नित्यानंद ने अय्याशी वाला सेकुलर गिरोह नहीं बनाया है बल्कि कैलासा नाम का एक देश ही बसा दिया
-सुजीत तिवारी की कलम से-
Positive India:Sujit Tiwari:
स्वामी नित्यानंद ने कोई अपराध किया था या नहीं
मुझे नहीं पता क्योंकि जो भी केस रहा होगा उसे आगे नहीं बढ़ाया गया। क्या आरोपी की अनुपस्थिति में कोर्ट में केस नही चलता। बाक़ायदा चलता है और सजा होती है । पर इस मामले में नित्यानंद के देश छोड़ने से केस करने वालों का उद्देश्य पूरा हो गया लगता है। तभी केस को आगे नही बढ़ाया गया !!
स्वामी नित्यानंद ने कैलासा नामका नया देश एक टापू में बसा लिया है । इस देश को बसाने के पीछे कोई गलत उद्देश्य हो ये भी नही पता लेकिन कैलाशा देश के प्रतीकों ने एक नई सम्भावना को बल जरूर दिया है!
अब समय आगया है कि हिन्दूराष्ट्र स्थापित हो चाहे नहीं, अद्यात्मिक “देशों “की स्थापना की जाए! विश्व के कौने कौने से!
आदर्श वैदिक विलेज,अर्थात वृन्दावन विलेज, जिससे आज की आसुरी संस्कृति से इस धरा को बचाया जाय!
जिसने आज पूरे विश्व पर उधम मचा रखा है! अपनी शैतानी कुसंस्कृति के द्वारा!
कैलाशा के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-
देश- कैलाशा
झंडा- भगवा
राष्ट्रीय भगवान- शिव (ऋषभदेव)
राष्ट्रीय धर्म- हिन्दू
राष्ट्रीय संविधान- मनुसंहिता
राष्ट्रीय ग्रंथ- वेद
राष्ट्रीय चिह्न- नंदी
राष्ट्रीय वृक्ष- वटवृक्ष
राष्ट्रीय भाषा- संस्कृत
उपभाषाएं- अंग्रेजी, तमिल
राष्ट्रीय पहनावा- गेरूआ वस्त्र, रुद्राक्ष
सुविधाएं- अत्याधुनिक
राष्ट्रद्रोह- आरक्षण और जातिवाद का नाम लेना
नागरिकता- सिर्फ हिन्दू
कुछ भी हो जानकर ही मज़ा आ गया कि नित्यानंद ने अय्याशी वाला सेकुलर गिरोह नहीं बनाया है उससे जो हो सकता है बेहतर कर रहा है।
कुछ करने का जज्बा हो तो ऐसा होना चाहिए एक देश ही बसा दिया यहां तो एक घर बनाने में लोगो की जिंदगी गुजर जाती है।
साभार:सुजीत तिवारी-(ये लेखक के अपने विचार है)