कलेक्टर दीपक सोनी ने रोके 09 बाल विवाह
प्रशासनीक टीम के डर से गांव में बिना मण्डप के हो रहे थे वैवाहिक कार्यक्रम
Positive India:सूरजपुर:
जिले में बाल विवाह के रोक थाम के लिये कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी मुक्तानंद के मार्गदर्शन में लगातार कार्यवाही की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में प्रशासनिक अमलों के द्वारा समय-समय पर बाल-विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी दिये जाने के बावजूद बाल-विवाह थमने का नाम नहीं ले रहा है, ग्रामीण शासन की नजरों में धूल झोंकतें हुुए बाल-विवाह जैसी कुरीतियों को अंजाम दे रहे हैं, इसी क्रम में जिले के रामानुजनगर विकास खण्ड के सुदूर ग्राम रामेश्वरम् एवं पंचवटी में नाबालिकों की शादी कराई जा रही थी, मगर एक भी घर में मण्डप नहीं लगा था, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जब वहां गई तो ग्रामीण बताये हम शादी नहीं कर रहे है, देख लो मण्डप कहां लगा है? इसकी सूचना प्राप्त होने पर कि बाल विवाह हो रहा है। नाबालिकों को जन्म तिथि का सत्यापन किया गया तो पता चला कि लड़के या लड़की किसी का भी उम्र 18 वर्ष नहीं हुआ है। संयुक्त टीम जब मौके पर पहुंची तो मण्डप नहीं था और लड़कियों को दूसरे के घर में छुपा कर रखे थे। टीम द्वारा पड़ताल करने पर पता चला कि अन्दर ही अन्दर वैवाहिक कार्यक्रम चल रहे है। लड़कियों को एवं लड़को को हल्दी के रस्म कराये जा रहे है, और विवाह करने की पूरी तैयारी चल रही है।
संयुक्त टीम के समझाइश पर दोनों गांव के लोगों पंच, सरपंच, उप सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं परिजनों ने अब अपने गांव में कभी भी बाल विवाह नहीं करने और वर्तमान में हो रहे बाल विवाह को स्थगित करने का निर्णय लिया। ग्राम रामेश्वरम् में रोके गये बाल विवाह में दोनों लड़के मात्र 17 वर्ष के थे वहीं दो बालिका जिनकी उम्र 15 एवं 16 वर्ष की थी। ग्राम पंचवटी में जो बाल विवाह हो रहे थे उसमें बालक की उम्र 17 वर्ष एवं बालिका की उम्र मात्र 16 वर्ष थी।
रामानुजनगर के बाल विवाह रोकवाने में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, रामानुजनगर की परियोजना अधिकारी अमृता भगत, संरक्षण अधिकारी अखिलेश सिंह, सेक्टर सुपरवाईजर धनेश्वरी मरावी, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, आउटरिच वर्कर पवन धीवर एवं अनिता पैकरा, चाईल्ड लाईन से सोनू साहू एवं ललिता जायसवाल पुलिस से अमलेश्वर सिंह, तरैसा तिग्गा शामिल थे।
सायं 7ः00 बजे महिला हेल्प लाईन नं0 181 में शिकायत किया गया कि प्रतापपुर परियोजना के ग्राम केंवरा में 03 नाबालिक लड़कियों की शादी कराई जा रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी मुक्तानंद खुटे के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्तव में टीम रात्रि केंवरा गई जहां बारात लग चुका था। उम्र का सत्यापन करने पर जिनकी शादी हो रही थी उनमे से 01 बालिका का 17 वर्ष एवं दो बालिकाओं का उम्र मात्र 16 वर्ष है। मौंके पर सभी परिजनों को समझाईश दी गई कि यदि विवाह हो जाता है तो अपराध हो जायेगा इस लिए यह विवाह ना करें। समझाईश के बाद सभी बाल विवाह नहीं करने को तैयार हुए। तीनों बारात को रात्रि 01ः00 बजे वापस किया गया और पंचनामा तैयार कर बाल विवाह रूकवाया गया।
बाल विवाह रूकवाने वाले में परियोजना अधिकारी सरिता सिंह, विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी अमित कुमार भारिया, परामर्श दाता जैनेन्द्र दुबे, पर्यवेक्षक पी0एम0 ध्रुव, थाना प्रभारी चित्रलेखा, प्रधान आरक्षक अशोक सोनवानी, चाईल्ड लाईन से कार्तिक मजूमदार, जर्नादन यादव, सखि वन स्टाप सेन्टर से शबनम बानो, बालिन्द प्रसाद सिंह, अभय तिवारी, अखिलेश दुबे उपस्थित थे।
तीन दिन में रोके गये 13 बाल विवाह- विगत तीन दिनों में टीम के द्वारा जिले में 13 बाल विवाह रोके गये है। रामानुजनगर के मदनेश्वरपुर में एक 17 वर्षीय बालिका सूरजपुर से लगे तिलसिवां में 15 वर्षीय बालिका का मानी चौंक विकास खण्ड सूरजपुर में 16 वर्षीय बालिका का एवं परसिया ओड़गी में एक 20 वर्षीय बालक का बाल विवाह रोका गया है।
टीम जब तिलसिवां में बाल विवाह रोकने गई तो 15 वर्षीय बालिका नाराज होकर रोने लगी कि मैं शादी कर रही हूं तो आप लोगों को क्या आपत्ति है। बाद में पता चला कि बालिकाओं को उनके परिजनों द्वारा यह सब करने को बताया गया था। सभी जगह समझाईश के बाद सभी विवाह नहीं करने को सहमत हुए।
कलेक्टर ने जिले वासियों से अपील की है, कि आने वाले समय में अक्षय तृतीया में एक बड़ा मुहुर्त आने वाला है। सभी से विनम्र प्रार्थना है कि बालिका का उम्र 18 वर्ष से पहले और बालक का 21 से पहले विवाह ना करें। विवाह लगाने के पूर्व जन्मतिथि जरुर देखें। उसके पश्चात् ही रिश्तेदारी में विवाह की बात करें। कम उम्र में विवाह समाज के लिए अभिशाप है। साथ ही साथ आपकी बच्ची का कम उम्र में विवाह हो जाने से उसे अपने जीवन में काफी परेशानी आ सकती है, इसलिए उम्र होने पर ही विवाह करें।