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मौलाना तौक़ीर रज़ा पता नहीं क्यों भूल गया है

-सतीश चन्द्र मिश्रा की कलम से-

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Positive India:Satish Chandra Mishra:
मौलाना तौक़ीर रज़ा पता नहीं क्यों भूल गया है…
जिन लौंडों द्वारा कानून हाथ में ले लेने की धमकी मौलाना तौक़ीर रज़ा दे रहा है। उन जैसे लौंडों के खिलाफ अहिंसा के पुजारी एक बौद्ध भिक्षुक संत विराथू ने म्यांमार में जब से कानून हाथ में लिया है तब से वो लौंडे और उनके माईबाप पूरी दुनिया में भागे भागे घूम रहे हैं, कहीं ठिकाना नहीं मिल रहा है।

जिन लौंडों द्वारा कानून हाथ में ले लेने की धमकी मौलाना तौक़ीर रज़ा दे रहा है। उन जैसे लौंडों के खिलाफ देश के सबसे शांत और अहिंसक समाज, गुजराती समाज ने 20 साल पहले जब कानून हाथ में ले लिया तो नतीजा यह निकला कि तब से अब तक वही लौंडे और उनके माईबाप सब मिलकर हाय दइय्या गुजरात… हाय मइय्या गुजरात… चिल्ला रहे हैं।

जिन लौंडों द्वारा कानून हाथ में ले लेने की धमकी मौलाना तौक़ीर रज़ा दे रहा है। उन जैसे डेढ़ सौ करोड़ लौंडों के खिलाफ केवल 85 लाख की आबादी वाला इजराइल पिछले 60-70 सालों से पूरी दुनिया का कानून अपने हाथ में लिए हुए है। जब चाहता है तब अपने हाथ में जूता लेकर उन डेढ़ सौ करोड़ लौंडों पर जमकर बजाता है। वो डेढ़ सौ करोड़ लौंडे यही चिल्ला रहे हैं… भइय्या बस करो, भइय्या रहम करो।

ऐसे उदाहरणों की सूची बहुत लंबी है। लेकिन यह तीन उदाहरण ही उन लौंडों की जूताखोरी (लोकल से ग्लोबल तक) की सच्चाई को बयान कर देते हैं। इन्हीं लौंडों जैसे ही वो लौंडे भी हैं, जिनके द्वारा कानून हाथ में ले लेने की धमकी तौक़ीर रज़ा हिन्दूओं को दे रहा है।

साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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