www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

गाजा पट्टी के नागरिकों से एक पैसे की सहानुभूति भी नहीं है

-दयानंद पांडेय की कलम से-

Ad 1

Positive India:Dayanand Pandey:
एक समय था कि इंदिरा गांधी पाकिस्तान की मनबढ़ई और हिंसक गतिविधियों से आजिज आ गई थीं। एक दिन तत्कालीन थलसेनाध्यक्ष जनरल मानेक शॉ को बुलाया और कहा कि पाकिस्तान पर तुरंत आक्रमण कर दीजिए। मानेक शॉ ने इंदिरा गांधी को मना करते हुए कहा कि ऐसे तो हम हार जाएंगे , क्यों कि अभी हमारी कोई तैयारी नहीं है युद्ध के लिए। मार्च , 1971 की बात है यह। इंदिरा गांधी ने नाराज हो कर पूछा कितना समय लगेगा , तैयारी में ? मानेक शॉ ने कहा , कम से कम छ महीने। तैयारी चल ही रही थी कि दिसंबर , 1971 में पाकिस्तान आक्रमण करने की ग़लती कर बैठा। इधर भारत तो तैयार ही था। 12 दिन में ही वारा-न्यारा हो गया। बांग्लादेश बन गया था।

Gatiman Ad Inside News Ad

लेकिन एक बहुत छोटा सा देश है इजराइल। एक करोड़ की भी आबादी नहीं। क्षेत्रफल भी बहुत कम। लेकिन देखिए कि आतंकी हमला होते ही , बिना एक क्षण की देरी किए , युद्धरत हो गया। मतलब युद्ध की तैयारी हमेशा से थी। इतना ही नहीं , हमास को धरती से ख़त्म कर देने का ऐलान कर देता है। हमास का सत्यानाश पल प्रतिपल करता ही जा रहा है। गाजा पट्टी तहस-नहस है। गाजा पट्टी के नागरिकों से एक पैसे की सहानुभूति भी नहीं है। इस लिए कि अगर वह सभ्य शहरी होते तो अपने आंगन में आतंकी हमास को फूलने-फलने नहीं देते। आतंक और आतंकी के किसी भी समर्थक से कभी भी किसी क़िस्म की सहानुभूति नहीं रखनी चाहिए। क्यों कि यह भी आतंकी ही हैं।

Naryana Health Ad

अभी भी क़ौम-क़ौम का पहाड़ा पढ़ने से बाज नहीं आ रहे। इन्हें फौजी बूटों और टैंकों से कुचल कर नष्ट कर देना चाहिए। मनुष्यता के दुश्मन हैं यह लोग। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र को इजराइल और उस के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतान्यहू से सीखना चाहिए कि आतंक और आतंकी से कैसे निपटा जाता है। सब का साथ , सब का विश्वास और सब का विकास , सब का प्रयास के नारे के साथ तो हरगिज नहीं।

साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.