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मुफ्त की गंगा में हराम के गोते लगाने का घृणित उदाहरण है केजरीवाल!

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Positive India:Satish Chandra Mishra:
मुफ्त की गंगा में हराम के गोते लगाने का घृणित उदाहरण है केजरीवाल। न्यूजचैनली लकड़बग्घे लेकिन देश को यह सच नहीं बता रहे हैं…
केजरीवाल ने आज से बुक्का फाड़ कर रोना शुरू किया है और अपनी छाती कूट रहा है कि… हाय मेरे राज्य में वैक्सीन खत्म हो गयी… हाय मोदिया हमेँ वैक्सीन नहीं दे रहा है।
अब जानिए कि सच क्या है।
लगभग 2.10 करोड़ आबादी वाली दिल्ली को केंद्र अब तक 50.21 लाख वैक्सीन दे चुका है। अर्थात दिल्ली को आजतक 25000 वैक्सीन प्रति लाख की दर से वैक्सीन दी गयी है। केन्द्र सरकार ने केजरीवाल सरकार से एक भी वैक्सीन का पैसा तक नहीं लिया है।
जबकि लगभग 24 करोड़ जनसंख्या वाले उत्तरप्रदेश को केन्द्र ने अबतक 2.30 करोड़ वैक्सीन दी है। अर्थात उत्तरप्रदेश को आजतक 9595 वैक्सीन प्रति लाख की दर से वैक्सीन दी गयी है। अर्थात दिल्ली को उत्तरप्रदेश से 161% प्रतिशत अधिक वैक्सीन दी गयी है। लेकिन केजरीवाल की तरह उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बुक्का फाड़ के रो नहीं रहे। पूरे उत्तरप्रदेश के अस्पतालों का तूफानी दौर कर रहे हैं। एक महीने में उत्तरप्रदेश को भयानक कहर के दौर से बाहर लाकर खड़ा कर दिया है।
इसी प्रकार
बिहार को 7209 वैक्सीन प्रति लाख की दर से 9458666 वैक्सीन मिली है। अर्थात दिल्ली को बिहार से 246% अधिक वैक्सीन मिली है। लेकिन केजरीवाल की तरह बिहार के मुख्यमंत्री बुक्का फाड़ के रो नहीं रहे हैं। जमकर काम कर रहे हैं। परिणामस्वरुप बिहार उन राज्यों की कतार में खड़ा है जहां मृत्यु दर संक्रमण दर सबसे कम है।
उत्तरप्रदेश से 160% और बिहार से 246% अधिक वैक्सीन पाने के बावजूद केजरीवाल ने उनका कैसा फूहड़ दुरुपयोग किया इसका शर्मनाक उदाहरण आज ही सामने आया है। कोरोना की दूसरी लहर में देश में जिन 420 डॉक्टरों की मृत्यु हुई उन में 100 डॉक्टर केवल दिल्ली के ही हैं। जबकि वैक्सीन की पहली खेप केवल डॉक्टरों को ही लगायी जानी चाहिए थी।
लेकिन दुर्भाग्य से न्यूजचैनली लकड़बग्घे देश को केजरीवाल का उपरोक्त सच बताने के बजाए यूपी, बिहार एवं मोदी सरकार के खिलाफ तथा केजरीवाल की तारीफ में बेशर्म लौंडा डांस कर रहे हैं।
यही कारण है कि केजरीवाल पूरी बेशर्मी से बेखौफ होकर मुफ्त की गंगा में हराम के गोते लगा रहा है। रोज नया ड्रामा कर रहा है।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार)

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