मेक इन इंडिया तथा आत्म निर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए विक्रेताओं द्वारा जीईएम पर उत्पत्ति के देश के बारे में जानकारी देना अनिवार्य
Positive India: Delhi; 24. 6 .2020
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक स्पेशल पर्पस व्हीकल, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने विक्रेताओं के लिए यह अनिवार्य बना दिया है कि जीईएम पर सभी नए उत्पादों को पंजीकृत करने के समय वे उत्पत्ति के देश के बारे में जानकारी अवश्य दें। इसके अतिरिक्त, जिन विक्रेताओं ने जीईएम पर इस नए फीचर के लागू होने से पूर्व अपने उत्पादों को पहले ही अपलोड कर लिया है, उन्हें, इस चेतावनी के साथ कि अगर वे इसे अपडेट करने में विफल रहे तो उनके उत्पादों को जीईएम से हटा दिया जाएगा, नियमित रूप से उत्पत्ति के देश का अद्यतन करने के लिए स्मरण दिलाया जा रहा है। जीईएम ने यह उल्लेखनीय कदम ‘मेक इंन इंडिया‘ तथा ‘आत्म निर्भर भारत‘ को बढ़ावा देने के लिए उठाया है।
जीईएम ने उत्पादों में स्थानीय कंटेंट की प्रतिशतता का संकेत देने के लिए भी एक प्रावधान किया है। इस नए फीचर के साथ, अब उत्पत्ति का देश तथा स्थानीय कंटेंट की प्रतिशतता सभी मदों के लिए मार्केटप्लेस में दृष्टिगोचर हैं। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि अब पोर्टल पर ‘मेक इंन इंडिया‘ फिल्टर सक्षम बना दिया गया है। खरीदार केवल उन्हीं उत्पादों की खरीद कर सकता है जो कम से कम 50 प्रतिशत के स्थानीय कंटेंट के मानदंड को पूरी करते हैं। बोलियों के मामले में, खरीदार अब क्लास 1 स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं (स्थानीय कंटेंट >50 प्रतिशत) के लिए किसी भी बोली को आरक्षित कर सकते हैं। 200 करोड़ रुपये से नीचे की बोलियों के लिए केवल क्लास 1 तथा क्लास 2 स्थानीय आपूर्तिकर्ता (स्थानीय कंटेंट क्रमशः >50 प्रतिशत और >20 प्रतिशत) ही बोली लगाने के पात्र हैं जिसमें क्लास 1 आपूर्तिकर्ता को खरीद वरीयता प्राप्त होगी।
जीईएम पोर्टल पर स्थानीय कंटेंट फीचरों के कुछ आशु चित्र अनुलग्नक में प्रदर्शित किए गए हैं।
अपनी शुरुआत से ही, जीईएम ‘मेक इंन इंडिया‘ पहल को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है। मार्केटप्लेस ने वास्तविक अर्थों में ‘मेक इंन इंडिया‘ तथा सरकार की एमएसई खरीद वरीयता नीतियों को कार्यान्वित करते हुए सार्वजनिक खरीद में छोटे स्थानीय विक्रेताओं के प्रवेश को सुगम बनाया है। जीईएम इस महत्वपूर्ण समय में जब सरकारी संगठनों को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए तत्काल उत्पादों एवं सेवाओं की आवश्यकता है, त्वरित, दक्ष, पारदर्शी और किफायती खरीद को सक्षम बना रहा है। सरकारी उपयोगकर्ताओं द्वारा जीईएम के माध्यम से खरीदों को वित मंत्रालय द्वारा सामान्य वित्तीय नियम, 2017 में एक नए नियम संख्या 149 को जोड़े जाने के जरिये अधिकृत और अनिवार्य बना दिया है।