मशहूर एक्टर गिरीश कर्नाड का निधन।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिरीश कर्नाड के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
Positive India: भारतीय फिल्म जगत के मशहूर कलाकार पद्मभषण से सम्मानित गिरीश कर्नाड का आकस्मिक निधन होने से फिल्म ने एक बेहतरीन आर्टिस्ट खो दिया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गिरीश कर्नाड के निधन पर शोक व्यक्त किया है।उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि गिरीश कर्नाड सभी माध्यमों में अपने बहुमुखी अभिनय के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। वे अपनी पसंद के विषयों पर भावुकता से बोलते थे। भविष्य में भी उनका काम लोकप्रिय रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके निधन पर दुखी हूं, उनकी आत्मा को शांति मिले। गिरीश कार्नाड का जन्म 19 मई, 1938,माथेरान, महाराष्ट्र मै हुआ था।आप भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार थे। कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है। 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता कर्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुये और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है। प्रमुख भारतीय निदेशको – इब्राहीम अलकाजी, प्रसन्ना, अरविन्द गौड़ और बी.वी. कारंत ने इनका अलग- अलग तरीके से प्रभावी व यादगार निर्देशन किया था।साहित्य के लिए1 972 संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सममानित इस कलाकार को1974 मै पद्मश्रीसे नवाजा गया।1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार
1998 में ज्ञानपीठ पुरस्कार ,सिनेमा के क्षेत्र में 1980 में फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार इनकी सर्वश्रेष्ठ पटकथा ’गोधुली’(बी.वी. कारंत के साथ) दिया गया था।इसके अतिरिक्त कई राज्य स्तरीय तथा राष्ट्रीय पुरस्कार लगातार अपने अपने जीवन में प्राप्त किए ।कई नाट्य मंचन,कई कला फिल्मों में अपने असाधारण अभिनय किया।ऐसे कलाकार धरती में विरले ही होते।