Positive India:Rajesh Jain Rahi:
मुफ्त वाली राजनीति, काम की है आजकल,
काम के हुए हैं फिर, जिन्ना मेरे देश में।
भ्रष्टाचार फूल रहा, फल रहा रात दिन,
रहते हैं घर पर, अन्ना मेरे देश में।
माँग रहे आजादी वो, अधिकार छीनकर,
देशप्रेम का बेकार, पन्ना मेरे देश में।
गुड सबको लुभाए, गुलगुले सब खाएं,
कौन उपजाये कहो, गन्ना मेरे देश में।
राजेश जैन राही, रायपुर