देवी प्रतिमा स्थापना को लेकर भाजपा नेता ताराम की सशस्त्र नक्सलियों ने गोली मारकर की जघन्य हत्या
मूर्ति स्थापना का ऐसा परिणाम की पुलिस भी निपटाना चाहती थी ,और नक्सली भी ।
Positive India:मोहला -एनिश पुरी गोस्वामी:
गांव में देवी प्रतिमा स्थापना करने का ऐसा परिणाम कि औंधी इलाके के सरखेड़ा निवासी भाजपा नेता को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। षड्यंत्र या इत्तेफाक कि बिरझू ताराम को मानपुर बुलाकर पुलिस ने पहले संगीन आरोपों के तहत उस पर एफआईआर दर्ज कर दिया , मानपुर थाने में अपराध दर्ज होने के 15 दिनों के भीतर रात के अंधेरे में सशस्त्र नक्सली गांव पहुंचे और बीच बस्ती दे दनादन गोली चलाकर उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
ग्रामीणों व परिवारजनों से मिली जानकारी के अनुसार गांव में निवासरत एक धर्म प्रेमी आदिवासी नेता के अंत की द दास्ता कुछ इस तरह है, बिरझू ताराम की अगवाई में ग्राम सरखेड़ा के सामुदायिक भवन में देवी प्रतिमा की स्थापना की गई थी। आरोप है कि दूसरे गुट ने औंधी पुलिस के मौजूदगी में मंदिर से मूर्ति उखाड़ कर फिर जंगल में ले जाकर जून महीने में प्रतिमा को खंडित करते हुए आग के हवाले कर दिया। मामला उजागर होने के बाद पूरे मोहला- मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। मामला शांत होने के बाद पुनः गांव में देवी प्रतिमा की स्थापना को लेकर बिरझू ताराम फिर से तैयारी शुरू कर दिया। इस दौरान मामला पुलिस तक पहुंचा । मानपुर एसडीओपी मयंक तिवारी ने नोटिस जारी कर बिरझू तारम गुट के साथ साथ प्रतिमा का स्थापना का विरोध करने वाले दूसरे गुट को मानपुर एसडीओपी कार्यालय बुलाया। उस वक्त दूसरा पक्ष पुलिस के समक्ष नहीं पहुंच पाया। इधर मानपुर एसडीओपी कार्यालय तथा पुलिस की वर्दी में छुपे कतिपय लोगों ने बिरझू ताराम के ऊपर गांव में किसी भी तरह से मूर्ति स्थापना नहीं करने को लेकर दबाव बनाते रहें, परंतु पुलिस के दमनकारी निर्देशों के सामने बिरझू ताराम पुलिस प्रशासन के सामने नहीं झुका , अचानक दूसरे दिन बिरझू तारम सहित चार सरखेड़ा गांव के ग्रामीणों के खिलाफ संगीन मामलों के तहत मानपुर थाने में अपराध पंजीबद कर दिया गया। इधर सारे दबावों के बीच नवरात्र के पावन अवसर पर श्री ताराम ने सरखेड़ा गांव में देवी की मूर्ति स्थापना किया, जिसके बाद 18 अक्टूबर की रात नक्सली बिरझू ताराम की हत्या करने के लिए गांव पहुंचे। परंतु गांव में कौतूहल बचने के बाद नक्सली वहां से भाग खड़े हुए। पुनः दूसरी बार 21 अक्टूबर की रात 8 बजे के लगभग सरखेड़ा गांव पहुंचकर भाजपा नेता ताराम की सशस्त्र नक्सलियों ने गोली मारकर जघन्य हत्या कर दी।
मानपुर बुलाया फिर एफआईआर:-
मानपुर पुलिस डिविजन के एसडीओपी मयंक तिवारी ने नोटिस जारी कर 5 अक्टूबर को बिरझू ताराम सहित गांव के चार लोगों को मानपुर तलब किया। इस दौरान मानपुर में जिला कार्यालय की मांग को लेकर चार दिनों से चक्का जाम, नगर बंद , धरना प्रदर्शन के दौरान तहसील कार्यालय में हुएं घेराव को लेकर शासकीय काम में बाधा, तोड़फोड़ तथा शांति भंग के संगीन धाराओं के तहत 6 अक्टूबर को बिरझू तारम सहित सरखेड़ा गांव के 4 ग्रामीणों के खिलाफ एफआईआर में नाम शामिल कर दिया गया।
नक्सल हलचल पर पुलिस खामोश:-
बीते 8-10 दिनों से मानपुर के मदनवाडा औंधी क्षेत्र में सशस्त्र नक्सलियों के जबरदस्त उपस्थिति की खबरें आम होंने के बावजूद नक्सली मोमेंट पर अशक्त बैठी जिला पुलिस बल खामोश रही । विधानसभा चुनाव मे भाजपा नेता की बीच बस्ती हुए निर्मम हत्या से पूरा वनांचल क्षेत्र दहशत में हैं और पुलिस सर्चिंग के नाम पर सिर्फ लकीर पीट रही है
कब किसे मार दे दहशत में जनप्रतिनिधि:-
मानपुर के बीहणो में चल रहे गुटिय व सांप्रदायिक राजनीति की भेंट ना चढ़ जाये, इसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा भाजपा कार्यकर्ताओं में स्पष्ट रूप से दहशत व्याप्त है। मानपुर इलाके के कई भाजपा प्रतिनिधियों को जान से मारने का नक्सली फरमान जारी है, बावजूद उन्हें सुरक्षा प्रदान करने में पुलिस प्रशासन पीछे हट गई है।
पुलिस ने दर्ज किया एफआईआर नक्सलियों ने मार दी गोली:-
परिवारजन तथा सरखेड़ा गांव के ग्रामीणों का कथन है कि बिरझू तारम और उसके परिवार को देवी उपासक होंने का खामियाजा भोगना पड़ा है। दबाव में पुलिस के अफसरों ने उसपर मानपुर थाने में फर्जी मुकदमा दर्ज किया, इधर नक्सलियों ने इशारे पर टारगेट किलिंग कर दिये।
“मदनवाड़ा क्षेत्र में नक्सलियों की चहलकदमी की सूचना मिली थी। मानपुर के आंदोलन में हुए तोड़फोड़ तहसील घेराव के मामले में बिरझू तारम सहित सरखेड़ा गांव के चार लोगों के ऊपर एफआईआर दर्ज है।” मयंक तिवारी-एसडीओपी मानपुर
इंसास राइफल पुलिस के पास या नक्सलियों के पास:-सरखेडा घटना स्थल पर नक्सलियों द्वारा दागी गई इंसास राइफल के खोखे बरामद किया गया है। इस हत्याकांड को मृतक ताराम के परिवार तथा भाजपा ने टारगेट किलिंग करार दिया है। इंसास राइफल सुरक्षाबल और पुलिस के पास है या नक्सलियों के पास है सर्वप्रथम इस घटना को नक्सली घटनाक्रम माना जा रहा है।