पढ़ना-लिखना अभियान
असाक्षरों और स्वयंसेवी शिक्षकों का प्रदेशव्यापी चिन्हांकन 14 से 19 दिसंबर तक
पॉजिटिव इंडिया: रायपुर, 12 दिसम्बर 2020
पढ़ना लिखना अभियान के तहत प्रदेशव्यापी असाक्षरों के चिन्हांकन और सर्वे का कार्य 14 से 19 दिसंबर तक 116 विकासखण्ड एवं 100 नगरीय निकाय के वार्डों में किया जाएगा। इसके साथ-साथ सर्वेदल कक्षा संचालन के लिए स्वयंसेवी शिक्षक का भी चिन्हांकन करेंगे। इस कार्य के लिए सर्वे टीम के सदस्य कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए घर-घर दस्तक देगी और 15 वर्ष से अधिक असाक्षरों की खोज करेगी। सर्वेदल द्वारा पूरी तन्मयता के साथ मैचिंग-बैचिंग कार्य अर्थात ‘कौन-किसको-कहां पढ़ायेगा‘ को भी पूरा कर लिया जाएगा। ग्राम पंचायत एवं मोहल्ला-पारा में असाक्षरों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी शिकरत करेंगे। असाक्षर को साक्षर करने में पढ़ना-लिखना और अंक ज्ञान को मापदण्ड निर्धारित किया गया है।
प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने असाक्षरों को खोजने के लिए 14-19 दिसंबर के सर्वे अभियान को सफल बनाने की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि आपके क्षेत्रो में पहुचे दल के सदस्यों का सहयोग करें और असाक्षरों को ढूंढ़ने में वहां के निवासीगण मदद करें। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि प्रदेश का हर एक बुद्धिजीवी और शिक्षित वर्ग असाक्षर को शिक्षित कर सकता है, इस कार्य में सहयोग के लिए स्वयंसेवी शिक्षक को राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा।
अभियान अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला द्वारा सभी कलेक्टरों को पूरे अमले के साथ निगरानी के निर्देश जारी कर दिया हैे। जिसके तहत् प्रदेश के सभी जिलो में 14 से 19 दिसंबर 2020 के बीच एक साथ, चयनित ग्राम पंचायत, वार्ड में, असाक्षरों का चिन्हांकन तथा सहयोगी दल का गठन, स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन, मैचिंग-बैचिंग (कौन-किसको-कहां पढ़ाएगा), मोहल्ला साक्षरता केन्द्र के लिए स्थल का चिन्हांकन, वातावरण निर्माण हेतु नारा लेखन आदि कार्य के लिए विशेष रणनीति बनाकर पूर्ण किया जाना है।
राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक श्री डी. राहुल वेंकट ने असाक्षरों के लिए 15 वर्ष से अधिक उम्र समूह के ऐसे असाक्षरों का चिन्हांकन जो पूर्व में संपन्न साक्षरता कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके थे, ऐसे अर्द्ध नवसाक्षर जो एनआईओएस की परीक्षा में ‘सी‘ श्रेणी प्राप्त किए हो और ऐसे शिक्षार्थी जो लंबे अंतराल के कारण पढ़ना-लिखना या दैनिक जीवन में उपयोगी आवश्यक जोड़-घटाना नहीं आता हो या भूल गए हो, को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही स्वयंसेवी शिक्षक के चिन्हांकन में सेवानिवृत्त शिक्षक, पूर्व साक्षरता कार्यक्रम के समन्वयक, प्रेरक, एनजीओ के प्रतिनिधि, एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड के छात्र-छात्राएं, बीएड और डीएलएड के प्रशिक्षार्थी, पढ़ई तुंहर दुआर के मोहल्ला कक्षा में सेवा दे रहे शिक्षक, महाविद्यालयीन विद्यार्थी, सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी, कक्षा ग्यारहवीं-बारहवीं के विद्यार्थी, स्वसहायता समूह के शिक्षित पदाधिकारी, नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवक, आंगनबाड़ी केन्द्र के कार्यकर्ता, जिला उपजेल में सेवारत शिक्षक, शिक्षित जन प्रतिनिधि, पंचायत पदाधिकारी, मनरेगा मेट, एनआरएलएम बिहान संगठन कीे सहायिका, सक्रिय महिला, महिला मंडल, युवा मंडल के उत्साही युवक-युवती, यूनिसेफ प्रायोजित कार्यक्रम के सीख मित्र इत्यादि की सेवाएं असाक्षर को साक्षर करने में लिया जाए।
सर्वे के कुशल संचालन के लिए नया रायपुर स्थित मंत्रालय से जिला शिक्षा अधिकारी एवं डाइट प्राचार्य व राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अधिकारियों कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर पारंगत बनाया गया है। एनआईसी के द्वारा पूरे प्रदेश में इस अभियान से जुड़े डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
सर्वे पश्चात् प्रदेश स्तर पर स्रोत व्यक्तियों, कुशल प्रशिक्षकों और स्वयंसेवी शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्य इस माह के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। जनवरी के प्रथम सप्ताह में प्रदेशव्यापी साक्षरता कक्षा का संचालन प्रारंभ किया जाएगा।