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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का हुआ स्वर्गवास

Mother of PM Narendra Modi Heera Ben leaves for heavenly abode at an age of 100 years.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी मां हीराबेन की अर्थी को दिया कांधा
Positive India:Ahmedabad:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार को निधन हो गया. तबीयत बिगड़ने के बाद हीरा बा को अहमदाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था। पीएम मोदी मां का हाल जानने के लिए बुधवार को अहमदाबाद भी गए थे जहां उन्होंने मां के साथ 80 मिनट बिताया था। गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान बीते 4 दिसंबर को पीएम मोदी मां हीराबेन से मिलने भी गए थे। हीराबेन मोदी ने इसी साल जून माह में साैवें साल में प्रवेश किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मां को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा,
“शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम… मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।
मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि કામ કરો બુદ્ધિથી, જીવન જીવો શુદ્ધિથી यानि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।”
तबीयत बिगड़ने के बाद हीराबेन मोदी को अस्पताल में भर्ती किया गया था।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी श्रद्धांजलि:
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “माननीय प्रधानमंत्री जी को मातृ शोक का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। माँ का जाना जीवन से मुख्य आधार स्तंभ के ढह जाने जैसा होता है। एक ऐसी क्रिया जिसकी शून्यता सदैव अनुभव होती है।
इस शोक की घड़ी में ईश्वर नरेंद्र मोदी जी, उनके परिवारजनों को साहस और माता जी को श्री चरणों में स्थान दे।”

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डॉ रमन सिंह ने दी श्रद्धांजलि:
छत्तीसगढ़ की पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने कहा, “मां जब भी छोड़ कर जाती हैं, सारा घर सूना हो जाता है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की माता हीराबेन मोदी जी का निधन अत्यंत भावुक क्षण है।श्री कृष्ण जी से प्रार्थना है कि उन्हें बैकुंठ धाम में स्थान और श्री मोदी जी समेत सभी परिजनों को इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करें।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा (हीराबेन) का जन्म 18 जून 1923 को मेहसाणा में हुआ था. उनकी एक शताब्दी की जिंदगी में कई संघर्ष शामिल रहे. हीराबेन की शादी दामोदरदास मूलचंद मोदी से हुई थी वे तब चाय बेचकर परिवार का गुजर बसर करते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत हीराबेन और दामोदरदास मूलचंद की छह संतानें थीं. नरेंद्र मोदी तीसरे नंबर पर थे. नरेंद्र मोदी के अलावा अमृत मोदी, पंकज मोदी, प्रह्लाद मोदी, सोमा मोदी और बेटी वसंती बेन, हंसमुखलाल मोदी हैं.

मां के संघर्षों को याद कर जब भावुक हुए पीएम मोदी:
100 साल की जिंदगी में पीएम मोदी की मां हीराबेन मोदी ने अपने पति दामोदरदास मोदी के निधन के बाद छह बच्चों की परवरिश के लिए काफी संघर्ष किया. खुद पीएम मोदी कई बार अपनी मां हीरबा के संघर्षों की कहानियों को भावुक होते हुए बयां कर चुके हैं. पीएम मोदी ने साल 2015 में अपनी अमेरिका की यात्रा के दौरान फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के साथ एक बातचीत के दौरान मां हीराबेन के संघर्षों के दौरान कहा था कि, ‘मेरे पिताजी के निधन के बाद मां हमारा गुजारा करने और पेट भरने के लिए दूसरों के घरों में जाकर बर्तन साफ करती थीं और पानी भरती थीं.’ इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे।

पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने बयां की मां के संघर्षों की कहानी:
पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने मां हीराबेन के संघर्षों की कहानी को एक टीवी चैनल के साथ साझा करते हुए कहा था कि, ”उनकी मां जब मात्र 6 महीने की थी तब उनकी नानी उन्हें छोड़कर चल बसीं थीं. प्रह्लाद मोदी ने कहा कि मेरी नानी के गुजर जाने के बाद उनके नाना ने दूसरी शादी की. फिर उनसे जो बच्चे हुए उनके पालन पोषण की जिम्मेदारी भी हीरा बा पर ही थी. वे आगे कहते हैं कि उनकी मां छोटी उम्र में ही मां बन चुकी थीं. भाग्य को इससे ही संतोष न था. नाना जी की दूसरी पत्नी गुजर गईं, फिर उन्होंने तीसरी शादी की. उनसे बच्चे हुए. उनका जिम्मा भी हीराबेन पर ही आया. फिर उन्होंने अपने बच्चों को भी पाला.”

चोरी पर जब हीराबेन ने मोदी के भाई की कर दी थी पिटाई:
प्रह्लाद मोदी बताते हैं कि उनकी मां ने स्कूल देखा ही नहीं था, फिर भी मां के भीतर बच्चों को पढ़ाने की जिज्ञासा थी. वे हमें हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित करती रहती थीं. प्रह्लाद मोदी बताते हैं कि एक बार उनके बड़े भाई कहीं से कोई चीज लेकर घर आए. तब भाई बच्चे थे और उन्हें इस बात का बोध नहीं था कि उन्होंने चोरी की है. इस बात का पता जब मां को पता चला तो उन्होंने भाई की डंडे से पिटाई कर दी. भाई को वहां तक ले गई और वह सामान वापस करवाया. प्रह्लाद मोदी कहते हैं संस्कार देने की जो कला है, ये कला माता दे सकती हैं और हमारी मां से हमें ये मिली है. मां के स्वभाव में बेइमानी बिल्कुल नहीं थी.

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