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मीर की शायरी, एक पैगाम है: राही की कलम से

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Positive India:Rajesh Jain Rahi:

हाथ में जाम है,
आपसे काम है।

दिन फिरेंगे कभी,
घोषणा आम है।

मीर की शायरी,
एक पैगाम है।

काव्य में सत्य का,
सुखमयी ग्राम है।

राधिका की गली,
प्रेम का धाम है।

ठीक हो जो नजर,
राम ही राम है।

गुनगुनाओ बड़ा,
ईश का नाम है।

आप आये यहाँ,
मीत आराम है।

शेर ‘राही’ कहे,
सुरमयी शाम है।

लेखक:कवि राजेश जैन राही

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