Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
नागरिकता कानून का विरोध देश की जनता समझ नही पा रही है । पहले यही सब विपक्षी दल काश्मीर मे काश्मीरीयत खतरे मे पड़ जाएगी इसलिए 370 धारा का विरोध कर रहे थे । फिर नागरिकता कानून का क्यो विरोध किया जा रहा है ? ये लोग सिर्फ मोदीजी का विरोध करना है, करते रहते है । या तो ये पहले गलत थे या अब है। यह बात देश को व जनता को बतानी होगी । राजनीति मे इतना ओछा पन व दोगलापन कैसे चल सकता है ? जितने भी मीडिया वालो ने प्रदर्शनकारियो से पूछा, उसमे से अधिकांश लोगो को मालूम ही नही है । भेंडचाल है, कोई मुद्दा नही मिला तो सिर्फ मुद्दा बनाने की कोशिश से ज्यादा कुछ नही है । इस तरह के प्रदर्शन के बदले सार्थक बहस कर बात करनी चाहिए । पर तर्क ही नही है तो सिर्फ हुड़दंग के सिवाय बचता क्या है ।
क्यो ये देश, अल्प संख्यक समुदाय को, जो विभाजन के चलते वहाँ रह रहे थे और प्रताड़ित है, फिर क्यो न नागरिकता दी जाये। वहाँ के बहुसंख्यक को क्यो नागरिकता दी जाये इसके बारे मे ये दल बताये और देश को समझाये । जिस तरह से सुनियोजित तरीके से आंदोलन को उग्र रूप देकर आगजनी की जा रही है उसकी जवाबदारी इन नेताओ व दलो पर तय की जानी चाहिए । इनके पार्टी से नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए । पार्टी होने के कारण इन्हे कोई अधिकार नही मिल जाता की देश के संसाधन के साथ खिलवाड करे । जब विपक्ष के लोग एक तरफ सर्वोच्च न्यायालय गए वही दूसरे तरफ राष्ट्रपति के पास भी गये थे तो इन्हे इंतजार करना था । कुछ समय पहले एक पार्टी का वोट बैंक जब यह वर्ग नही था तब इस नेता ने इस बिल के विरोध मे बिल फाड दिया था । आज वोट बैंक बनने से यह अब उनके समर्थन मे उतर आई है । यह सियासतदान सिद्धांत के अनुसार नही वोट बैंक को देखकर राजनीति कर रहे है । ममता बनर्जी यून के देखरेख मे जनमत की बात कर रही है जो हास्यास्पद है, देश के मामले मे हम यूनो को क्यो लाये ? कुल मिलाकर देश मे अशांति लाने का पहला मकसद है जिसमे अफवाह फैलाकर इन्होंने अपना यह उद्देश्य पूरा कर लिया है । जयचंद व मीरजाफर से भरी धरती मे ऐसा करना कोई बड़ी बात नही है । पांच सौ साल मुगल काल मे गुलाम रहने के बाद भी धर्म के नाम से देश के टुकड़े होने के बाद भी इनकी धर्मनिरपेक्षता की खुजली अभी भी बंद नही हुई है । यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक भी है । यह बिल देश हित मे है ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ-अभनपूर