www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

मोदी सरकार ने ऐसे हालात पैदा किए कि राजीव गांधी का हत्यारा रिहा हो गया: कांग्रेस

laxmi narayan hospital 2025 ad

पॉजिटिव इंडिया: दिल्ली;कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे हालात पैदा किए कि अदालत को यह निर्णय देना पड़ा।पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आतंकवाद को लेकर सरकार का यह रवैया निंदनीय है।उन्होंने संवाददाताओं से कहा,उच्चतम न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे करोड़ों भारतीय नागरिकों की भावना आहत हुई है, क्योंकि न्यायालय ने राजीव गांधी जी के एक हत्यारे को रिहा कर दिया है। तथ्य बड़े स्पष्ट हैं और जिम्मेदार मोदी सरकार है।उनके अनुसार,नौ सितंबर, 2018 को तमिलनाडु की तत्कालीन अन्नाद्रमुक-भाजपा सरकार ने उस समय के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को सिफारिश भेजी कि राजीव गांधी जी की हत्या के सभी सात दोषियों को रिहा कर दिया जाए। राज्यपाल ने कोई निर्णय नहीं लिया। उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए मामला राष्ट्रपति को भेज दिया। राष्ट्रपति ने भी ने कोई निर्णय नहीं लिया।सुरजेवाला ने दावा किया कि इस विलंब और भाजपा सरकार द्वारा नियुक्त राज्यपाल द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने के कारण एक हत्यारे को रिहा कर दिया। अब सभी दोषी रिहा हो जाएंगे।
उन्होंने सवाल किया,मोदी जी, क्या आपका यही राष्ट्रवाद है? क्या आपका तौर-तरीका है कि कोई निर्णय ही नहीं लो और उस आधार पर अदालत राजीव गांधी जी के हत्यारे को रिहा कर दे?कांग्रेस नेता ने कहा,जिस आधार पर निर्णय हुआ है उस आधार पर तो हजारों तमिल कैदियों को छोड़ दिया जाना चाहिए और देश में आजीवन कारावास के लाखों कैदी हैं, उनको भी छोड़ दिया जाना चाहिए।
सुरजेवाला ने कहा,यह कांग्रेस के एक नेता का सवाल नहीं है, बल्कि राजीव गांधी जी हमारे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी। सरकार का रुख निंदनीय है और इसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। देश के लोग देख लें कि इस सरकार का आतंकवाद को लेकर रवैया क्या है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने का बुधवार को आदेश दिया, जो उम्रकैद की सजा के तहत 30 साल से अधिक समय से जेल में बंद है।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया। साभार पीटीआई

Leave A Reply

Your email address will not be published.