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नासा ने चांद की सतह पर विक्रम लैंडर को खोज निकाला

भारतीय इंजीनियर शानमुगा सुब्रमण्यन ने विक्रम लैंडर को खोजा।

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Debris of Vikram Lander
Debris of Vikram Lander.Credit:twitter-NASA

Positive Indi:Chennai: अंततः नासा(NASA) ने भारतीय इंजीनियर षणमुगा सुब्रमनियन(Shanmuga Subramanian) की मदद से चांद की सतह पर क्रैश हुए विक्रम लेंडर को खोज निकाला।
नासा ने चेन्नई के इंजीनियर षणमुगा सुब्रमनियन को क्रेडिट देते हुए कहा है कि नासा ने 26 सितंबर को क्रैश साइट की तस्वीर जारी की थी और विक्रम लेंडर की खोज करने के लिए लोगों को बुलाया था।

इंजीनियर षणमुगा सुब्रमण्यन ने मलबे की पहचान करने के बाद नासा के एलआरओ(LRO) प्रोजेक्ट से संपर्क किया। विक्रम लैंडर साइट के उत्तर पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर क्रैश हुआ था।

नासा ने विक्रम लैंडर के मलबे को नीले हरे डॉट्स के जरिए दिखाया है। जब विक्रम लेंडर की सतह पर क्रैश हुआ वहां की मिट्टी को भी नुकसान पहुंचा है।

चेन्नई के शानमुगा सुब्रमनियन पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर है परंतु स्पेस साइंस साइंस में गहन रुचि रखते हैं। प्रतिदिन लगभग 7 घंटे इमेजेस का गहन अध्ययन करने के बाद उन्होंने विक्रम लेंडर को ढूंढ निकाला।

इसरो ने 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस स्टेशन से चंद्रयान-2(#Chandrayaan 2) मिशन के तहत इसे लांच किया था। इसके 3 हिस्से थे विक्रम लेंडर प्रज्ञान रोवर, तथा औरबिटर । 7 सितंबर को विक्रम लेंडर की साफ्ट लैंडिंग होनी थी परंतु विक्रम ने हार्ड लैंडिंग की और #ISRO इसरो से संपर्क टूट गया। विक्रम लेंटर की हार्ड लैंडिंग के बावजूद औरबिटर भलीभांति काम कर रहा है। अगले 7 वर्षों तक यह अपना काम करता रहेगा।

न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक इसरो ने नासा से विक्रम रेंडर की जानकारी मांगी है।

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