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बैंक ऑडिट पर राष्ट्रीय सम्मेलन “प्रज्ञान”का सराहनीय प्रथम दिवस

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Positive India:Raipur:
ICAI के रायपुर, भिलाई एवं बिलासपुर द्वारा आयोजित बैंक ऑडिट पर राष्ट्रीय सम्मेलन प्रज्ञान का आज प्रथम दिन रहा । कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ एवं देशभर से आये लगभग 700 सीए ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा और बढ़ा दी । कार्यक्रम के शुभारंभ में पहला तकनीकी सेशन सीए डॉ. संजीव के सिंघल जी ने ICRA नोर्मस पर लिया। ICRA नामक संगठन एक रेटिंग एजेंसी है जो भारत में कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं की रेटिंग करता है। यह निगम उन कंपनियों को रेट करता है जो बाजार में निवेश के लिए उपलब्ध होती हैं। ICRA द्वारा रेट किए गए कंपनियों की स्थिरता, लाभांश और उनकी भविष्य की संभावनाएं मूल्यांकित की जाती हैं।

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ICRA के निर्धारित नियमों के अनुसार, रेटिंग के दौरान कंपनी के इतिहास, उद्देश्य, वित्तीय स्थिति और अन्य फैक्टर्स का विश्लेषण किया जाता है। इसके अलावा, कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य, चलने वाली परियोजनाओं, स्थिरता और आगामी वित्तीय स्थिति भी मूल्यांकित की जाती है।

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इस रेटिंग के महत्वपूर्ण पहलू में से एक है कि इससे निवेशकों को यह पता चलता है कि कंपनी की स्थिरता कितनी है।

इसके बाद समारोह का उद्बोधन हुआ जिसमें देश एवं प्रदेश के सम्मन्निय सीए उपास्थि थे।
दूसरा सत्र सीए अभय छाछड जी का का LFAR रिपोर्टिंग पर था।बैंकों के लिए लांग फॉर्म ऑडिट रिपोर्ट का महत्वपूर्ण होना उनके नियंत्रण तथा प्रबंधन के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह रिपोर्ट उन खातों की समीक्षा करती है जिन्हें बैंक संचालित करती है और उनके ग्राहकों द्वारा उनसे संबंधित सौंदर्य रूप से प्रस्तावित सभी आर्थिक व्यवहारों के लिए दायर रहती है। इस रिपोर्ट में, ऑडिटर बैंक के सभी वित्तीय तथा व्यवसायिक तथ्यों की समीक्षा करता है जैसे कि लेन-देन, ऋण, ब्याज दरें, सहायता, बचत खाते, निवेश तथा विभिन्न शुल्क व वस्तुतों की जाँच करता है। इस रिपोर्ट के आधार पर, बैंक प्रबंधन को अपनी संगठनात्मक प्रक्रियाओं का आकलन करने में सहायता मिलती है और उन्हें उनकी वित्तीय स्थिति का समीक्षण करने में मदद मिलती है।
तीसरा सत्र कुंतल शाह जी अहमदाबाद ऑडिट अंडर CBS पर रहा CBS सेंट्रल बैंक संचालित आईटी आधारित एकीकृत बैंक संचालन प्रणाली (CBS) के तहत ऑडिट बैंकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। CBS के जरिए, बैंकों को बैंकिंग सेवाओं को समग्रता से प्रदान करने की अनुमति मिलती है जिससे उन्हें अधिक अनुकूलता तथा ग्राहक संतुष्टि मिलती है। इस प्रणाली के अंतर्गत, सभी बैंकों की डाटा एक मुख्य सर्वर में समेकित होती है जो उन्हें अधिक सुरक्षित तथा अधिक विन्यस्त बनाता है।

CBS ऑडिट के दौरान, ऑडिटर सभी बैंकों के सर्वर तथा डाटा संरचना की समीक्षा करता है। वह सुनिश्चित करता है कि सभी बैंकों के बैंकिंग विवरण उचित रूप से समेकित हैं, सुरक्षित हैं तथा उनकी संरचना अधिक विन्यस्त हो। ऑडिटर दावेदारों द्वारा दाखिल की गई सभी आर्थिक विवरणों की जाँच करता है जैसे कि बैंक वार्षिक लेखा, विवरण लेखा, निरस्त खाते तथा विवरण रिपोर्ट और अन्य आर्थिक विवरण।
रायपुर शाखा की ओर से सीआईआरसी चेयरमैन किशोर बाराडिया सर को सम्मानित करने आयोजन किया गया था। उनके नेतृत्व और अध्यक्षता में, वे संगठन के विकास और उन्नयन के लिए अपने सभी शक्तियों का उपयोग करते रहे हैं।

सीआईआरसी चेयरमैन के तौर पर, किशोर बरडिया के नेतृत्व में शाखा ने उच्च स्तर की उपलब्धियों को हासिल किया है और संगठन को उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ाया है। उनके अनुभव, दक्षता और नेतृत्व के बल पर, रायपुर शाखा ने संगठन की अधिकतम मानदंडों को पूरा करने में सफलता प्राप्त की है।

हम इस मौके पर किशोर बरडिया को हार्दिक बधाई देते हैं और उनके जीवन में आगे बढ़कर उनके साथ दुनिया को अधिक उन्नत बनाने के लिए इच्छा प्रकट करते हैं।

सम्मेलन में शामिल हुए अन्य सीए द्वारा कई भिन्न कई बिंदुओं पर चर्चा की गई जिसमें बैंक ऑडिट में CA को होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ता है और उनके कुशलता पूर्वक निवारण के उपाय पर जानकारिया साझा की गई प्रज्ञान कार्यक्रम को इस सफलता के पैमाने पर ले जाने का श्रेय CIRC के तीनों प्रांतों के अध्यक्ष सीए रवि गवलानी , सीए पायल जैन , सीए संजय मिश्रा और CIRC के अध्यक्ष सीए किशोर बरड़िया को जाता है । कमेटी के अन्य सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।

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