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Naveen Jindal Starts Jindal Arts Institute in New Delhi

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Naveen Jindal, Shalu Jindal and Smt. Savitri Jindal
Positive India: नवीन जिन्दल और शालू जिन्दल का अनूठा प्रयास, भारतीय कला विरासत की विभिन्न विधाओं को दुनिया भर में फैलाने का संकल्प। अब लोगों को बेहतरीन जीवन जीने की कला भी सिखाएगा जिन्दल आर्ट इंस्टीट्यूट।
भारतीय सभ्यता-संस्कृति की विविध कला विधाओं को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने और आम आदमी को बेहतरीन कलात्मक जीवन शैली का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से नई दिल्ली के कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया में जिन्दल आर्ट इंस्टीट्यूट खोला गया है। यह इंस्टीट्यूट छिपी कला प्रतिभाओं को निखारेगा, जिससे समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक विरासत को एक नया आयाम मिलेगा।
कुचिपुड़ी नृत्य शैली की अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ एवं सक्रिय समाजसेवी श्रीमती शालू जिन्दल ने ये विचार शनिवार देर शाम इंस्टीट्यूट (जय) के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किये। श्रीमती जिन्दल ने कहा, ‘उनका सपना था कि एक ऐसा संस्थान हो, जो भारतीय कला संस्कृति की सभी विधाओं का उत्कृष्ट केंद्र हो और जहां श्रेष्ठ प्रशिक्षण एवं कला विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में व्यक्ति के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारा जाए। आज जिन्दल आर्ट इंस्टीट्यूट (जय) के रूप में उनका यह सपना साकार हुआ।‘
उन्होंने कहा कि यह इंस्टीट्यूट राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कलाकारों और कला विशेषज्ञों से समन्वय स्थापित कर देश की तमाम नृत्य शैलियों में कला प्रतिभाओं को उनके उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाएगा, जिससे हमारी सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और बढ़ेगी। इस इंस्टीट्यूट के दरवाजे युवा, वयस्क सभी के लिए खुले हैं ताकि वे अपनी विधा में परफेक्ट हो सकें।
हरियाणा की पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती सावित्री जिन्दल ने भव्य एवं रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति के बीच इस इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद श्री नवीन जिन्दल ने कला-संस्कृति के क्षेत्र में इस अनुपम संस्थान के लिए देशवासियों को बधाई दी और कहा कि इससे सभ्यता के विकास के नए अध्याय खुलेंगे। पद्म विभूषण और राज्यसभा सांसद श्री रघुनाथ महापात्र ने इस संस्थान को एक बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि इसके माध्यम से हमारा देश अनेक प्रतिभाओं को सामने ला सकेगा। नई दिल्ली नगर पालिका के उपाध्यक्ष करण सिंह तंवर की उपस्थिति भी इस अवसर पर उल्लेखनीय रही।
इस भव्य उद्घाटन समारोह में शास्त्रीय गायन, तबला, पियानो, कथक, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, ओडिसी, समकालीन गीत-संगीत, जुम्बा, लोकनृत्य, बॉलीवुड आदि की शानदार प्रस्तुति नवोदित कलाकारों ने की और उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया।
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