Positive India:Raigarh:
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ द्वारा आयोजित प्रथम “एजुकेशन लीडरशिप ई -समिट” सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। “कटैलाइजिंग चेंज इन एजुकेशन: ट्रांसफॉर्मिंग चैलेंजेज इन ऑपर्चुनिटीज” विषय पर जून, 2020 के अन्तिम दिनों के दौरान आयोजित इस समिट में विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यों, अध्यापकों एवं विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों ने पैनेलिस्ट के रूप में हिस्सा लिया। ई- सम्मेलन के उद्देश्य के बारे में सम्मलेन के संयोजक प्रो धनञ्जय देवांगन ने बताया की इस सम्मलेन का मुख्य उद्देश्य कोविड -19 के कारण और उसके बाद की शैक्षिक चुनौतियों और स्थायी भविष्य के लिए उनका सामना करने के तरीके पर चर्चा करना तथा छात्रों और संस्थाओं के अकादमिक प्रदर्शन को प्रभावी बनाने के तरीकों का पता लगाना था। यह ई-शिखर सम्मेलन वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को संबोधित करके शैक्षिक परिणामों में सुधार एवं छात्रों के अच्छे भविष्य के निर्माण के सपने को पूरा करने के तरीकों के बारे में चर्चा करने लिए था।
25 जून को ई -समिट का उद्घाटन करते हुए ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार ने कहा की हम सभी जानते हैं कि पिछले तीन महीने पूरी दुनिया के लिए वास्तव में कठिन और चुनौतीपूर्ण रहे हैं। कोविड-19 प्रकोप न केवल प्रबंधन के नेतृत्व कौशल का परीक्षण कर रहा है, बल्कि शिक्षा संस्थानों की इस अस्पष्टता के दौरान संचालित करने की क्षमता का भी आकलन कर रहा है। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान, जबकि उद्योग बंद हो गए, राज्य के शैक्षणिक संस्थानों ने नियमित रूप से ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को अपनाया और प्रशासन के निर्देशों का पालन किया । अब यह व्यापक रूप से उम्मीद की जाती है कि स्कूल और उच्च शिक्षा पूरी तरह से कभी भी कोविड-19 के पहले की स्थिति में नहीं आ पाएंगे बल्कि ‘न्यू नार्मल’ में नई तकनीकों के साथ पुनर्स्थापित होंगे। शैक्षिक परिसर में शैक्षणिक पद्धति, सामग्री, पाठ्यक्रम, रोजगार के अवसर और स्वच्छता और सुरक्षा के क्षेत्रों में बहुत सारे बदलाव की उम्मीद है। आने वाले समय में शिक्षा स्किल पर आधारित ग्लोबल शिक्षा होगी और ग्लोबल कार्य बल निर्माण की आवश्यकता होगी।
तीन सत्रों में आयोजित एजुकेशन लीडरशिप ई -समिट में बड़ी संख्या में विद्यालयों के प्राचार्यों एवं शिक्षाविदों ने पैनेलिस्ट के रूप में भाग लेकर अपनी संस्थाओं में कोविड-19 की परिस्थितियों से निपटने के लिए किये गए प्रयासों एवं किये जाने वाले प्रयासों की चर्चा की। सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में ऑनलाइन शिक्षण और सीखने की संस्कृति में शिक्षकों की भूमिका, वर्चुअल लर्निंग की सफलता सुनिश्चित करना एवं छात्रों की जरूरतों को पूरा करना, “न्यू नॉर्मल” पोस्ट-कोविड-19 के लिए प्रत्याशा और तैयारी, स्टेक होल्डर्स की गहरी जरूरतों को पूरा करना, ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से प्रभावी शिक्षण को बढ़ावा देना, शिक्षा योजना में छात्रों और अभिभावकों को शामिल करना, पोस्ट-कोविड-19: शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका को परिभाषित करना और मजबूत विश्वविद्यालय-स्कूल भागीदारी के माध्यम से तैयारी को नया स्वरूप देना आदि विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा हुई और सभी ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए यही कहा की कोविड-19 के पश्चात भारत में शिक्षा नए रूप में तकनीकों से युक्त प्रैक्टिकल और अनुभवात्मक शिक्षा होगी। अध्यापकों को स्वयं को नई शिक्षण प्रणाली के अनुरूप प्रशिक्षित होना होगा और यह कार्य विश्वविद्यालय-स्कूल भागीदारी के माध्यम से बहुत ही अच्छी तरह से किया जा सकेगा।
इस एजुकेशन लीडरशिप ई -समिट में टी. अरुलराज (सलाहकार और प्रिंसिपल, जोगपाल पब्लिक स्कूल), लक्ष्मी नारायण चौधरी ( निदेशक आदर्श ग्राम्या भारती), रविशंकर प्रसाद (प्रिंसिपल,गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, लोइंग, रायगढ़), योगेश शर्मा (प्रिंसिपल, पं. हरिहर प्रसाद शर्मा सहयोग हायर सेकंडरी स्कूल , तमनार), राजय महाले (व्याख्याता, कार्मेल गर्ल्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रायगढ़), राजेश डैनियल ( प्रिंसिपल, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चक्रधरनगर, रायगढ़), संतोष कुमार चंद्रा (प्रिंसिपल गवर्नमेंट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जूटमिल, रायगढ़), प्रियम दंडोपाध्याय (अकादमिक निदेशक, न्यू विवेकानंद कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल), बसु शंकर राह (प्रिंसिपल, गवर्नमेंट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, घरघोड़ा), भरत पटेल (प्राचार्य, गवर्नमेंट स्कूल, कुसमुरा), संतोष कुमार पटेल (प्रिंसिपल, केपी हायर सेकेंडरी स्कूल, बांदपाली), अरुण जायसवाल (प्रिंसिपल, शासकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय), देवज्योति मुखर्जी (प्रिंसिपल, लायंस पब्लिक स्कूल), शिवनाथ पटेल (प्राचार्य, रमापति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चंद्रपुर) एवं अक्षय कुमार सतपथी (प्राचार्य, अभिनव विद्या मंदिर पुसौर) ने पैनेलिस्ट्स के रूप में भाग लेकर अपने विचारों को सभी के साथ साझा किया। प्रो. धन्नजय देवांगन (हेड-एडमिशन,ओपीजेयू), डॉ गिरीश चंद्र मिश्रा(प्रोफ़ेसर एन्ड अस्सिस्टेंट डीन, स्कूल ऑफ़ साइंस,ओपीजेयू) एवं डॉ संजय कुमार सिंह (प्रोफ़ेसर-ह्यूमैनिटीज़, ओपीजेयू) ने मॉडरेटर के रूप में चर्चा को विषयान्तर्गत रखने का प्रयास किया। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में छात्र एवं अध्यापक प्रतिभागी रहे। समिट के दौरान सभी वक्ताओं का ‘इ-प्रमाण पत्र’ के साथ सम्मान किया गया। समिट के अंत में प्रो.धन्नजय देवांगन ने कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार, कुलसचिव प्रो अनुराग विजयवर्गीय एवं अन्य सभी सहयोगियों, वक्ताओं एवं प्रति भागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।