भारत के खिलाफ विपक्षियों ने खड़ा किया शाहीन बाग का आंदोलन
नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों में बेचैनी का आलम।
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
मै अभी लगातार सेल्यूलर जेल के शहीदो के बारे मे लिख रहा था, पर हालात ऐसे है कि मुझे मजबूरन शाहीन बाग के मुद्दे पर लिखना पड़ रहा है । उल्लेखनीय है कि एक पार्टी का जन्म ही आंदोलन से हुआ है, इसलिए आंदोलन के लिए क्या क्या मटेरियल चाहिए उससे वो अच्छे से वाकिफ है । यही कारण है हरा लगे न फिटकरी रंग चोखा कैसे किया जाता है इससे अरविंद केजरीवाल बखूबी परिचित है । पहली बार तो लोग धोखा खा गए, पर अब लोग इसके रग रग से वाकिफ है । अराजकता फैलाने मे इसका कोई सानी नही है । अपने राजनीतिक फायदे के लिए ये बंदा कही तक भी जा सकता है ।
यूपीए(#UPA) शासन के समय जिस तरह के हालात अरविंद केजरीवाल ने पैदा किया, ऐसा लगने लगा कि देश को एक अच्छा विकल्प मिल गया है । पर यह भ्रम टूटने मे ज्यादा समय नही लगा । इसके साथी एक एक कर अलग होने लगे। पर जिस मुकाम पर यह अपने को पहुंचाना चाहता था, पहुचा लिया । हर बंदे का उपयोग कर लिया । कई देश प्रेम से ओतप्रोत लोगो ने विदेशो मे अपनी नौकरी छोड़ इसके साथ हो लिए थे, बाद मे उन्हें अपने निर्णय पर पछतावा हुआ । लोगो से जहां विदेशो से बहुत चंदा मिला, वही आंदोलन से प्रभावित लोगो ने अपने पहने हुए जेवर उतार कर दान कर दिये थे । मकसद सिर्फ एक, भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई अधूरी न रह जाए । पर दुर्भाग्य ऐसा कि बंदे ने अपनी सियासत के लिए सबके सपने तोड़ दिये ।
आम आदमी पार्टी(#AAP) बनाकर, सत्ता पर काबिज होकर, अपनी राजनीति के लिए एक भंडारा सा ही खोल रखा है। देश जाये भाड़ मे, पर सत्ता से बेदखल नही होना चाहिए । फिर अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जिन लोगो को सरेआम कोसा, उन्ही लोगो से गलबहिया! लोगो के हलक से नीचे नही उतर रही है । बात यहां तक थी तो भी कोई बात नही, पर देश हित के कानून मे भी अपनी राजनीति के लिए व्यवधान डालने की जुर्रत करना, यह एक देशद्रोह से कम नही है । शाहीन बाग(#shahinbagh)का आंदोलन बिल्कुल प्लांट कर किया गया है । लोगो मे खौफ पैदा किया गया है। जैसे खबरे आ रही है,विदेशी विशेष कर दुश्मन देश के हाथ होने से इंकार भी नही किया जा सकता।
केजरीवाल सरकार को लोगो के दिक्कतों से भी कोई लेना-देना नही है । लोग आम रास्ते को कैसे बंद कर सकते है ? आप की दिल्ली सरकार मूक दर्शक बनकर कैसे रह सकती है ? चुनाव सामने है,वोट चाहिए है। सांप्रदायिक तनाव पैदा कर वोट बैंक की राजनीति के लिये आप, वाम दलों तथा कांग्रेस(#congress) ने नागरिकता संशोधन कानून(#CAB) के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं को शाहीन बाग मे उतार दिया है । यह देश के खिलाफ बड़ी साजिश है। मुट्ठी भर सियासतदान भारत की संसद से पास हुए कानून की धज्जियां नही उड़ा सकते। इस देश के सियासतदान कब राजनीतिक लोभ माया मुक्त होंगे, भगवान् ही मालिक है । पर यह तय है, देश अब सक्षम लोगो के हाथो मे है। ऐसे हालात मे इस तरह के टुटपूंजिये नेताओ की कोई औकात नही कि #CAA में कोई रोड़ा अटका सके ।
एक एक कर हर मुद्दे जिस तरह सुलझाये जा रहे है, उससे विपक्षियो खासकर कांग्रेस तथा वामं दलो मे बेचैनी पैदा होते जा रही है । उन्हे यह डर है कि आने वाले दिनो मे न उनके पास मुद्दे रह जाऐंगे, न मतदाता। यही वो डर जिसकी वजह से शाहीन बाग(#shahinbagh)पैदा किया जा रहा है ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ-अभनपूर(ये लेखक के अपने विचार हैं)