positive India,कोकराझार (असम),7.02.20 (भाषा) एक समय बोडोलैंड के लिए सशस्त्र आंदोलनों का गवाह रहे असम में शांति पहल का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कश्मीरी उग्रवादियों, पूर्वोत्तर के प्रतिबंधित संगठनों और नक्सलियों से हथियार छोड़ने तथा राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होने और “जीवन का जश्न” मनाने की अपील की।
बोडो शांति समझौते पर 27 जनवरी को हस्ताक्षर किए जाने का जश्न मनाने के लिए आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ये समझौता असम में शांति की नयी सुबह लेकर आया है।
इस मौके पर उन्होंने पिछली गैर-भाजपा सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि इससे पहले किसी ने पूर्वोत्तर के लोगों की समस्या का समाधान नहीं किया और अशांति को जारी रहने दिया।
उन्होंने कहा,इस रुख ने क्षेत्र के लोगों को केंद्र से अलग-थलग रखा और उनका भारतीय लोकतंत्र एवं संविधान में विश्वास खत्म हो गयाl उन्होंने कहा,बोडो समझौते से नई उम्मीदों, नए सपनों, नए हौसले का संचार हुआ है, लोगों के सहयोग के कारण ही स्थाई शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ है।”
उन्होंने कहा, “कश्मीर, पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों, और नक्सली इलाकों में जो लोग अभी भी बम, बंदूक और बुलेट थामे हुए हैं… वापस आइए… मुख्य धारा में शामिल होइए। वापस लौट आइए और जीवन का जश्न मनाइए।”
उन्होंने कहा कि अब पूर्वोत्तर की शांति एवं विकास के लिए एक साथ मिलकर काम करने का वक्त है। गौरतलब है कि इस समझौते से अशांत राज्य में सदा के लिए शांति कायम होने की उम्मीद की जा रही है।
उन्होंने नये नागरिकता कानून के लागू होने को लेकर क्षेत्र के लोगों की चिंताओं को भी दूर करने का प्रयास किया।
प्रधानमंत्री ने कहा,झूठी अफवाहें फैलाई जा रही है कि सीएए लागू होने के बाद बाहर के लाखों लोग यहां आ जाएंगे। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा।
वह नए नागरिकता कानून के लागू होने के बाद पहली बार असम आए थे। इससे पहले सीएए विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए प्रधानमंत्री ने दो बार… पिछले साल दिसंबर में और इस साल जनवरी में… गुवाहाटी की यात्रा रद्द की थी।
उन्होंने कहा कि 1993 और 2003 में हुए बोडो समझौते असम के बोडो वर्चस्व वाले इलाकों में स्थायी शांति नहीं ला पाए थे।मोदी ने कहा, ‘‘नया बोडो समझौता समाज के सभी समुदायों और वर्गों की जीत है। कोई भी हारा नहीं है। इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अब कोई मांग नहीं बची है।’’
सरकार ने असम के सबसे खतरनाक उग्रवादी समूहों में से एक नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के सभी धड़ों, ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू), यूनाइटेड बोडो पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (यूबीपीओ) के साथ 27 जनवरी को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत उन्हें राजनीतिक एवं आर्थिक लाभ देने की बात कही गई थी, लेकिन अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बनाने की नहीं।प्रधानमंत्री ने कहा कि उच्च शक्ति वाली समिति के रिपोर्ट सौंपने के बाद असम समझौते की उपधारा छह को लागू करने के लिए केंद्र तेजी से काम करेगा। इस उपधारा में असम के लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान एवं संपदा को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए संवैधानिक, विधायी एवं प्रशासनिक संरक्षण देने का उल्लेख है।
उन्होंने कहा“पूर्वोत्तर कभी सिर्फ आर्थिक सहायता लेने वाला राज्य माना जाता था, लेकिन अब वह विकास का इंजन हैl
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद 14वें वित्त आयोग के तहत क्षेत्र के आठ राज्यों के लिए केंद्र का कुल आवंटन बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपये के आश्चर्यनजक स्तर पर पहुंच गया, जबकि 13वें वित्त आयोग के तहत यह राशि 90,000 करोड़ रुपये था।
मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में लंबे समय तक सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफस्पा), 1958 लागू रहा लेकिन अब त्रिपुरा और राज्य के कई अन्य हिस्से इससे मुक्त हो गए हैं।
Positive India (www.positiveindia.net.in)has been started in the year 2012 at Raipur by Purshottam Mishra of Chhattisgarh-India. Positive India is offline weekly newspaper and www.positiveindia.net.in is online daily newsportal.Positive India is very active on social media platforms.