Positive India: इस देश का सौभाग्य कहे या दुर्भाग्य, यहां का इतिहास विभीषण व जयचंदो से ही भरा पड़ा है । ये हर समय तत्पर रहते है । इसलिए देश विरोधी तत्वो के साथ हर सदी से जुड़े रहते है । यही लोग हर समय मानवतावादी का चोला पहन कर हर मुकाम पर खड़े रहते है । अजहर तू चिंता न कर, तेरे साथ हर समय हमारे देश के जयचंद खड़े है । यू.नो जैसी संस्था भी इतनी कायर निकलेगी, लगा नही था । जब इस देश मे चुनाव का माहौल है जितने भी धर्मनिरपेक्ष और मानवतावादी लोग चुनाव मे व्यस्त है ऐसे परिस्थिति मे इस तरह का समाचार जहा धक्का लगने लायक था वही पीड़ा दायक भी था । समाज सेवी अजहर जहां समाज सेवा मे लगा हुआ था, उसके खिलाफ इस तरह का षड्यंत्र, देश के जयचंदो को अशोभनीय लगा होगा । इस समाजसेवी ने हर समय हिंदुस्तान के हितो का ही ख्याल रखा है । उसने बढ़ती हुई आबादी को नियंत्रण मे करने के लिए इस तरह का सहयोग हर कदम मे दिया है । इसके बाद भी उसकी आलोचना काफी गलत है । अजहर तू चिंता न कर, हमारे यहां ऐसे कामो के लिए प्रख्यात अधिवक्ता हर समय जी जान से लगे हुए रहते है । उनकी खासियत यह है कि इस तरह के कामो का वो निःशुल्क करने मे फख्र भी महसूस करते है । ये ऐसे ताकतवर लोग है जो फांसी को रुकवाने के लिए रात दो बजे सर्वोच्च न्यायालय तक को काम करने के लिए मजबूर कर सकते हैं । ऐसा करने मे इनकी महारथ हासिल है । फिर ऐसे लोगो के लिए सुरक्षा परिषद् किस खेत की मूली है । इस देश मे एक और वर्ग है जो कलाकार के श्रेणी मे आता है वो भी यहां भय के माहौल मे रह रहा है । इनकी खासियत भी यही है कि इस माहौल मे भी दूसरे धर्म मे शादी कर, वो भी एक नही, दो तीन कर छोड़ने मे भी महारथ हासिल है । ऐसे मे अजहर मसूद तेरे पर बंदिश लग जाएगी तो इन बेचारो का क्या होगा ? वही कुछ धर्मनिरपेक्ष नेता भी है, चुनाव के माहौल मे इस समाचार ने उन्हे व्यथित भी किया है, पर चुनाव की व्यस्तता के चलते अभी खामोश है । पर इनके शब्द भेदी बाण आने वाले दिनो मे देखने को मिलेंगे । अभी इन सब तबको को एक छत्री के नीचे आना होगा और विश्व के इन क्षत्रपो से लोहा लेना होगा । अजहर मैं तेरे को निश्चिंत कर दू आपके उपर कार्यवाही बाद मे होगी । पहले उन्हे हमे लांघना होगा । जब फांसी के खिलाफ हम अपने आंखरी श्वांस तक लडते रहे वैसे ही मै तुम्हे आश्वस्त कर दू हमारे रण बांकुरे जयचंद अपने आंखरी श्वांस तक लड़ते रहेंगे । चीन एक बार धोखा दे सकता है पर हमारा इतिहास है कि हम सिर्फ अपने देश को छोड़कर किसी को धोखा नही देते । हमारा भी कुछ पड़ोसी धर्म है, हम तेरे मुसीबत के समय काम नही आऐंगे तो कब काम आऐंगे । देखना बहुत जल्द हमारे देश के विभीषण व जयचंद अपने काम मे लग जाऐंगे । देखते है कौन क्या कर लेता है?
लेखक: डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)
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