Positive India: Delhi; 10 February 2021.
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद का उच्च सदन में कार्यकाल पूर्ण हो रहा है और उन्हें आज विदायी दी गई।
मोदी ने उन्हें एक बेहतरीन मित्र बताते हुए कहा सदन के अगले नेता प्रतिपक्ष को आजाद द्वारा स्थापित मानकों को पूरा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। आजाद ने अपने दल की चिंता जिस तरह की, उसी तरह उन्होंने सदन की और देश की भी चिंता की।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के पद पर रहते हुए आजाद ने कभी दबदबा स्थापित करने का प्रयास नहीं किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे। इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे।
मोदी ने कहा तब सबसे पहले, गुलाम नबी आजाद ने फोन कर उन्हें सूचना दी और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। मैंने तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी से पर्यटकों के पार्थिव शरीर लाने के लिए सेना का हवाई जहाज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। रात को पुन: आजाद ने फोन किया। यह फोन उन्होंने हवाईअड्डे से किया और उनकी चिंता उसी तरह थी जिस तरह लोग अपने परिवार की चिंता करते हैं।
यह बोलते हुए प्रधानमंत्री का गला रुंध गया।
मोदी ने कहा मेरे लिए बहुत भावुक पल था। अगले दिन सुबह पुन: आजाद का फोन आया और उन्होंने पूछा कि मोदी जी, क्या सभी पहुंच गए।
उन्होंने कहा एक मित्र के रूप में घटनाओं और अनुभव को देखते हुए मैं आजाद का बहुत आदर करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कुछ यादें साझा करते हुए कहा कि जब वह कोविड-19 महामारी पर सदन में विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक बुलाने पर विचार कर रहे थे तब आजाद ने फोन कर उन्हें सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाने का सुझाव दिया था। मोदी ने कहा,मैंने वह सुझाव माना और वह सुझाव उपयोगी रहा।
आजाद के बारे में मोदी ने कहा आजाद को सत्ता पक्ष में रहने का और विपक्ष में रहने का गहरा और लंबा अनुभव है । 28 साल का कार्यकाल बड़ी उपलब्धि होता है।
उन्होंने कहा कि बहुत पहले एक बार संसद भवन में लॉबी में वह आजाद से बात कर रहे थे। वहां से निकलने पर पत्रकारों के सवाल पूछने पर आजाद ने कहा था ,टीवी पर , अखबारों में आप हमें लड़ते झगड़ते देखते हैं। लेकिन यहां हम सबके बीच एक परिवार की तरह वातावरण होता है।
मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा अपने सरकारी बंगले को आजाद ने बहुत प्यार से संवारा और उनका बगीचा देख कर वहां कश्मीर की याद आ जाती है। उन्होंने वहां एक कश्मीर बना रखा है। स्पर्धा में उनका बंगला पहले नंबर पर आ जाता है।
दोनों सदनों में आजाद के लंबे कार्यकाल का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सौम्यता, विनम्रता और देश के लिए कुछ कर गुजरने की कामना प्रशंसनीय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद की यह प्रतिबद्धता उन्हें आगे भी चैन से नहीं बैठने देगी और उनके अनुभवों से देश लाभान्वित होता रहेगा।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में उन्हें आजाद की कमी खलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह जल्द ही सदन में वापस लौटेंगे।
आजाद के साथ ही भाजपा के शमशेर सिंह मन्हास, और पीडीपी के मीर मोहम्मद फ़ैयाज तथा नजीर अहमद लवाय का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है।
आजाद और नजीर अहमद का कार्यकाल 15 फरवरी को और मन्हास तथा मीर फयाज का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने मीर मोहम्मद फयाज, नजीर अहमद लवाय का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इन दोनों सदस्यों के साथ बातचीत में कश्मीर के अनेक पहलुओं के बारे में जानकारी मिलती थी। उन्होंने कहा कि इन सदस्यों के साथ उनका व्यक्तिगत तौर पर नाता रहा।
उन्होंने भरोसा जताया कि इन दोनों सदस्यों की प्रतिबद्धता देश के लिए, खास कर जम्मू कश्मीर के लिए बेहद उपयोगी रहेगी।
शमशेर सिंह का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और शमशेर सिंह दोनों ही संगठन में थे अत: उनका साथ लंबा रहा। उन्होंने कहा कि सदन में शमशेर सिंह की उपस्थिति 96 फीसदी है जो बताती है कि उन्होंने जनता द्वारा दिए गए दायित्व को निभाने का पूरा प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के इन चारों सदस्यों का यह कार्यकाल उनके जीवन के बेहतरीन कार्यकाल में से है।
Source:pti bhasha
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