www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

विपक्ष को अग्निवीर से चिढ़ क्यों है?

-कुमार एस की कलम से-

Ad 1

Positive India:Kumar S:
अग्निवीर योजना कोई नौकरी लगे सैनिकों को बीच सर्विस घर भेजने की योजना नहीं थी।
न ही अब है।
सैनिक भर्ती अब भी उतनी ही होगी।
जैसे हरेक व्यक्ति में एक नैसर्गिक इंजीनियर, डॉक्टर, सलाहकार या कलाकार छिपा रहता है वैसे ही प्रत्येक व्यक्ति में एक सैनिक भी छिपा रहता है।

Gatiman Ad Inside News Ad

जैसे 4-5 वर्ष के अध्ययन और माहौल से उत्कृष्ट श्रेणी के कलाकार या शिल्पकार उभर कर बाहर आते हैं वैसे ही किशोरवय के युवाओं में यदि सैन्यत्व या यौद्धा छिपा है तो वह बाहर निकले।
विज्ञान गणित लेने वाले सभी कोटा जाना चाहते हैं पर नहीं जा पाते।

Naryana Health Ad

कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले भी सभी उत्तीर्ण नहीं होते।
इंजीनियरिंग कितने लोग करते हैं?
इसकी परीक्षा इसकी छंटनी है। पढ़ाई भी छंटनी ही है। सभी इंजीनियर, इंजीनियर नहीं बनते।

अग्निवीर भी एक ऐसा ही कोर्स है।
मनुष्य का यौद्धा का नैसर्गिक गुण बाहर प्रकट हो।
100 सैनिक चाहिए तो अब भी 100 ही लेंगे। लेकिन 100 के स्थान पर 4 वर्ष तक 400 ट्रेनिंग लेंगे।
आज, जैसा कि शिक्षा का तरीका है, लोगों को स्कूल के नाम पर गुलाम पैदा करने की फैक्ट्रियां चाहिए।

स्कूल और कुछ नहीं, नैसर्गिक विकास को रोककर बच्चों को गुलाम, परावलम्बी, भिखारी, व्यसनी और यौन विकृत बनाने के अड्डे हैं। जिनका धन सरकार देती है, रॉ मेटेरियल यानि बच्चे समाज देता है। 1000 बच्चों के बैच में दो चार काम के गुलाम सलेक्ट कर बाकियों को सड़क पर हुड़दंग करने और दूसरों के सामने गिड़गिड़ाने के लिए छोड़ दिया जाता है।
तो अग्निवीर सुनते ही, जो #पूंजीवादी_वामपंथी_दुरभिसंधि है, उनके कान खड़े हो गए।

हमारी गुलाम बनाने वाली फैक्ट्रियों में यौद्धा कैसे बनेंगे?
यहाँ तो lgbtq की परेड और नशेड़ियों, टुकड़े टुकड़े गैंग की भीड़ जमनी चाहिए ताकि हमारे प्रोफेसर साहब उन्हें क्रांति एनालिसिस कर समझा सके।

विपक्ष को अग्निवीर से चिढ़ है और बहुत सारे मूढ़ इसे समझना भी नहीं चाहते।

साभार: कुमार एस-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.