India: Rajkamal Goswami:
ज़ाकिर नायक(Zakir Naik) की तक़रीरों से पाकिस्तानी अवाम हैरान ओ परेशान है लेकिन बेचारा ज़ाकिर उन्हीं बातों पर अमल कर रहा है जो विशुद्ध इस्लामी आचरण के अनुरूप हैं। अब इस्लाम में ही इनबिल्ट फ़ॉल्ट है तो कोई क्या कर सकता है ।
अनाथ बच्चियाँ नामहरम हैं तो कोई नैष्ठिक मुसलमान उन्हें कैसे छू सकता है भला ? अनाथालय वाले उन लड़कियों को ज़ाकिर से सम्मानित कराना चाहते थे तो ज़ाकिर के पास मंच छोड़ कर भागने के सिवा चारा ही क्या था ।
कल्पना कीजिये कि सड़क पर किसी महिला का एक्सीडेंट हो गया और कोई मुसलमान उधर से गुज़र रहा है । अब मुसलमान भी इंसान होते हैं , दया करुणा और मुसीबत के वक़्त मदद करने की भावना उनमें भी होती है तो वह लपक कर उस महिला को उठा कर अस्पताल पहुँचाना चाहेगा लेकिन यहाँ इस्लाम उसे ऐसा करने से रोकता है । महिला नामहरम है इसलिये वह उसे छू तक नहीं सकता मदद करना तो बहुत दूर की बात है ।
मान लीजिये वह दुर्घटनाग्रस्त महिला की मदद ही करने का निर्णय लेता है और इस्लाम की उपेक्षा कर देता है तो क्या होगा ? तो अल्लाह उससे नाराज़ हो जायेगा उसके आमालनामे में एक हराम काम और जुड़ जायेगा हो सकता है कि उसे दोजख़ की सैर करनी पड़े ।जन्नत मारी जायेगी ।
सनातन धर्म इस मामले में बहुत उदार है,
न त्वहम् कामये राज्यं न स्वर्गम् नाऽपुनर्भवम्
कामये दुःखतप्तानाम् प्राणिनाम् आर्तनाशनम्
न तो मुझे स्वर्ग की कामना है न राज्य की और न मोक्ष की , कामना यही है दुःख से पीड़ित प्राणियों की पीड़ा को दूर कर सकूँ ।
बहुत से इस्लामी आदेश सामान्य बुद्धि विवेक और मानवीय आचरण के विरुद्ध हैं । इंटरनेट के प्रचार प्रसार का असर यह भी हुआ है कि दुनिया भर में एक्स मुस्लिम मूवमेंट तेज़ी से फैल रहा है । अगर इस्लाम छोड़ने की सज़ा मृत्युदंड न होती तो अब तक कितने ही लोग इस्लाम छोड़ चुके होते । एक अल्लाह की इबादत के नाम पर कब तक कोई अपनी आत्मा की आवाज़ और ज़मीर को दबा सकता है ।
पाकिस्तानी आजकल राज्य अतिथि ज़ाकिर नायक के फतवे सुन सुन कर हताश है । उसका कहना है कि किसी औरत की शादी नहीं हो पा रही हो तो या तो वह पहले से शादीशुदा किसी मर्द की दूसरी बीवी बन जाये या फिर बाज़ारू औरत या पब्लिक प्रॉपर्टी बन जाये । मज़े की बात है कि पाकिस्तान की कई सम्मानित महिलाओं ने जीवन भर शादी नहीं की जिनमें फ़ातिमा जिन्ना जैसी राजनेता और कुर्रतुल ऐन हैदर जैसी लेखिकायें भी शामिल हैं ।
पाकिस्तानी बेचारे अभी तक सच्चे मुसलमान नहीं बन पाये । ज़ाकिर नायक को अभी बहुत मेहनत करनी पड़ेगी ।
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)