पार्ट 2: कोरोना वैक्सीन के विरोध की कैफियत और नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों की आंच में बौखलाया विपक्ष
ममता बनर्जी , वामपंथियों और ओवैसी जैसों के जहर का भी वैक्सीन के मैदाने जंग में इंतज़ार है।
Positive India:Dayanand Pandey:
राहुल गांधी देश में अभी नहीं हैं, न उन का कोई ट्वीट अभी तक आया है। हो सकता है वह अखिलेश से भी आगे की कुछ बात बोल दें। ममता बनर्जी , वामपंथियों और ओवैसी जैसों के जहर का भी वैक्सीन के मैदाने जंग में इंतज़ार है। वैक्सीन भाजपाई , भ्रष्टाचारी , कम्युनल कुछ भी हो सकता है। आखिर जनता को महामूर्ख मानने की यह राजनीतिक रेस कहां जा कर ख़त्म होगी, कहना मुश्किल है। जनता ने इन जातीय और फासिस्ट पार्टियों को सिरे से खारिज कर दिया है, करती ही जा रही है पर भगवान इन को सन्मति जाने कब देगा। सच यह है कि मोदी के नित नए काम, नित नई उपलब्धियों से विपक्ष की नींद हराम है। हर काम का विरोध करते-करते जनता-जनार्दन से विपक्ष का गर्भ और नाल का रिश्ता पूरी तरह खत्म हो चुका है। विपक्ष अपनी ज़िद और सत्ता की हवस में इतना बौखला चुका है कि जनता की नब्ज, जनता की भावना को जानना और समझना ही नहीं चाहता। सच यह है कि मोदी के काम और उपलब्धियों से जनता सीधे जुड़ गई है।
दुनिया को मोदी का काम दिख रहा है। लेकिन हमारे बौखलाए विपक्ष को नहीं। वह तो गोदी मीडिया कह कर अपनी हताशा को कवर करने में ही आनंद महसूस करता है। शाहीन बाग़ से लगायत किसान आंदोलन तक कृत्रिम आंदोलन में विपक्ष अपनी सांस लेता है। जब कि जनता 370 , सी ए ए , पाकिस्तान को नकेल डालने , चीन को लगाम लगाने, पक्का मकान , शौचालय, गैस कनेक्शन , चमकती सड़कों में देखती सांस लेती है और आस देखती है। विस्थापित मज़दूरों की असह्य पीड़ा को संभालने के साथ कोरोना को जिस तरह मोदी सरकार ने संभाला है, बीते मार्च से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, जनधन योजना में निर्बाध 500 रुपए, 6000 रुपए के किसान सम्मान निधि में देखती है। अब वैज्ञानिकों की अनथक मेहनत के नतीजे में मुफ्त कोरोना वैक्सीन की विराट सफलता सामने है। विपक्ष को यह सब हजम नहीं हो रहा। लेकिन क्या करें , आप जीडीपी आदि का तराना लाख गाते रहिए , पर ये जो पब्लिक है, सब जानती है।
साभार:दयानंद पांडेय-एफबी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)