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नाम ज्ञानवापी और मस्जिद ! चौंके नही आप ?

-अजीत सिंह की कलम से-

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Positive India:Ajit Singh:
ज्ञानवापी मस्जिद???
नाम ज्ञानवापी…और मस्जिद!!!!!!
चौंके नही आप?
क्या यह नाम कुछ नही,बिना कुछ कहे..मोमिनो के द्वारा किये गये मंदिरो के विध्वंस के दुष्कृत्यों के बारे मे बहुत कुछ कहता है!!
दरअसल बाबरी ढ़ांचा गिरने के बाद कांग्रेस ने ज्ञानवापी के पश्चिम स्थित श्रृंगार गौरी का दर्शन बिना किसी आदेश के बंद करा दिया था,जिस पर राखी सिंह सहित पांच मातृशक्तियों ने एक मुकदमा वाराणसी के सिविल जज के न्यायालय मे दाखिल करते हुये मांग किया है कि किस आदेश के अंतर्गत श्रृंगार गौरी का पूजन केवल नवरात्रि के चतुर्थी तिथि के अतिरिक्त वर्ष भर के लिये बंद कर दिया गया….पता चला कि कोई आदेश नही था,बस तुष्टीकरण के लिये कांग्रेस सरकार ने रोक लगाई थी……..जिसकी जानकारी होने पर मोदी सरकार ने वहां सदैव दर्शन पूजन का अधिकार देते हुये चोरी गई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति कनाडा से लाकर वहां प्राण प्रतिष्ठा कराकर स्थापित करा दिया…तब से ही आदिम कालीन सोच वाला हरे टिड्डों का कबीला चिढ़ा बैठा है…!!

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राखी सिंह आदि के मुकदमे मे जब न्यायालय से कहा गया कि श्रृंगार गौरी जिनके पूजन के बिना शिव पूजा अधूरी मानी जाती है के दर्शन पूजन करने,और विश्वेश्वर परिवार यानी की महादेव के परिवार के सभी विग्रहों की यथास्थिति बनाये रखने के साथ स्थल की 1991 से पूर्व की स्थिति बहाल करने की मांग किया है…जिससे उनकी याचना पर न्यायालय से ज्ञानवापी परिसर मे स्थित विग्रहों की वर्तमान स्थिति जानने के लिये वादीगण ने कोर्ट से कमीशन कराये जाने का प्रार्थनापत्र दिया,जिससे विवादित परिसर मे स्थित विग्रहों सहित श्रृंगार गौरी मंदिर की स्थिति की प्रथम दृष्टया जानकारी मालूम हो सके..जिसको स्वीकार करते हुये कोर्ट ने एक एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त करते हुये निर्देश दिया कि विवादित परिसर की वीडियोग्राफी करा कर कोर्ट मे वीडियो और रिपोर्ट 10 मई तक प्रस्तुत किया जाय…अब जिन्हे नही मालूम,उन्हे बताना चाहता हूं कि यह एडवोकेट कमिश्नर होता क्या है?

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चूंकि हर विवादित स्थल पर कोर्ट द्वारा जाकर वहां कि वास्तविक स्थिति को देखना प्रैक्टिकली संभव नही होता है,इसलिये प्रत्येक जिले मे सिविल मुकदमो के लिये एडवोकेटस् की एक सूची न्यायालय द्वारा जारी की जाती है,जो बतौर कोर्ट की आँख के रूप मे विवादित स्थलों पर जाकर वहां की वास्तविक स्थिति को देखकर,नक्शा बनाकर या आदेशानुसार वीडियोग्राफी करा कर विवादित स्थल की बाबत अपनी आख्या कोर्ट के सम्मुख प्रस्तुत करते हैं…इस रिपोर्ट पर भी कोर्ट पक्षों से आपत्ति मांगती है…..फिर कोर्ट उस कमीशन पर निर्णय करती है कि यह साक्ष्याधीन पुष्ट होने योग्य है या नही……..यह है एडवोकेट कमिश्नर का काम……जिस पर मुसरिम कौम दो दिन से अल्ला ओ अकबर का नारा लगा कर हाय तौबा मचा कर सर्वे मे बाधा पहुंचा कर अपने को नंगा कर रहा है….एकदम UCC की तरह जिसका ड्राफ्ट तक अभी न तैयार है और न सामने आया है…जबकि हिंदू पक्ष श्रृंगार गौरी का सर्वे कराने के लिये प्रत्येक स्थित मे तैयार है….!!

अब आइये बात करते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद के इस विवाद को लेकर कोर्ट के वीडियोग्राफी कराये जाने के आदेश को मुस्लिम पक्ष द्वारा इंकार करने को लेकर….आखिर वो क्यों वीडियोग्राफी कराये जाने से मना कर रहे हैं….क्यों बाधक बन रहे हैं…….उन्हे किस बात का डर है….क्या ज्ञानवापी की सच्चाई से लेकर श्रृंगार गौरी मंदिर की वर्तमान स्थलीय सच्चाई की पोल खुल जाने के डर से भयाक्रांत है….क्योंकि पूरा मुसरिम समाज जानता है कि हर जगह की तरह इस मज्जिद का निर्माण भी मंदिर पर हुआ है…जिसके साक्ष्य बहुत मिटाने के बाद भी चारो तरफ बिखरे हैं,जो चीख चीख कर कह रहे हैं कि यहां कोई मस्जिद नही बल्कि हिंदू मंदिर पर बना एक कलंक है,बाकी वहां अपने महादेव की ओर मुख करके महादेव की प्रतीक्षा करते बैठे नंदी महाराज सारी सच्चाई स्वयं बता दे रहे हैं।

कमीशन का उद्देश्य है कि क्या वहां विग्रहो को क्षति पहुंचाई गई है…क्या श्रृंगार गौरी को नुकसान पहुंचाया गया है….!!
क्या अपने किये गये पाप को कमीशन होने से नंगा हो जाने के कारण और स्थल का सच सामने आ जाने से ही पूरा मुसरिम समाज घबराया है कि वो ही मंदिरो के विध्वंसक रहे हैं…उन्होने ही गैर मुस्लिम पूजा स्थलो को गिराकर वहां मस्जिदे बनाई……!!

विवादित स्थल के साक्ष्य साबित कर देंगे इस्लाम शांति का मुखौटा ओढ़ कर विध्वंस करता रहा है…इससे उनके द्वारा फंसने पर खेले जाने वाले फर्जी विक्टिम कार्ड की हवा निकल जायेगी…इससे वो अयोध्याजी की तरह एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने नंगे हो जायेंगे….यह सब नही तो और कौन सा कारण है जो मुस्लिम कौम कोर्ट के आदेश के बाद भी ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी कराने से रोक रही है…भाग रही है….जबकि हाईकोर्ट से कमीशन रोकने की उनकी याचिका खारिज तक हो चुकी है???

एक साधारण सी वीडियोग्राफी वाले सर्वे से क्यों मुंह छिपा कर भाग रहे हो भाईचारे का खोखला ढ़ोल पीट कर गंगा जमुनी तहजीब के फर्जी तराने गा गा कर विक्टिम कार्ड खेलने वाले मोमिनो?

हां मोमिनो….तुमसे एक बात और कहूंगा….कि चाहे जितना सियापा मचा लो..न वीडियोग्राफी सर्वे…न ही कमीशन रोक नही पाओगे…आज नही तो कल सच सामने आयेगा ही……..ताजा ताजा सलवार उतार कर, उछलते हरे टिड्डों को कह रहा हूं जो अपने हिंदू पुरखों को भूल कर…….गजनी से लेकर गौरी तक के लश्कर मे शामिल आक्रांताओं का फातिहा पढ़ने को शान समझते हैं….उन सबका सच सामने आ जायेगा कि अलतकिया की ओट मे गजवा ए हिंद का खेल ऐसे लोग मिलकर कैसे खेल रहे हैं….बाकी इनको जानना चाहिये कि अयोध्या प्रकरण मे हमारे प्रभू राम के कोप को झेल नही पाये हो तो हमारे महादेव का तांडव तो अभी बाकी है,जिसको बर्दाश्त करने की औकात न तुम्हारी कौम और न ही तुम्हारे अंदर है……!!

फिलहाल मुझे अब विश्वास हो रहा है हमारे नंदी महाराज जी की प्रतिक्षा भी शीघ्र समाप्त होने जा रही है।

#हर_हर_महादेव
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh

साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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